नोएडा के रोहित सिंगल चाइल्ड हैं। उनके परिवार में भी उनके कोई चचेरे भाई-बहन नहीं हैं। हालांकि, रोहित के ममेरे भाई-बहन हैं, मगर उनसे इतना मिलना-जुलना नहीं होता है। रोहित की शुरूआती पढ़ाई नोएडा के ही एक कॉन्वेंट स्कूल में हुई, जहां पर उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की उसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन, फिर मुंबई से मास्टर्स की पढ़ाई और अब बेंगलूरू में जॉब करते हैं। रोहित ने बताया कि, स्कूल के शुरूआती दिनों से ही उनके घर के पड़ोस में रहने वाले अंकल-आंटी का बेटा उनका दोस्ता बना। उसके घर में वो और उनकी एक बड़ी बहन है। शुरू-शुूरू में दोनों सिर्फ एक साथ स्कूल जाते और आते थें। लेकिन, धीरे-धीरे वो एक-दूसरे के साथ अपना लंच भी शेयर करने लगे। इसके बाद एक साथ ही ट्यूशन जाना, फिर एक ही कॉलेज में एडमिशन लेना। हालांकि, फिलहाल उनका दोस्त दिल्ली में जॉब करता है, वो घर से दूर एक नए शहर में।
रोहित के घर में उनका कोई भाई-बहन नहीं, तो उनका बेस्ट फ्रेंड ही उनके लिए भाई भी है और बेस्ट फ्रेंड भी। किसी भी त्योहार या मौके पर अगर रोहित के मां-पिता रोहित को शॉपिंग के लिए ले जाते हैं, तो वो उसके साथ-साथ उसके बेस्ट फ्रेंड को भी साथ लेकर जाते हैं और दोनों के लिए शॉपिंग करते हैं। ठीक इसी तरह उसके बेस्ट फ्रेंड के परिवार का भी व्यवहार रहता है। रोहित और उसके बेस्ट फ्रेंड की वजह से आज दोनों के पिता भी एक-दूसरे के अच्छे दोस्त माने जाते हैं।
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7.मुझे अच्छा लगता है जब वो मेरे साथ होता है
चेन्नई के मणी का कहना है कि जब भी उन्हें खानी रहने का समय मिलता है, वो अपने दोस्त के घर चले जाते हैं या उसे ही अपने घर पर बुला लेते हैं। इसके बाद दोनों मिलकर कहीं बाहर घूमने या घर में ही कोई मूवी देखने या गेम खेलने का प्लानिंग कर लेते हैं। इतना ही नहीं अगर लंच या डिनर का समय रहता है, तो वो एक-दूसरे के घर पर ही बिना किसी शर्म और हिचक के लंच-डिनर भी कर लेते हैं और उन दोनों की इस आदात को उनके परिवार वाले भी अच्छे से समझ गए हैं और बिना बताए ही वो उनका खाने की टेबल पर इंतजार भी नहीं करते। मणी जब भी अपने बेस्ट फ्रेंड के साथ होते हैं, तो वो खुद को सबसे खुश और सुरक्षित महसूस करते हैं। वो अपने बेस्ट फ्रेंड के साथ हर तरह की बात शेयर कर सकते हैं। कोई भी अजीबगरीब हरकत कर सकते हैं।
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