सांस लेने में समस्या (Breathlessness) खांसी (Cough) वाटर रिटेंशन, जिससे एड़ियों और पेट में सूजन हो सकती है (Water Retention) पैल्पिटेशन यानी एब्नार्मल फास्ट हार्ट रेट (Palpitations) ऑक्सीजन लेवल के कम होने के कारण अधिक थकावट (Extreme fatigue) गले में नसों में सूजन (Swollen Veins in Neck) : यह समस्या कुछ महिलाएं महसूस कर सकती है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ब्लड अच्छे से पंप नहीं हो पाता है। इस समस्या के कारण लंग्स और हार्ट में ब्लड क्लॉट्स होने का रिस्क भी बढ़ जाता है। हालांकि, ब्लड क्लॉट्स का खतरा हर प्रेग्नन्सी में होता है। लेकिन पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी (Peripartum Cardiomyopathy) में इस का जोखिम बहुत अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि, हार्ट सही से पंप नहीं कर पाता। जाने कैसे हो सकता है इस समस्या का निदान?
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पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी का निदान (Diagnosis of Peripartum cardiomyopathy)
जब भी किसी महिला में पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी (Peripartum Cardiomyopathy) के लक्षण नजर आते हैं, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। ताकि सही समय पर निदान हो सके। इसके निदान के लिए कई टेस्ट किए जा सकते हैं। यह टेस्ट इस बात को जांचने के लिए किए जाते हैं कि मरीज का हार्ट सही से काम कर रहा है या नहीं? इसके साथ ही इन टेस्ट्स से यह भी पता चलता है कि यह लक्षण गर्भावस्था, किसी अन्य हेल्थ कंडशन या कार्डियोमायोपैथी के कारण हैं। जानिए, पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी के निदान के लिए डॉक्टर किन टेस्ट्स की सलाह दे सकते हैं:
मेडिकल हिस्ट्री (Medical History)
इस स्थिति के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले रोगी की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानेंगे, जैसे कोई हार्ट कंडीशन। इसके साथ ही डॉक्टर लक्षणों के बारे में भी जान सकते हैं जैसे थकावट, सांस लेने में समस्या या पेलपिटेशन आदि।
शारीरिक जांच (Physical Exam)
इस बीमारी के निदान के लिए डॉक्टर प्रभावित व्यक्ति की शारीरिक जांच भी कर सकते हैं। इनमें स्टेथोस्कोप की मदद से लंग्स को सुनना आदि शामिल है।
ब्लड टेस्ट्स (Blood Tests)
ब्लड टेस्ट से किडनी, लिवर और थायरॉइड कैसे काम करते हैं, यह पता चलता है। इसके साथ उन हॉर्मोन्स का भी पता चल सकता है, जिनके कारण हार्ट प्रॉब्लम हो सकती है। यही नहीं, ब्लड टेस्ट से अन्य लक्षणों के कारणों के बारे में भी जाना जा सकता है जैसे एनीमिया या इंफेक्शन आदि।
यूरिन टेस्ट (Urine Test)
यूरिन टेस्ट का प्रयोग प्रीक्लेमप्सिया (Preeclampsia) जो प्रेग्नन्सी से जुड़ा हाय ब्लड प्रेशर है और यूरिन इंफेक्शन का पता चल सकता है।
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram)