स्टडी में ये बात सामने आई है कि अगर कोई भी व्यक्ति शहरी भीड़ की जगह प्राकृतिक वातावरण में रोजाना वॉक पर जाए तो उसकी मेंटल हेल्थ में सुधार होता है। प्राकृतिक वातावरण में रोजाना जाने से नेचर (प्रकृति) के साथ एक रिलेशन बन जाता है, जो इंसान के क्रोध को कम करने का भी काम करता है। अगर आप ऐसी जगह में कुछ एक्सरसाइज कर लें तो आपको कुछ ही पलों में तरोताजा महसूस करेंगे। लोगों को अक्सर नदी या समुद्र का किनारा और पहाड़ के आसपास की हरियाली अधिक पसंद आती है।
घूमने के मेंटल बेनिफिट्स : बनाता है माइंड को चैलेंजिंग
ट्रेवलिंग के दौरान चैलेंज से भी दो चार होना पड़ता है। मान लीजिए की आपकी कनेक्टिंग फ्लाइट मिस हो गई, या फिर नैविगेशन एप ने गलत डायरेक्शन बता दिया। अब या तो एक जगह पर बैठ कर सोचेंगे कि क्या करें या फिर दिमाग को तेज गति से घुमाते हुए कोई रास्ता खोजेंगे। जो लोग हमेशा कंफर्टेबल महसूस करना चाहते हैं, वो कुछ सीख नहीं पाते हैं। जबकि ट्रेवलिंग में ऐसा हो ही नहीं सकता है कि आपको कुछ नया सीखने को न मिले। समस्याओं से निकल कर सही रास्ता पा लेने में दिल को बहुत सुकून और खुशी मिलती है। ट्रेवलिंग के दौरान चैलेंज को एक्सेप्ट करना और फिर दिक्कतों का मुकाबला करके बाहर निकलना बहुत कुछ सिखा जाता है। आप जब अपनी रेगुलर लाइफ में वापस आते हैं तो आपको एक अलग तरह की एनर्जी का एहसास होता है। मानसिक रूप से अस्वस्थ्य लोगों को ट्रेवलिंग के लिए जरूर जाना चाहिए।
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घूमने के मेंटल बेनिफिट्स के साथ ही ये भी जानें
अगर आपको लगता है कि घूमने के मेंटल बेनिफिट्स ही होते हैं तो आपको कुछ बातें और भी जाननी पड़ेंगी। फ्रामिंघम हार्ट स्टडी में (Framingham Heart Study) के दौरान ये बात सामने आई है कि जो व्यक्ति एक साल या फिर छह महीने में छुट्टी नहीं लेते हैं, उन लोगों को हार्ट अटैक से मरने की संभावना 20 प्रतिशत और हार्ट डिसीज का जोखिम 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। समय-समय पर ट्रेवलिंग करने पर अच्छे स्वास्थ्य के साथ ही उम्र भी बढ़ने की संभावना रहती है।
घूमने के मेंटल बेनिफिट्स के साथ ही अन्य बेनीफिट्स भी होते हैं। अगर आपको मानसिक रूप से बहुत अकेलापन महसूस हो रहा हो, या फिर वर्कप्लेस में अधिक प्रेशर के कारण काम करने में समस्या महसूस हो रही हो तो ट्रेवल जरूर करें। घूमने के मेंटल बेनिफिट्स के बारे में अपने दोस्तों और परिवारजनों को भी बताएं।
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