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दिल की स्टिफनेस के साथ व्यायाम में एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic Exercise)
दिल की स्टिफनेस के साथ व्यायाम (Heart stiffness and exercise) में एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic Exercise) के बारे में जानकारी होना जरूरी है। ऐसा माना जाता है कि नियमित एरोबिक ट्रेनिंग से हार्ट स्टिफनेस से एक्सरसाइज कैपेसिटी को सुधारा जा सकता है। इसके साथ ही इससे हार्ट फेलियर के रोगियों के जीवन की गुणवत्ता भी इम्प्रूव होती है। रिसेंटली, यह भी पाया गया है कि डायस्टोलिक डिस्फंक्शन (Diastolic Dysfunction) के रोगियों में एरोबिक ट्रेनिंग से अच्छे परिणाम पाए जा सकते हैं। यानी, इससे हार्ट मसल्स की स्टिफनेस को कम किया जा सकता है और इसके साथ ही डायस्टोल के दौरान हार्ट फिलिंग को सुधारा जा सकता है।
यह बात की जानकारी होना भी जरूरी है कि डायस्टोलिक डिसफंक्शन (Diastolic Dysfunction) की स्थिति में एरोबिक एक्सरसाइज करना लाभदायक हो सकता है। यानी दिल की स्टिफनेस के साथ व्यायाम (Heart stiffness and exercise) में एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic Exercise) करना फायदेमंद है। लेकिन, इस स्थिति में वेट लिफ्टिंग (Weight lifting) या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Strength training) से फायदा नहीं होता है। असल में ऐसे सबूत भी मिले हैं कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Strength training) से यह समस्या बढ़ सकती है। एरोबिक एक्सरसाइज में वॉकिंग, साइकिलिंग और जॉगिंग आदि शामिल हैं।
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एरोबिक एक्सरसाइज और रेजिस्टेंस ट्रेनिंग से कैलोरीज बर्न होती हैं। यानी वजन सही रहता है जो हार्ट डिजीज के लिए एक बड़ा रिस्क फैक्टर है। हालांकि, रेजिस्टेंस ट्रेनिंग की सलाह हार्ट स्टिफनेस की स्थिति में नहीं दी जाती है। लेकिन, एरोबिक एक्सरसाइज से इस समस्या से भी राहत पाई जा सकती है। इसके साथ ही हार्ट स्टिफनेस (Heart stiffness) की स्थिति में लो इंटेंसिटी एक्सरसाइजेज को भी किया जा सकता है। अगर आप दिल की स्टिफनेस के साथ व्यायाम (Heart stiffness and exercise) के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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दिल की स्टिफनेस के साथ व्यायाम में स्ट्रेचिंग, फ्लेक्सिबिलिटी और बैलेंस (Stretching, Flexibility and Balance)
फ्लेक्सिबिलिटी वर्कआउट जैसे स्ट्रेचिंग हालांकि हार्ट हेल्थ या हार्ट स्टिफनेस (Heart stiffness) को दूर करने में सीधेतौर पर प्रभाव नहीं डालती है लेकिन ऐसा माना जाता है कि इससे मसक्यूलोस्केलेटल हेल्थ (Musculoskeletal Health) को फायदा होता है। जिससे जोड़ों में दर्द से छुटकारा मिलता है। ताई ची (Tai chi) और योगा (Yoga) इसका अच्छा उदाहरण हैं। संक्षेप में कहा जाए तो शारीरिक रूप से एक्टिव रहना हार्ट हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है। इससे हार्ट मसल मजबूत होती हैं, वजन कम होता है और कई अन्य कॉम्प्लीकेशन्स भी हो सकती हैं। यह तो थी दिल की स्टिफनेस के साथ व्यायाम (Heart stiffness and exercise) के बारे में जानकारी। अब जानते हैं कि हार्ट स्टिफनेस (Heart stiffness) से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है?
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हार्ट स्टिफनेस से कैसे बचें? (Prevention from Heart stiffness)
दिल की स्टिफनेस के साथ व्यायाम (Heart stiffness and exercise) के बारे में तो आप जान ही गए होंगे। इस समस्या से बचाव के बारे में जानकारी होना और भी अधिक आवश्यक है। लेकिन, हार्ट स्टिफनेस (Heart stiffness) से बचने के लिए सबसे जरूरी है अपने ब्लड प्रेशर (Blood pressure) के बारे में जानकारी होना। अगर आपका ब्लड प्रेशर (Blood pressure) हाय है तो इसे सही रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए आपको डॉक्टर से जांच करानी चाहिए और उनकी सलाह का पालन करना चाहिए। इसके अलावा अधिक नमक युक्त चीजों, एल्कोहॉल का सेवन कम करना और वजन को कम करना भी आपके लिए बेहद जरूरी है। अगर इन तरीकों से आपका ब्लड प्रेशर सही नहीं होता है तो डॉक्टर इसके लिए आपको कुछ दवाइयों को लेने की सलाह भी दे सकते हैं।