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डायबिटीज में मसल्स बिल्डिंग एक्सरसाइस क्या फायदेमंद है?

और द्वारा फैक्ट चेक्ड Manjari Khare


Niharika Jaiswal द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/11/2021

    डायबिटीज में मसल्स बिल्डिंग एक्सरसाइस क्या फायदेमंद है?

    क्या डायबिटीज में मसल्स बिल्डिंग (Muscle Building with Diabetes) की जा सकती है? यह सवाल कई डायबिटीज पेशेटं के मन में होता है। मधुमेह के मरीजों को कुछ चीजें मन होती है, लेकिन वो मसल्स बिल्डिंग कर सकते हैं, पर कुछ सावधानियों का पालन करने के साथ। एक्सरसाइज और फिटनेस सभी की तरह डायबिटीज वालों के लिए भी जरूरी है । व्यायाम करने के कई तरीके हैं, और सबसे प्रभावी में से स्ट्रेंथ ट्रेनिंग है। यह मजबूत मांसपेशियों और हड्डियों के निर्माण के लिए अच्छा माना जाता है। डायबिटीज के मरोजी के लिए एक्सरसाइज उनके हेल्दी हार्ट के लिए भी अच्छा माना जाता है। आईए जानते हैं कि डायबिटीज में मसल्स बिल्डिंग (Muscle Building with Diabetes) करते समय किन बातों का ध्यान रखें और कौन सी एक्सरसाइज करें।

    डायबिटीज में मसल्स बिल्डिंग (Muscle Building with Diabetes) से पहले इसे करें फॉलो

    डायबिटीज में मसल्स बिल्डिंग से आपको किसी प्रकार की हेल्थ प्रॉब्लम या डायबिटीज की समस्या भारी न पड़े, इसलिए हाय इंटेंसिटी एक्सरसाइज करने से पहले डायबिटीज के मरीजों को कुछ चीजे सुनश्चित कर लेना चाहिए, जिनमें शामिल है:

    पहले डाॅक्टर से कंफर्म करें कि आपकी बॉडी एक्सरसाइज के लिए तैयार है (Preparing to Exercise)

    आपको हाय इंस्टेंसिटी एक्सरसाइज करने से पहले अपने डॉक्टर से कर्फम करना चाहिए कि क्या आपकी बॉडी एक्सरसाइज के लिए तैयार है, कहीं किसी प्रकार की दिक्कत तो नहीं होगी। हालांकि, डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए शारीरिक गतिविधि अच्छी होती है, लेकिन वेट ट्रनिंग जैसी हार्ड एक्सरसाइज करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह कर लेना चाहिए। आपका डॉक्टर यह निर्धारित करने के लिए कुछ टेस्ट भी करवा सकते हैं।

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    समझें कि आपकी बॉडी कैसी प्रतिक्रिया दे रही है (Learn how your body reacts to physical activity)

    यादि आपकी लंबे समय से एक्सरसाइज बंद हो रखी है, तो पहले जानने की कोशिश करें कि आपका शरीर शारीरिक गतिविधि पर कैसे प्रतिक्रिया देता है। यदि आप पहले से ही एक्सरसाइज में सक्रिय हैं, तो आपको अपना बॉडी रिएक्शन पता ही होगा। लेकिन, आप एक्सरसाइज में एक्टिव नहीं हैं, तो आप शायद यह नहीं जानते होंगे कि व्यायाम आपके शरीर को कैसे प्रभावित करेगा। इसलिए इस बात पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। किसी भी प्रकार के वेट ट्रेनिंग शुरू करने से पहले, आपको हल्के व्यायाम, जैसे कि ब्रिस्क वॉक से शुरुआत करनी चाहिए। फिर धीरे-धीरे बॉडी वेट एक्सरसाइज पर आना चाहिए।

    हाय इंटेंसिटी एक्सरसाइज ट्रेंनर के निगरानी में करें (Consider using a trainer)

    किसी भी प्रकार की वेट ट्रेनिंग या हाय इंटेंसिटी एक्सराइज आप ट्रेनर की निगरानी में करेंगे तो आपको किसी प्रकार हेल्थ रिस्क नहीं होगा। ट्रेनर के निगरानी में करना आपके लिए बहुत मददगार होगा, खासकर उनके लिए, जिनके लिए वेट ट्रेनिंग नई है। आपका ट्रेनर आपकी बाॅडी की एनर्जी और डायबिटीज की समस्या को ध्यान में रखते हुए आपका वर्कआउट डिजाइन करेंगे।

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    डायबिटीज में बॉडी बिल्डिंग एक्सरसाइज (Muscle Building with Diabetes)

    डायबिटीज मेँ बॉडी बिल्डिंग एक्सरसाइज में आप कई तरह की एक्सरसाइज कर सकते हैं, लेकिन कुछ ऐसी स्ट्रेंथ ट्रेंनिग एक्सरसाइज है, जो आपको मसल्स टोनिंग में बहुत मदद करती हैं, जिनमें शामिल हैं:

    डायबिटीज में मसल्स बिल्डिंग एक्सरसाइस: लंजेस (Lunges)

    चूंकि आपको डायबिटीज की समस्या है, इसलिए आपको अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के महत्व के बारे में पता होना चाहिए। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग आपके शुगर लेवल को मैंटेन रखने में मदद करती है। स्नायु वह जगह है, जिस हिस्से में आपकी शुगर जमा होती है; इसलिए मसल्स ट्रेनिंग सबसे प्रभावी प्रकार का व्यायाम मानी जाती है।आपकी मांसपेशियों को अधिक ग्लूकोज को अवशोषित करने के लिए आइसोमेट्रिक व्यायाम जैसे सरल एक्सरसाइज नियमित रूप से किए जा सकते हैं। जैसे-जैसे आपकी मसल्स मजबूत होती जाएंगी, आप आसानी से कैलोरी बर्न करते रहेंगे। इसके अलावा आपका तनाव, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल में भी सुधार होगा। डायबिटीज वाले अधिकांश लोग बिना किसी समस्या के एक्सरसाइज कर सकते हैं। आप डॉक्टर की सलाह के बाद ये चीजे कर सकते हैं:

    • आप जॉगिंग, बाइकिंग, स्विमिंग जैसे हार्ट पंपिंग कार्डियो एक्सरसाइज जरूरी होती हैं। आप उन 5 दिनों को सप्ताह में आधे घंटे के लिए कर सकते हैं, या सप्ताह में 3 दिन लगभग 50 मिनट के लिए कर सकते हैं।
    • कुछ घरेलू व्यायाम भी कर सकते हैं, जो आपके मांसपेशियों पर प्रमुख रूप से काम करेंती हैं और मसल्स टोन होती हैं।
    • डायबिटीज में मसल्स बिल्डिंग को देखते हुए आप लंजेस एक्सरसाइज को आप 8-10 के पेयर में, 4 सेट से शुरू कर सकते हैं। आप वेट ट्रेनिंग कर सकते हैं, जो आपके बॉडी की एनर्जी पर निर्भर करता है।
    • मधुमेह के रोगियों के लिए धीमी गति से मांसपेशियों के व्यायाम की भी सलाह दी जाती है। आप ऊपर और नीचे जाने के लिए 10 सेकंड के स्क्वाट कर सकते हैं। ऐसा 5 सेट तक करें। पहले की तरह ही, पिछले वाले को अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
    • अगर आप आधे घंटे के लिए वॉक पर जा रहे हैं, तो वॉक को 10 मिनट कम कर दें और उस 10 मिनट में आप उसकी जगह सीढ़ियां चढ़ें। यह अधिक प्रभावी है क्योंकि मधुमेह रोगियों के लिए पैर की मांसपेशियों का निर्माण अधिक महत्वपूर्ण है। लेकिन अगर सीढ़ी चढ़ने पर आपकी सांस फूल रही है, तो आगे एक्सरसाइज न करें और अपने डॉक्टर से बात करें।

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    डायबिटीज में मसल्स बिल्डिंग एक्सरसाइस: स्क्वाट (Squat)

    यदि आप स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के लिए एक बिल्कुल नए हैं, तो आपके लिए स्क्वाट एक्सरसाइज मांसपेशियों के निर्माण के लिए काफी प्रभावी होगी। लेकिन शुरुआत कम सेट्स से करें। यदि आप वेट के साथ सक्वाट के में पहले से ही अनुभवी हैं, तो आप कम समय में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन डायबिटीज में मसल्स बिल्डिंग किसी भी प्रकार की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।

    अन्य एक्सरसाइज (Other Exercise)

    यदि आप मसल्स बिल्डिंग में पैर, पीठ और चेस्ट पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। तो सबसे प्रभावी मसल्स टोनिंग एक्सरसाइज में डेड-लिफ्ट्स, स्क्वैट्स, बेंच प्रेस, पुल-अप्स (Pull-ups), शोल्डर प्रेस (Shoulder press) और डिप्स, लेग प्रेस (Leg Press) और बेंट-ओवर रो भी कर सकते हैं। आप 8-10 पेयर में  2-3 सेट करें। हर सेट के बीच आप एक मिनट का विश्राम करना न भूलें।

    डायबिटीज में मसल्स बिल्डिंग वर्कआउट करने के पहले और बाद के कुछ टिप्स (Workout Tips)

    डायबिटीज में मसल्स बिल्डिंग वर्कआउट करने से पहले और बाद में कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। इससे डायबिटीज के मरीजों में हेल्थ रिस्क नहीं होगा। क्याेंकि कई बार ऐसा होता है कि कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान न रखने पर, जैसे कि यदि आप ने अपना ब्लड शुगर लेवल चेक नहीं किया और ऐसी ही एक्सरसाइज कर लिया, तो यह आपके जान पर भारी पड़ सकता है। इसलिए बहुत सही छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना आवश्य है, खासतौर पर उन डायबिटीज के मरीजों के लिए, जिनका शुगर लेवल बहुत जल्दी-जल्दी फैल्कचुएट होता है। वैसे तो सभी डायबिटीज के मरीजों को, लेकिन ऐसे मरीजों को इन टिप्स का ध्यान जरूर रखना चाहिए, जिनमें शामिल हैं:

    • वर्कआउट सेशन से पहले और ठीक बाद में ब्लड शुगर लेवल की जांच करना न भूलें
    • प्रोटीन और कार्ब को उचित मात्रा में अपने डायट में जरूर लें। व्यायाम कम से कम एक घंटे पहले भाेजन करें। खाने के तुरंत बाद एक्सरसाइज न करें।
    • यदि आप स्ट्रेंथ ट्रेनिंंग में नए हैं, तो पहले सप्ताह में 2 दिन से ही ट्रेनिंग शुरू करें।
    • जिन लोगों को स्ट्रेंथ ट्रेनिंंग का अनुभव पहले से ही है, वे डॉक्टर की सलाह के बाद वो मांसपेशियों के लिए हार्ड वर्कआउट पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
    • हमेशा इमरजेंसी के लिए तैयार रहो। जब आप व्यायाम के लिए जा रहे हों, तो अपने साथ इंस्टेंट ग्लूकोज या स्नकेक्स जरूर रखें।
    • अपने डायट में प्रोटीन की कमी न होने दें। प्रोटीन मसल्स बिल्डिंग के लिए बहुत जरूरी है।
    • डायट में जैतून का तेल, नट्स, एवोकाडो और सीड्स जैसे गुड फैट का सेवन जरूर करें।
    • अपने पानी का सेवन बढ़ाएं। हायड्रेशन स्तर बनाए रखना आवश्यक है। शरीर में पानी की कमी भारी पड़ सकती है, इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें।

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    डायबिटीज में मसल्स बिल्डिंग एक्सरसाइस या कोई भी व्यायाम करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना आवश्यक है। आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इस बारे में मार्गदर्शन करने के लिए आपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। इसलिए, भले ही आप मधुमेह के रोगी हों, लेकिन आपके बॉडी की एनर्जी अच्छी नहीं है या अन्य काेई दिक्कत है, तो ऐसे में एक्सरसाइज करना आपके लिए चिंता का विषय है। लेकिन ऐसा नहीं है कि आप कभी भी बॉडी ट्रेनिंग एक्सरसाइज नहीं कर सकते हैं। आप कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपकी डायबिटीज को कंट्रोल में रहें और अपका एनर्जी लेवल अच्छा हो। डायबिटीज में मसल्स बिल्डिंग की अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

    डिस्क्लेमर

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