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एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम (Acute coronary syndrome)

जब हार्ट के टिशू धीरे-धीरे डैमेज होने लगते हैं, तो हार्ट अटैक (Myocardial infarction) का सामना करना पड़ता है। एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम (Acute coronary syndrome) की समस्या के कारण सेल की मृत्यु नहीं होती है, बल्कि कम ब्लड फ्लो के कारण हार्ट के काम करने का तरीका बदल जाता है। इस कारण से हार्ट अटैक का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम (Acute coronary syndrome) अक्सर गंभीर सीने में दर्द या बेचैनी का कारण बनता है। इस स्थिति को मेडिकल इमरजेंसी कहा जा सकता है और इसका तुरंत डायग्नोज करने के बाद पेशेंट को केयर की जरूरत पड़ती है। ट्रीटमेंट के दौरान रक्त प्रवाह में सुधार, कॉम्प्लीकेशन का इलाज और भविष्य में होने वाली समस्याओं को रोकना शामिल है। जानिए बीमारी के जुड़े लक्षणों के बारे में।
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एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम के लक्षण (Acute coronary syndrome Symptoms)
एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम (Acute coronary syndrome) के लक्षण आमतौर पर अचानक शुरू होते हैं। जानिए कुछ लक्षणों के बारे में।
सीने में दर्द या बेचैनी होना एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम (Acute coronary syndrome) का सबसे आम लक्षण माना जाता है। उपरोक्त दिए गए लक्षण उम्र के हिसाब से बदल सकते हैं। कुछ मेडिकल कंडीशन भी बीमारी के लक्षणों को बढ़ाने का काम कर सकती हैं। वहीं कुछ महिलाओं या मधुमेह से पीड़ित वृद्ध महिलाओं में छाती में दर्द की समस्या नहीं होती है। आप डॉक्टर से भी इस बीमारी के अधिक लक्षणों के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
अगर आपको दिए गए लक्षणों में भी किसी भी लक्षण का एहसास हो, तो बेहतर होगा कि घर के किसी सदस्य के साथ आप तुरंत हॉस्पिटल जाए। डॉक्टर को अपनी हालत के बारे में बताएं। डॉक्टर जो भी टेस्ट आपको कराने की सलाह दी है, उसे तुरंत कराएं। ऐसा करने से आप बीमारी को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।
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