भारत में 54.5 मिलियन कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular diseases) के मरीज हैं और हर 4 में से 1 व्यक्ति के मौत का कारण भी कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (CVDs) को ही बताया गया है। यह आंकड़ा साल 2016 में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) द्वारा जारी किया गया है। वहीं नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information), क्लीवलैंडक्लिनिक (Clevelandclinic) एवं अन्य रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार एक्सरसाइज और हार्ट प्रॉब्लेम के रिस्क फैक्टर दोनों पर रिसर्च की गई है। इसलिए आज इस आर्टिकल में एक्सरसाइज के दौरान हार्ट प्रॉब्लेम के लक्षण (Signs of Heart Problems During Exercise) के बारे में समझेंगे और एक्सरसाइज के दौरान हार्ट प्रॉब्लेम से जुड़े कई अन्य सवालों का जवाब जानेंगे।
एक्सरसाइज इनदिनों तकरीबन ज्यादातर लोगों के दिनचर्या में शामिल है, लेकिन कभी-कभी जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करना कई शारीरिक परेशानियों को दावत देने का कर सकती है। इसलिए अगर आप एक्सरसाइज करना बहुत ज्यादा पसंद करते हैं या आप अपने डेली रूटीन में अत्यधिक एक्सरसाइज करते हैं, तो आप एक्सरसाइज के दौरान हार्ट प्रॉब्लेम के लक्षण (Signs of Heart Problems During Exercise) को ध्यान में रखना चाहिए। हालही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में कुछ ऐसे लोगों की मौत की खबर सामने आई, जिनकी मौत का कारण एक्सरसाइज और हार्ट प्रॉब्लेम को बताया गया है। इसलिए एक्सरसाइज के दौरान हार्ट प्रॉब्लेम के लक्षण और एक्सरसाइज के दौरान हार्ट प्रॉब्लेम के कारण को समझना जरूरी है।
एक्सरसाइज के दौरान हार्ट प्रॉब्लेम के लक्षण क्या हो सकते हैं? (Signs of Heart Problems During Exercise)
एक्सरसाइज के दौरान हार्ट प्रॉब्लेम के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- चेस्ट डिस्कम्फर्ट (Chest discomfort)- एक्सरसाइज के दौरान हार्ट प्रॉब्लेम के लक्षण में चेस्ट डिस्कम्फर्ट शामिल है। वर्कआउट के दौरान सीने में परेशानी महसूस होना, यह परेशानी कम या ज्यादा भी हो सकती है। कम या ज्यादा परेशानी को इग्नोर ना करें और एक्सरसाइज से कुछ वक्त के लिए ब्रेक लें।
- सांस लेने में परेशानी (Shortness of breath)- एक्सरसाइज के दौरान अगर सांस लेने में तकलीफ तो यह परेशानी हार्ट प्रॉब्लेम के लक्षण की ओर इशारा करती है। सांस लेने में तकलीफ सीने में परेशानी होने से पहले महसूस की जा सकती है।
- चक्कर आना या हल्का सिरदर्द होना (Dizziness or lightheadedness)- फिजिकल एक्टिविटी की वजह से थकावट महसूस होना सामान्य माना जाता है, लेकिन अगर वर्कआउट के कारण चक्कर आये या हल्के सिरदर्द की समस्या महसूस हो तो एक्सरसाइज नहीं करना और इस परेशानी को इग्नोर भी नहीं करना चाहिए।
- हार्ट रिदम एब्नॉर्मल्टिज (Heart rhythm abnormalities)- अगर आपके दिल की धड़कन सामान्य से कम या ज्यादा रहती है, तो ऐसी स्थिति को नजरअंदाज करना सबसे बड़ी गलती हो सकती है।
एक्सरसाइज के दौरान हार्ट प्रॉब्लेम के लक्षण सिर्फ हार्ट तक ही सीमित नहीं है। इसलिए निम्नलिखित परेशानियों को भी इग्नोर ना करें। जैसे:
- सीने के आसपास डिस्कम्फर्ट महसूस होना।
- हाथ, पीठ, गर्दन, जबड़े या फिर पेट दर्द महसूस होना।
- शरीर के एक हिस्से में परेशानी महसूस होना।
- बिना कारण अत्यधिक पसीना आना।
इन लक्षणों को इग्नोर करना गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है। इसलिए एक्सरसाइज के दौरान हार्ट प्रॉब्लेम के लक्षण (Signs of Heart Problems During Exercise) को नजरअंदाज ना करें।
हार्ट प्रॉब्लेम के कारण क्या हो सकते हैं? (Cause of Heart problem)
वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (World Heart Federation) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार हार्ट प्रॉब्लेम का मुख्य कारण सेडेंटरी लाइफस्टाइल को माना गया है। नियमित एक्सरसाइज ना करने की स्थिति में 50 प्रतिशत ज्यादा संभावना होती है हार्ट प्रॉब्लेम के शुरुआत की। इसके अलावा निम्नलिखित स्थितियों में भी हार्ट प्रॉब्लेम का खतरा बढ़ जाता है। जैसे:
- डायट में हाई सैचुरेटेड फैट (Diet high in saturated fat) का सेवन ज्यादा करना।
- टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) की समस्या होना।
- हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) की समस्या होना।
- स्मोकिंग (Smoking) करना।
- हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) की समस्या होना।
- मोटापे (Obesity) की समस्या होना।
- परिवार में हार्ट डिजीज (Family history of Heart disease) होना।
इन कारणों की वजह से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ सकता है।
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एक्सरसाइज के दौरान हार्ट प्रॉब्लेम: क्या हो सकते हैं इसके कारण? (Cause of Heart problem due to exercise)
एक्सरसाइज शरीर के फिटने के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन एक्सरसाइज के दौरान हार्ट प्रॉब्लेम या एक्सरसाइज के कारण कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular diseases) की संभावना बढ़ भी सकती है। इससे जुड़े कारणों के लिए हमनें अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association), जॉन हॉपकिंस (Johns Hopkins) एवं नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) जैसे अलग-अलग रिसर्च रिपोर्ट्स को समझने की कोशिश की और आपके साथ आसान शब्दों में यहां शेयर करने जा रहें हैं। एक्सरसाइज के कारण मसल्स के काम करने की क्षमता बढ़ जाती है, जो ब्लड से बेहद आसानी से ऑक्सिजन (Oxygen) को खींचने में सक्षम होते हैं। ऐसी स्थिति होने पर हार्ट को मसल्स में ब्लड पंप करने में ज्यादा मेहनत लगता है, जिससे हार्ट (Heart) पर दवाब बढ़ जाता है। अगर इसे आसान शब्दों में समझें, तो यह स्थिति बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers) की तरह काम कर हार्ट रेट कम (Low Heart Rate) करने के साथ ही ब्लड प्रेशर भी कम (Low Blood Pressure) करने लगती है। इन स्थितियों में एक्सरसाइज करने से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती है। इसलिए जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करना या अत्यधिक वजन वाले एक्सरसाइज की वजह से हार्ट डिजीज (Heart disease) का खतरा बढ़ सकता है। एक्सरसाइज के दौरान हार्ट प्रॉब्लेम के लक्षण एवं एक्सरसाइज के दौरान हार्ट से जुड़ी तकलीफों पर अभी भी रिसर्च की जा रही है। इसलिए अगर आप पहले से ही कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular diseases) से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेकर अपने रूटीन में एक्सरसाइज को शामिल कर सकते हैं।
एक्सरसाइज के दौरान हार्ट प्रॉब्लेम के लक्षण: हार्ट पेशेंट को कितना वर्कआउट करना चाहिए? (Exercise for Heart patients)
एक्सरसाइज के दौरान हार्ट प्रॉब्लेम के लक्षण (Signs of Heart Problems During Exercise) को समझने के साथ ही यह समझना भी जरूरी है कि कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular diseases) से पीड़ित मरीजों को अपने दिनचर्या में कितना एक्सरसाइज करना जरूरी है। अगर अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) में पब्लिश्ड रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार सप्ताह में पांच दिन नियमित रूप से दिन में कम से कम आधे घंटे के लिए एक्सरसाइज करने से हार्ट हेल्थ को फिट रखने में मदद मिल सकती है। इसलिए हार्ट पेशेंट को निम्नलिखित एक्सरसाइज अपने डॉक्टर से सलाह लेकर करना चाहिए। जैसे:
- एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic Exercise)
- रेसिस्टेंस ट्रेनिंग (Resistance Training)
- स्ट्रेचिंग (Stretching)
नोट : हार्ट पेशेंट को किसी भी तरह के एक्सरसाइज को करने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लेना चाहिए, क्योंकि डॉक्टर पेशेंट की हार्ट हेल्थ कंडिशन में रखकर एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं जिससे किसी भी नुकसान से बचने में मदद मिल सकती है।
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अगर आप कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular diseases) के खतरे को कम करने के लिए एक्सरसाइज से जुड़े सवालों का जवाब तलाश कर रहें थें, तो उम्मीद करते हैं कि ये जानकारी लाभकारी हो सकते हैं। वैसे अगर आप या आपके कोई भी करीबी कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular diseases) से पीड़ित हैं, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्टेशन अत्यधिक जरूरी है। क्योंकि ये बीमारियां गंभीर बीमारियों की लिस्ट में शामिल है। अगर इनका समय पर इलाज ना करवाया जाए तो पेशेंट की स्थिति गंभीर हो सकती है। डॉक्टर के संपर्क में रहने से पेशेंट की हेल्थ कंडिशन और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज किया जाता है।
स्वस्थ रहने के लिए अपने डेली रूटीन में एक्सरसाइज या योगासन को शामिल करना चाहिए। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर योगासन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को समझें।
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