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Supraventricular tachycardia: सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया क्या है, जानें इसका इलाज, कारण और लक्षण!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 14/06/2022

Supraventricular tachycardia: सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया क्या है, जानें इसका इलाज, कारण और लक्षण!

परिचय

सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया (Supraventricular tachycardia) क्या है?

सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया यानी एसवीटी तब होता है जब आपके दिल की धड़कन को नियंत्रित करने वाली विद्युत प्रणाली ठीक से काम नहीं कर रही होती है। इस वजह से आपका दिल कभी बहुत तेजी से धड़कता है। एक सामान्य और स्वस्थ दिल के धड़कने की दर 60 से 100 धड़कन प्रति मिनट (बीपीएम) होती है। जब SVT सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया से आपकी हृदय गति अचानक 100bpm से ऊपर हो जाती है। यह तब भी हो सकता है जब आप आराम कर रहे हों या व्यायाम कर रहे हों। अगर आप चिंतित हैं तो भी आपकी दिल की धड़कन बढ़ सकती है। इस बारे में आप अपने डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं।

सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया होने से आपको गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।  यह आपमें डर की भावना भी पैदा कर सकती है। जब आपका दिल बहुत तेजी से धड़कता है तो यह आपके शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त रक्त बाहर पंप नहीं कर पाता है।

इससे कभी-कभी आपका ब्लड प्रेशर लो हो जाता है। कभी चक्कर आता है। इसके अलावा कोई परिस्थिति आने पर भी आपकी दिल की धड़कन बढ़ सकती हैं। डॉक्टर दवाओं और अन्य उपचारों के जरिए आपके दिल को एक सामान्य गति में वापस लाने की कोशिश कर सकता है।

सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया (Supraventricular tachycardia) जैसी स्थिति के तीन प्रकार होते हैं:

एट्रियोवेंट्रिक्यूलर नोडल रीएंट्रेंट टैचीकार्डिया (Atrioventricular nodal reentrant tachycardia)

एट्रियोवेंट्रिक्यूलर नोडल रीएंट्रेंट टैचीकार्डिया सबसे आम माना जाता है।  इसमें आपके दिल में एक अतिरिक्त मार्ग बन जाता है जो विद्युत संकेत को नीचे भेजने के बजाय चारों ओर घुमाता रहता है। इससे दिल की धड़कन बहुत तेज हो जाती है।

एट्रियोवेंट्रिक्यूलर रेसिप्रोकेटिंग टैचीकार्डिया (Atrioventricular reciprocating tachycardia)

यह तब होता है जब हार्ट में एक असामान्य मार्ग बन जाता है और वो एट्रिआ और वेंट्रिकल्स से जुड़ा होता है। इससे भी ​विद्युत सिग्नल नीचे जाने के बजाय चारों ओर घूमते रहते हैं। यह एक आनुवांशिक बीमारी भी हो सकती है।

एट्रिअल टैचीकार्डिया (Atrial tachycardia)

यह तब होता है जब दाएं या बाएं एट्रियल में विद्युत तरंगों द्वारा करंट जैसा अनुभव होता है। यह विद्युत संकेतों की गति को तेज या धीमी कर देता है। इससे दिल की धड़कन बढ़ जाती है।

सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया पूरी तरह से स्वस्थ युवाओं और बच्चों में हो सकती है। वहीं हृदय रोग वाले कुछ लोगों में भी ये समस्या पाई जाती है। इस बीमारी से जूझने वाले अधिकांश लोग बिना किसी परेशानी के सामान्य जीवन जीते हैं।

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लक्षण

सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of supraventricular tachycardia)

सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया के लक्षण किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य और दिल की धड़कन की गति पर निर्भर करते हैं। हार्ट की किसी समस्या या अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों ज्यादा जटिल लक्षण दिखाई देते हैं। वहीं कुछ लोगों में लक्षण दिखाई नहीं पड़ते हैं।

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कभी—कभी लक्षण अचानक आ सकते हैं और फिर अपने आप ही दूर हो जाते हैं। ये लक्षण कुछ मिनट या 1-2 दिन तक रह सकते हैं। सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया में दिल बहुत तेजी से धड़कता है जिससे उसकी पंप करने की क्षमता कम हो जाती है। इससे शरीर के कई अंगों खून सामान्य रूप से पहुंच नहीं पाता है। इस बीमारी वाले लोगों में नि​म्नलिखित लक्षण नजर आते हैं—

  • चक्कर आना।
  • बेहोशी होना।
  • ठीक से सांस ना ले पाना।
  • चिंता।
  • सीने में दर्द या जकड़न।

बच्चों में सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया के लक्षण

  • भूख ना लगना
  • पसीना आना
  • त्वचा में खुजली या खुस्की होना

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कारण

सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया के कारण क्या हैं? (Causes of supraventricular tachycardia)

सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया होने के कई कारण हो सकते हैं। यह तब होता जब आपकी हार्ट की दवा चल रही हों और उनका डोज बहुत ज्यादा हो। यह तब भी हो सकता है जब आपको वोल्फ-पार्किंसंस-व्हाइट सिंड्रोम हो। यह बीमारी ज्यादातर युवाओं और शिशुओं में देखी जाती है। सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया होने के ये कारण भी हो सकते हैं:

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  • शराब पीना
  • कैफीन का उपयोग
  • अवैध दवा का उपयोग
  • धूम्रपान करना
  • धमनियों का सख्त होना
  • थायरॉइड होना
  • फेफड़ों की बीमारी
  • निमोनिया
  • कॉफी, चाय या ठंडी चीजें पीने की आदत होना
  • कोई भावनात्मक तनाव
  • गर्भावस्था के दौरान भी ये समस्या हो सकती है
  • अस्थमा की दवाएं लेना

कुछ मामलों में, सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया का कारण पता नहीं चल पाता है। ये बीमारी शिशुओं और गर्भवती महिलाओं में सबसे आम मानी जाती है।

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डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर आपको कोई हृदय की समस्या तो थोड़ा खतरा बढ़ सकता है। ये समस्याएं होने पर डॉक्टर को दिखाया जा सकता है।

अगर तेजी से दिल धड़कता है तो कुछ मिनटों में बंद हो जाना चाहिए। अगर यह लंबे समय तक तेजी से धड़कता है तो डॉक्टर को दिखाएं।

धड़कन तेज होने के साथ खांसी आए या आपको गहरी सांस लेनी पड़े तो डॉक्टर को दिखाना ​ठीक रहेगा।

इसके अलावा तेजी से दिल धड़कने के साथ चक्कर या बेहोशी आए तो डॉक्टर के पास जाएं।

इलाज

सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया का निदान (Diagnosis of supraventricular tachycardia)

सुप्रावेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया का निदान करने के लिए, आपका डॉक्टर लक्षणों और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में सवाल पूछेगा और एक शारीरिक परीक्षा करेगा। रक्त परीक्षण आमतौर पर अन्य स्वास्थ्य स्थितियों की जांच के लिए किया जाता है जो आपके लक्षणों का कारण बन सकते हैं, जैसे कि थायराॅइड रोग।

डॉक्टर आपके हृदय स्वास्थ्य की जांच के लिए कई परीक्षण भी कर सकता है। सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया के निदान के लिए टेस्ट में शामिल हैं:

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी): ईसीजी के दौरान, सेंसर (इलेक्ट्रोड) जो आपके दिल की विद्युत गतिविधि का पता लगा सकते हैं, आपकी छाती से और कभी-कभी दूसरे अंगों से अटैच होते हैं। एक ईसीजी आपके दिल की धड़कन में प्रत्येक विद्युत चरण (Electrical phase) के समय और अवधि को मापता है।

होल्टर मॉनिटर: यह पोर्टेबल ईसीजी डिवाइस आपके दिल की गतिविधि को रिकॉर्ड करने के लिए एक दिन या उससे अधिक समय तक पहनने के लिए डॉक्टर कह सकते हैं क्योंकि आप अपनी दिनचर्या के बारे में बताता हैं।

इवेंट मॉनिटर या मोबाइल टेलीमेट्री डिवाइस: एसवीटी के छिटपुट एपिसोड के लिए, आपको लंबे समय तक ईसीजी डिवाइस पहनने के लिए कहा जा सकता है (30 दिनों तक या जब तक आपके पास एसवीटी एपिसोड या अतालता या विशिष्ट लक्षण न हों)।

इकोकार्डियोग्राम: इस गैर-इनवेसिव परीक्षण में, आपके सीने पर रखा गया एक हाथ से पकड़े जाने वाला उपकरण (ट्रांसड्यूसर) आपके दिल के आकार, संरचना और गति की छवियों का निर्माण करने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है।

प्रत्यारोपण योग्य लूप रिकॉर्डर। यह उपकरण असामान्य हृदय ताल का पता लगाता है और छाती क्षेत्र में त्वचा के नीचे प्रत्यारोपित किया जाता है।

सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया का इलाज क्या है? (Supraventricular tachycardia Treatment)

  • सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया का इलाज दिल की धड़कन को धीमा करने के लिए किया जाता है। इसके लिए डॉक्टर कुछ दवाएं बता सकते हैं।
  • अगर दवाई से समस्या ठीक नहीं होती है तो अगला उपाय एब्लेशन है।
  • इसमें सर्जन दिल में उस मार्ग को खत्म करने की कोशिश करते हैं जो विद्युत संकेतों के बैलेंस को बिगाड़ देते हैं।
  • यदि आपको ऐसा लगता है कि आपका हृदय तेजी से धड़क रहा है और आपको ऊपर दिए गए लक्षण भी नजर आ रहे हैं तो अपने डॉक्टर से परीक्षण करवाएं।
  • डॉक्टर कार्डियोवर्जन भी कर सकते हैं। इसमें वे दिल को एक छोटे सा बिजली का झटका देते हैं। जिससे हृदय की सामान्य गति वापस आ जाती है।

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जरूरी बातें

सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया से निबटने के लिए कुछ जरूरी बातें

यदि सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया होने पर आपके दिल की धड़कन कुछ मिनटों के लिए तेज होती हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। ना ही इसके लिए आपको कोई इलाज की जरूरत है। अगर आपको इस समस्या से पूरी तरह से छुटकारा पाना है तो अपनी जीवनशैली में बदलाव कर सकते हैं। जैसे:

  • कैफीन या शराब रोज पीते हैं तो उसको कम करें।
  • धूम्रपान ना करें।
  • जरूरत से ज्यादा काम ना करें, समय पर आराम करें।
  • इसके अलावा आप जीवनशैली बदलने के कुछ टिप्स अपने डॉक्टर से भी पूछ सकते हैं।

उम्मीद करते हैं कि आपको सुप्रावेंट्रिक्यूलर टैचीकार्डिया संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

डिस्क्लेमर

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