ट्रोपोनिन प्रोटीन्स (Troponin proteins) हैं जो कार्डिएक मसल्स (Cardiac muscles) में पाए जाते हैं। जब हार्ट डैमेज होता है तो यह ब्लडस्ट्रीम में ट्रोपोनिन रिलीज करता है। डॉक्टर्स ब्लड में ट्रोपोनिन लेवल्स (Troponin Levels) को डिटेक्ट करके इस बात का पता लगाने की कोशिश करते हैं कि कहीं मरीज हार्ट अटैक (Heart attack) का अनुभव तो नहीं कर रहा। पहले डॉक्टर हार्ट अटैक को डिटेक्ट करने के लिए दूसरे ब्लड टेस्ट्स करते हैं, लेकिन कई बार ये टेस्ट हार्ट अटैक को डिटेक्ट करने के लिए प्रभावी नहीं माने जाते। छोटे हार्ट अटैक्स का पता इन ब्लड टेस्ट के जरिए नहीं किया जा सकता।
रक्त में कार्डिएक ट्रोपोनिन लेवल्स को मापने से डॉक्टर दिल के दौरे या अन्य हृदय संबंधी स्थितियों का अधिक प्रभावी ढंग से निदान कर सकते हैं और तत्काल उपचार प्रदान कर सकते हैं। चलिए अब इस टेस्ट के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
ट्रोपोनिन लेवल्स टेस्ट (Troponin levels test)
ट्रोपोनिन लेवल्स को स्टेंडर्ड ब्लड टेस्ट से मेजर किया जाता है। हेल्थकेयर प्रोफेशनल आर्म की कोशिकाओं से ब्लड सैम्पल लेते हैं। इससे हल्का दर्द या नील पड़ सकता है। ब्लड सैम्पल लेने के बाद हेल्थकेयर प्रोफेशनल ट्रोपोनिन लेवल्स का निदान करते हैं ताकि हार्ट अटैक डायग्नोस किया जा सके। वे इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम में होने वाले किसी भी प्रकार के बदलाव को देख सकते हैं। ये टेस्ट कई बार रिपीट किए जा सकते हैं।
एक कंवेंशनल ट्रॉपोनिन टेस्ट के साथ, ट्रोपोनिन के बढ़े हुए स्तर का पता लगाने में घंटों लग सकते हैं। जल्द ही इस परीक्षण का उपयोग करने से फाल्स निगेटिव रिपोर्ट आ सकती है। एक उच्च संवेदनशीलता ट्रोपोनिन टेस्ट भी उपलब्ध है। यह टेस्ट टॉप ट्रोपोनिन लेवल्स का पता लगा सकता है और कम से कम 9 मिनट में सकारात्मक परीक्षण परिणाम दे सकता है।
यदि सीने में दर्द का अनुभव करने के बाद ट्रोपोनिन का स्तर कम या सामान्य है, तो व्यक्ति को शायद दिल का दौरा नहीं पड़ा है। यदि लेवल हाय है, तो दिल की क्षति या दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक है।
और पढ़ें: क्या उम्र के साथ हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ता है?
ट्रोपोनिन (Troponin) क्या है?
ट्रोपोनिन प्रोटीन्स मसल कॉन्ट्रेक्शन को रेगुलेट करने में मदद करते हैं। ये तीन सब यूनिट्स में बांटे जाते हैं।
ट्रोपोनिन लेवल्स टेस्ट (Troponin levels test) की जरूरत सबसे ज्यादा किन लोगों को होती है?
अगर सीने में दर्द हो रहा है तो डॉक्टर इस टेस्ट को रिकमंड करता है। इसके अलावा निम्न लक्षण दिखाई देने पर भी यह टेस्ट रिकमंड किया जा सकता है।
- गले, पीठ, बाजुओं और जबड़े में दर्द होना
- अधिक पसीना आना
- सिर में हल्कापन लगना
- चक्कर आना
- जी मिचलाना
- सांस लेने में परेशानी होना
- थकान महसूस होना
ट्रॉपोनिट लेवल्स टेस्ट का रिजल्ट (Troponin Levels result test)
ट्रोपोनिन का स्तर नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर (एनजी/एमएल) में मापा जाता है। उच्च संवेदनशीलता परीक्षण नैनोग्राम प्रति लीटर (एनजी/एल) में ट्रोपोनिन के स्तर को मापते हैं। सामान्य स्तर पर यह ब्लड में 99वें प्रतिशत तक होता है। यदि ट्रोपोनिन के परिणाम इस स्तर से ऊपर हैं, तो यह दिल की क्षति या दिल के दौरे का संकेत दे सकता है। ट्रोपोनिन लेवल्स की रिफरेंस रेंज लैब के हिसाब से अलग-अगल हो सकती है।
2017 के एक अध्ययन से पता चलता है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कार्डिएक ट्रोपोनिन का स्तर कम हो सकता है। ट्रोपोनिन का लेवल (TnI levels) को बढ़ा हुआ तब समझा जाता है जब यह हाय सेंसटिविटी टेस्ट में 40 ng/L से अधिक आता है। वहीं टीनएटी लेवल्स TnT levels को बढ़ा हुआ तब माना जाता है जब यह हाय सेंसिटिविटी टेस्ट में महिलाओं के लिए 14ng/L से ज्यादा और पुरुषों के लिए 22ng/L से ज्यादा होता है।
और पढ़ें: हार्ट फेलियर के लिए मील प्लान्स (Meal Plans for Heart Failure) कैसा होना चाहिए?
यदि ट्रोपोनिन लेवल्स लो और सामान्य है तो (Low and normal Troponin levels)
स्वस्थ लोगों में ट्रोपोनिन लेवल्स नॉर्मल रेंज में होता है। यदि आप सीने में दर्द का अनुभव करते हैं, लेकिन सीने में दर्द शुरू होने के 12 घंटे बाद भी ट्रोपोनिन का स्तर कम या सामान्य है, तो दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं है।
ट्रोपोनिन का उच्च स्तर एक रेड फ्लैग है। ट्रोपोनिन का स्तर जितना अधिक होता है, उतना ही अधिक टीएनआई और टीएनटी रक्तप्रवाह में छोड़ा जाता है और हृदय की क्षति की संभावना अधिक होती है। दिल के क्षतिग्रस्त होने के 3 से 6 घंटे के भीतर ट्रोपोनिन का स्तर ऊंचा हो सकता है और 10 से 14 दिनों तक उच्च बना रह सकता है।
हालांकि ट्रोपोनिन के स्तर में वृद्धि अक्सर दिल के दौरे का संकेत है, लेकिन ऐसे कई अन्य कारण हैं जिनकी वजह से ट्रोपोनिन का लेवल हाय हो सकता है। यदि कोई ट्रोपोनिन के स्तर में बदलाव के अलावा अन्य लक्षणों का अनुभव कर रहा है, तो डॉक्टर लक्षणों का उपयोग डायग्नोसिस में करेगा। अन्य हृदय स्थितियां जो हाय ट्रोपोनिन लेवल्स में योगदान कर सकती हैं उनमें शामिल हैं:
उच्च ट्रोपोनिन स्तरों के अन्य संभावित कारणों में शामिल हैं:
तीव्र व्यायाम बर्न्स दवाएं स्ट्रोक डायबिटीज किडनी डिजीज पल्मोनरी एंबोलिज्म (Pulmonary embolism) जिसमें फेफड़ों में रक्त का थक्का होता है हायपोथायराॅयडिज्म एक संक्रमण, जैसे सेप्सिस और पढ़ें: एक्सरसाइज के दौरान हार्ट प्रॉब्लेम के लक्षण को कैसे समझें?
उम्मीद करते हैं कि आपको ट्रोपोनिन लेवल्स से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।