हार्ट फेलियर (Heart failure) को जन्मजात हार्ट फेलियर (Congestive heart failure) के नाम से भी जाना जाता है। हार्ट फेलियर की समस्या होने पर छाती में दर्द, कमजोरी का एहसास, हार्ट बीट का अनियमित होना, सांस लेने में समस्या होना आदि लक्षण दिखाई पड़ते हैं। अगर आपको भी ये लक्षण नजर आएं, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर आपको हार्ट फेलियर डायग्नोज हुआ है, तो बिना देरी किए ट्रीटमेंट शुरू कर देना चाहिए। हार्ट फेलियर चार प्रकार के हो सकते हैं। इनमें लेफ्ट साइड हार्ट फेलियर (Left-sided heart failure), राइट साइड हार्ट फेलियर (Right-sided heart failure), सिस्टोलिक हार्ट फेलियर (Systolic heart failure), डायसिस्टोलिक हार्ट फेलियर (Diastolic heart failure) शामिल हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी कंडीशन डायग्नोज हुई है, तो ये आपके हार्ट को कमजोर करने का काम करेंगे और साथ ही हार्ट फेलियर का कारण बनेंगे। अगर आपको हाय ब्लड प्रेशर की समस्या हमेशा रहती है, तो इसे छोटी बीमारी समझने की भूल न करें। हाय ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट को अधिक काम करना पड़ता है। एक्स्ट्रा एक्जर्शन के कारण हार्ट मसल्स वीक होने लगती हैं और कुछ समय बाद ये हार्ट फेलियर का कारण बन सकती हैं। बेहतर होगा कि जांच के बाद समय पर दवाओं का सेवन कर अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करें और हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाएं।
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इस आर्टिकल में दिए गए ब्रांड के नाम का हैलो स्वास्थ्य प्रचार नहीं कर रहा है। डॉक्टर से परामर्श के बाद ही दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए। हार्ट की दवाओं का इस्तेमाल सही समय पर रोजाना करना चाहिए वरना दवाओं का सेवन न करने की स्थिति में आपको अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं। दवाओं के साथ ही आपको खानपान पर भी ध्यान देने की जरूरत है। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको हार्ट फेलियर में एल्डोस्टेरॉन एंटागोनिस्ट ड्रग्स (Aldosterone antagonists drugs in Heart failure) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे और आपकी परेशानी का समाधान करेंगे।