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आखिर क्यों स्कूल कॉलेज के फ्रेंड्स से धीरे-धीरे अलग होने लगते हैं?

आखिर क्यों स्कूल कॉलेज के फ्रेंड्स से धीरे-धीरे अलग होने लगते हैं?

‘पुरानी जींस और गिटार, मोहल्ले की वो छत और मेरे यार’ अगर दोस्ती का जिक्र किया जाए, तो यह गाना जहन में सबसे पहले बज सकता है। अगर आप अभी स्कूल या कॉलेज में हैं, तो हो सकता है कि यह गाना आप अपने दोस्तों के साथ गुनगुनाते भी होंगे। लेकिन, अगर आप शादी-शुदा हो गए हैं, किसी 9 टू 5 वाली जॉब में मशगूल हो गए हैं या फिर परिवार की जिम्मेदारियों का निभा रहें हैं, तो आप इस गाने को और अपनी दोस्ती को बहुत मिस भी करते होंगे।

क्योंकि, जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, वैसे-वैसे दोस्तों की गिनतियों में कमी आती जाती है। पहले जहां दोस्तों से भरा एक ग्रुप होता था, वहीं अब अकेले ही हम खुद के साथ वक्त गुजराने के लिए मजबूर रहते हैं। लेकिन, क्या आप बता सकते हैं कि आखिर क्यों स्कूल और कॉलेज फ्रेंड्स धीरे-धीरे अलग हो जाते हैं? इस सवाल पर हैलो स्वास्थ्य की टीम को कैसे जवाब मिले हैं, इसके बारे में जानते हैं।

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क्यों न चाहते हुए भी बिखरने लगती है दोस्ती

दोस्ती बिखरने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें कुछ बड़ी जिम्मेदारियां भी हो सकती हैं, जिन्हें निभाने के लिए अपने दोस्तों से दूर जाना ही पड़ता है।

1.क्योंकि अब मैं बड़ा हो गया हूं

मेरे एक करीबी दोस्त नितिन का कहना है कि अब वो बड़े हो गए हैं। बड़े होने पर उनके पास उतना समय नहीं होता कि वो अपने स्कूल या कॉलेज के किसी दोस्त के साथ वक्त बिता पाएं। बड़े होने पर उनके दिन भर का समय अलग-अलग कामों के लिए बंट गया है। अगर इस समय के बीच वो अपनी दोस्ती निभाएंगे, तो उनके काम अधूरे रह जाएंगे। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है दोस्ती निभाने के लिए आपको हर समय दोस्तों के साथ रहने की जरूरत नहीं होती। दोस्ती तो दिल का रिश्ता एक छोटे फोन कॉल या विडियो कॉल से भी लोग दोस्ती निभा लेते हैं।

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2.क्योंकि मुझे करियर बेहतर बनाना है

26 साल के पवन की मानें, तो उन्हें अपने करियर पर ध्यान देना है। हमारी और आपकी ही तरह पवन को भी अपने आने वाले भविष्य की फिक्र है। अपने आने वाले कल को बेहतर बनाने के लिए अब उन्हें अपने बीते हुए कल को पीछे ही छोड़ना पड़ेगा। इसके लिए उनका मन हामी भरता है या नहीं, इसका जवाब जानना भी उनके लिए मायने नहीं रखता है। करियर की राह हर किसी के लिए अलग-अलग हो सकती है, जिस वजह से उनके सारे दोस्त अब अलग-अलग राहों के हमसफर बन गए हैं। कुछ लोगों की दोस्ती इसलिए टूट गई कि उन्हें करियर बनाना था। लेकिन क्या आप जानते है कि दोस्ती निभाने और करियर बनाना दो अलग-अलग चीजें हैं। इनको साथ मिलाकर आप बड़ी गलती करते हैं।

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3.क्योंकि स्कूल, कॉलेज और जॉब में नए दोस्त मिलते गए

मुंबई के प्रियदर्शी देसाई ने बायो एंड टेक में एमएससी की डिग्री ली है। अब वो हेल्थ सेक्टर से जुड़े एक बड़े पब्लिकेशन के मैनेजमेंट का हिस्सा हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वो अभी भी अपने स्कूल-कॉलेज के दोस्तों के साथ जुड़े हुए हैं, तो उनका जवाब भी आप ही के जवाब से मिलता-जुलता रहा। उन्होनें कहा ‘जब मैं स्कूल में था, मेरे ज्यादातर दोस्त मुझे पसंद नहीं थे, जिनसे मैं खुद ही कोई बात नहीं करना चाहता था। लेकिन, कॉलेज के दोस्तों के दोस्तों की कमी उन्हें बहुत खलती है। जॉब की वजह से सारे दोस्तों को अलग-अलग दिशा में जाना पड़ा, जहां उन्हें नए दोस्त भी मिलते रहते हैं। हालांकि, वो अपने कॉलेज के कुछ दोस्तों को बहुत याद करते हैं। वो उनसे बात करना चाहते हैं लेकिन, उनके पास वक्त की कमी है, जिसकी वजह से वो उनसे कोई संपर्क नहीं बना पा रहे हैं।’ दोस्ती नए पुराने और सालों से नहीं चलती बल्कि दोस्ती के लिए कनेक्शन होना जरूरी है।

4.क्योंकि मेरे कंधों पर अब परिवार की जिम्मेदारी है

मेरे एक और दोस्त की राय भी मैंने इस बारे में जाननी चाही। उनका कहना है कि अब उन्हें अपने परिवार के बेहतर जीवन के बारे में सोचना रहता है। उनके कंधों पर परिवार का खर्च रहता है। घर में कब बच्चे के स्कूल की फीस जमा करनी, कब बिजली का बिल जमा करना है या घर से जुड़े दूसरे आर्थिक जिम्मेदारियों को कैसे पूरा करना है, यह सब उन्हीं को संभालना रहता है, जिसके बीच वो कभी-कभार ही अपने एक या दो दोस्त से मिल पाते हैं। आप अपनी जिम्मेदारियों के साथ भी दोस्ती निभा सकते हैं। परिवार की जिम्मेदारी निभाना अलग बात है और दोस्ती निभाना अलग बात है।

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5.क्योंकि पति और पिता के बनने के बाद मैं बदल सा गया हूं

रूप की तरह यह जवाब आपका भी हो सकता है। रूप का कहना है कि शादी करने के बाद कुछ ही सालों में वो एक बच्चे के पिता बन गए हैं, जिससे उनकी जिम्मेदारियों ने उन्हें बहुत बदल दिया है। वो अपने दोस्तों से किसी पार्टी या शादी जैसे किसी माहौल में मिल लेते हैं। इसके अलावा, जब भी उन्हें कोई जरूरत होती है, तो वो फोन पर अपने दोस्तों से बात कर लेते हैं। लेकिन, स्कूल या कॉलेज की तरह एक-दूसरे के साथ पूरे दिन गप्पे नहीं मार पाते हैं, न ही उनके साथ कहीं घूमने का प्लान बना पाते हैं। शादी के बाद लोग दोस्ती निभाने में असमर्थ है क्योंकि उनके ऊपर नए परिवार की जिम्मेदारी है।

6. क्योंकि वक्त के साथ मतलबी लोग जिंदगी से आउट होते गए

भावना बताती हैं कि एक समय था जब उनकी जिंदगी में दोस्तों की कोई कमी नहीं थी। लेकिन वह नहीं जानती थी इसमें आधे से ज्यादा लोग मतलबी हैं। मतलब निकल जाने पर कुछ लोग खुद लिस्ट से बाहर हो गए। कुछ की हरकते देखने के बाद मैंने उन्हें लिस्ट से बाहर कर दिया। आज मैं खुद को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानती हूं। मेरी जिंदगी में दो दोस्त हैं, जिनके साथ मैं अपनी जिंदगी के आखिरी पलों तक दोस्ती कायम रखना चाहती हूं।

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7. क्योंकि सब अलग अलग देशों में जाकर बस गए

जूही दिल्ली में सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं। वो बताती हैं उनके सारे दोस्त इंडिया से बाहर चले गए हैं। कोई जर्मनी जॉब कर रहा है तो कोई सिंगापुर। बिजी लाइफ में  लोग एक शहर में रहकर मिलने का समय नहीं निकाल पाते फिर हम लोग तो अलग अलग देश में हैं। शुरुआत में वीडियो कॉल पर बात हो जाती थी। धीरे धीरे वो सिलसिला भी बंद सा हो गया है।

8. सब शादी करके घर की जिम्मेदारियों और बच्चों में बिजी हो गए

30 साल की सीमा बताती हैं कि मेरी सभी फ्रेंड्स की शादी हो गई और बच्चे भी हो गए हैं। वो सभी अपनी अपनी जिंदगी में मशरूफ हो गई हैं। मुझे शादी नहीं करनी थी इसलिए मैं मुंबई आ गई हूं। वो सभी दिल्ली में हैं। अलग अलग शहरों में होने के कारण भी दूरियां आ गई हैं। आज दोस्ती की लिस्ट इतनी लंबी नहीं है, लेकिन जो कुछ फ्रेंड्स लाइफ में हैं वो बेहद खास हैं। 

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मैं खुद की बात करूं तो मेरे भी दोस्ती का यही हाल है। हालांकि, मैं महीने के किसी एक वीकेंड पर दोस्तों से मिलने का समय निकाल ही लेती हूं। अगर आप सोच रहें है कि दोस्ती खत्म होने के पीछे आप ही की वजह सबसे बड़ी कारण है तो आपका यह सोचना गलता हो सकता है। क्योंकि, आप की ही तरह आपके सभी दोस्तों की भी कोई न कोई वजह हो सकती है। इसलिए, जब भी अपनी जिम्मेदारियों से फुरसत मिले एक बार उनसे बात करने की कोशिश जरूर करें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Friendship: https://www.mayoclinic.org/healthy-lifestyle/adult-health/in-depth/friendships/art-20044860 Accessed August 21, 2020

Friendships are good for health: https://www.livescience.com/53315-how-friendships-are-good-for-your-health.html Accessed August 21, 2020

Making good friends: https://www.helpguide.org/articles/relationships-communication/making-good-friends.htm Accessed August 21, 2020

How Friendship Affects Your Physical & Mental Health: https://www.mindwise.org/blog/mental-health/how-friendship-affects-your-physical-mental-health/ Accessed August 21, 2020

Making Good Friends: https://www.helpguide.org/articles/relationships-communication/making-good-friends.htm Accessed August 21, 2020

The 4 Health Benefits of Friendship: https://www.wth.org/blog/the-4-health-benefits-of-friendship/ Accessed August 21, 2020

Current Version

21/08/2020

Ankita mishra द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

Updated by: Mona narang


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डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/08/2020

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