यह सभी टेस्ट बैक्टीरियल पेरिकार्डिटिस (Bacterial Pericarditis) का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को पहचानने के लिए किया जाता है। बैक्टीरियल पेरिकार्डिटिस की समस्या का निदान होने के बाद आपको अलग-अलग तरह के ट्रीटमेंट दिए जा सकते हैं। आइए जानते हैं इन ट्रीटमेंट के बारे में।
बैक्टीरियल पेरिकार्डिटिस की समस्या में क्या हो सकता है ट्रीटमेंट? (Treatment for Bacterial Pericarditis)
बैक्टीरियल पेरिकार्डिटिस (Bacterial Pericarditis) की समस्या होने पर ट्रीटमेंट कई तरह के दिए जा सकते हैं। इन सभी ट्रीटमेंट का काम होता है बैक्टीरियल पेरिकार्डिटिस इंफेक्शन को ठीक करना। इस दौरान आपको बेड रेस्ट की सलाह दी जा सकती है। इसके साथ ही आपको सिर ऊंचा करके सोने की सलाह दी जा सकती है, जिससे हार्ट पर कम दबाव पड़े। इसके लिए कई तरह के ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं, जिसमें मेडिकेशन और सर्जरी का समावेश होता है।
मेडिकेशन के तौर पर डॉक्टर आपको यह दवाएं प्रिस्क्राइब कर सकते हैं –
इसके अलावा डॉक्टर अलग-अलग तरह की सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं। यदि बैक्टीरियल पेरिकार्डिटिस की समस्या जरूरत से ज्यादा बढ़ गई है, तो आपको सर्जरी के द्वारा इसे ठीक करना पड़ता है। कई लोगों में क्रॉनिक बैक्टीरियल पेरिकार्डिटिस (Bacterial Pericarditis) की समस्या हो जाती है। यह समस्या तब होती है, जब व्यक्ति 6 महीने से ज्यादा बैक्टीरियल पेरिकार्डिटिस की समस्या से ग्रसित हो और बार-बार यह समस्या पलट कर आ रही हो। ऐसी स्थिति में यदि किसी तरह का ट्रीटमेंट आपके शरीर पर काम ना कर रहा हो, तो डॉक्टर पेरिकार्डियम को शरीर से रिमूव कर सकते हैं। यही वजह है कि बैक्टीरियल पेरिकार्डिटिस की स्थिति किसी भी व्यक्ति के लिए गंभीर साबित हो सकती है। यदि समय पर इसका इलाज न कराया जाए, तो यह आपकी जान के लिए भी खतरा बन सकती हैं।
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बैक्टीरियल पेरिकार्डिटिस की समस्या के बारे में समय पर पता लगाने के लिए आपको इसके लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है। यदि आप लंबे समय तक इन लक्षणों को नजरअंदाज करते हैं, तो बैक्टीरियल पेरिकार्डिटिस (Bacterial Pericarditis) की समस्या क्रॉनिक बन सकती है और यह आपकी जान के जोखिम को बढ़ा सकती है। इसलिए समय रहते इन लक्षणों पर ध्यान दें और डॉक्टर से संपर्क करना ना भूलें। दिल से जुड़े किसी भी इन्फेक्शन में अपने मर्ज़ी से दवाइयां ना लें, क्योंकि यह दवाइयां आपकी हार्ट हेल्थ के लिए समस्या पैदा कर सकती है। इसलिए पूरी तरह से निदान करने के बाद ही बैक्टीरियल पेरिकार्डिटिस की समस्या से जुड़ी दवाईयां लें और समय-समय पर चेकअप जारी रखें।