एचडीएल 50mg/dL से ज्यादा
नोट: ट्राइग्लिसराइड (Triglycerides) कोलेस्ट्रॉल का प्रकार नहीं है, लेकिन यह लिपोप्रोटीन (Lipoprotein) का हिस्सा है, जिससे कोलेस्ट्रॉल स्तर की जानकारी मिलती है। नॉर्मल ट्राइग्लिसराइड लेवल 150 mg/dL से कम होना चाहिए। अगर ट्राइग्लिसराइड लेवल 150 से 199 mg/dL होने का अर्थ है कोलेस्ट्रॉल स्तर बॉर्डर लाइन पर है। वहीं 200 mg/dL से ज्यादा हाय कोलेस्ट्रॉल स्तर (High Cholesterol Levels) की ओर दर्शाता है। कोलेस्ट्रॉल स्तर अगर बढ़ने लगे तो ऐसे में सतर्क रहना जरूरी है और कोलेस्ट्रॉल स्तर की जांच भी करते रहना चाहिए।
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कोलेस्ट्रॉल स्तर जांच कब करवाना चाहिए? (How often should Cholesterol tested?)
कोलेस्ट्रॉल स्तर की जांच उम्र के अनुसार की जाती है। जैसे:
19 वर्ष या इससे कम उम्र में कोलेस्ट्रॉल स्तर की जांच-
- 9 वर्ष से 11 वर्ष के बीच।
- बच्चों को 5 वर्ष के अंतराल पर चेक करवाना चाहिए।
- कुछ बच्चों को 2 वर्ष की आयु में चेक करवाना चाहिए।
20 वर्ष या इससे कम उम्र में कोलेस्ट्रॉल स्तर की जांच-
- यंगस्टर को 5 वर्ष के अंतराल पर।
- 45 वर्ष से 65 वर्ष के पुरुषों को 1 से 2 साल में।
- 55 वर्ष से 65 वर्ष की महिलाओं को 1 से 2 साल में।
नोट: कुछ केसेस में कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच डॉक्टर द्वारा बताये अनुसार करवाना भी आवश्यक है, जिससे इसे कंट्रोल में रखने में मदद मिल सके।
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कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol Levels) किन कारणों से बिगड़ सकता है?
कोलेस्ट्रॉल लेवल निम्नलिखित कारणों से बिगड़ सकता है। जैसे:
- डायट (Diet)- सैचुरेटेड फैट एवं खाद्य पदार्थों में मौजूद कोलेस्ट्रॉल ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाने में सक्षम होते हैं। इसलिए सैचुरेटेड फैट एवं कोलेस्ट्रॉल रिच फूड का सेवन नहीं करें। ध्यान रखें ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल (Blood Cholesterol Levels) बैलेंस में रखने के लिए मीट, डेयरी प्रॉडक्ट्स, चॉकलेट, बेक किये हुए खाद्य पदार्थ, प्रोसेस्ड फूड या तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें।
- वजन (Weight)- शरीर का वजन जरूरत से ज्यादा बढ़ना हार्ट डिजीज (Heart disease) की संभावनाओं को बढ़ाता है। इसके साथ ही इससे ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ने का खतरा बना रहता है। इसलिए वजन संतुलित रखने से बैड कोलेस्ट्रॉल (Low-density lipoprotein) को कम करने में और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (High-density lipoprotein) को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
- फिजिकल एक्टिविटी (Physical Activity)- किसी तरह की शारीरिक श्रम ना करना भी शारीरिक परेशानियों को बढ़ाने का काम करती है। ऐसी स्थिति में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease) की संभावना बढ़ जाती है और ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ने का खतरा बना रहता है। इसलिए रोजाना फिजिकल एक्टिविटी में हिस्सा लेने के साथ-साथ तकरीबन आधे घंटे के लिए एक्सरसाइज, योगासन या टहलने को अपने दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
- स्मोकिंग (Smoking)- स्मोकिंग करने से ब्लड में अच्छे कोलेस्ट्रॉल स्तर कम होने लगते हैं और हाय-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (High-density lipoprotein) को आर्टरीज से हटाने का काम करते हैं, जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने लगता है। इसलिए स्मोकिंग की लत को दूर करें।
- उम्र एवं सेक्स (Age and Sex)- महिला हों या पुरुष उम्र बढ़ने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल स्तर भी बढ़ने लगता है। महिलाओं में मेनोपॉज के पड़ाव में पहुंचते-पहुंचते टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल पुरुषों की तुलना में ज्यादा बढ़ने की संभावना बनी रहती है। वहीं मेनोपॉज (Menopause) के बाद बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा भी बना रहता है।
- हेरिडिटरी (Heredity)- परिवार में हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या होने पर भी कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी परेशानियों का खतरा बना रहता है।
इन्हीं अलग-अलग कारणों की वजह से कोलेस्ट्रॉल लेवल में बदलाव देखे जा सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि इस बीमारी से बचा नहीं जा सकता है।
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डॉक्टर से कब संपर्क करना जरूरी है?
निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से कंसल्ट करना आवश्यक है। जैसे:
- सीने में दर्द (Chest pain) या बेचैनी (Restlessness) महसूस होना।
- शरीर का वजन (Body weight) बढ़ना।
- सांस लेने (Breathing problem) में परेशानी महसूस होना।
- सिरदर्द (Headache) की समस्या होना।
अगर आप हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन जल्द से जल्द करें। ध्यान रखें कि कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की समस्या होने पर लापरवाही ना बरतें। आपकी छोटी सी लापरवाही आपको गंभीर बीमारियों का शिकार भी बना सकती हैं। इसलिए अगर आपको हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो डॉक्टर से समय-समय पर कंसल्टेशन करें, वॉक (Walk) करें, योग (Yoga) करें और पौष्टिक आहार (Healthy diet) शामिल करें। एक्सरसाइज एवं डायट के बारे में समझने के लिय डॉक्टर से कंसल्टेशन जरूर करें। अगर आप कोलेस्ट्रॉल स्तर या हार्ट डिजीज (Cholesterol and Heart Disease) से जुड़े किसी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
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