कोरोना का कहर जब सामान्य लोगों पर भारी रहा है, तो कैंसर जैसे पेशेंट में कोविड की स्थिति की कल्पना भी मन में डर को पैदा कर देता है। कैंसर एक खतरनाक बीमारी है, जिसके कारण हर साल दुनियाभर में लाखों लोग मौत की चपेट में आ जाते हैं। कोरोना महामारी के इस दौर में यह उनके और भी ज्यादा घातक हो सकता है। इसलिए यह बहुत ही जरूरी है कि जो लोग कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं, वो कोरोना से अपना बचाव पर ध्यान दें। ऐसे में अब बात यह उठती है कि क्या कैंसर पेशेंट के लिए कोविड वैक्सीन (COVID Vaccine for Cancer Patient) प्रभावकारी है। इसका जबाव बहुत जरूरी है। यदि आप कैंसर पेशेंट हैं और वैक्सीन का सोच रहे हैं, तो आपके लिए जरूरी है पहले कुछ बातों का ध्यान रखें। अगर हम कैंसर पेशेंट की बात कर ही रहे हैं, तो COVID19 महामारी, कैंसर रोगियों सहित कई लोगों पर गंभीर साबित हुई है। वर्तमान समय में कैंसर रोगियाें की देखभाल उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है। ऐसे में कोविड-19 का टीका लगवाना उनके लिए सुरक्षित है या नहीं। कोविड की वैक्सीन किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने और रक्षा के लिए की जाती है। जानें कैंसर पेशेंट के लिए कोविड वैक्सीन (COVID Vaccine for Cancer Patient) के बारे में:
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कैंसर पेशेंट के लिए कोविड वैक्सीन ( COVID Vaccine for Cancer Patient): एक्सपर्ट की राय
जब भारत ने जनवरी 2021 में अपना टीकाकरण अभियान शुरू किया था , तो कई विशेषज्ञ चिकित्सा समूहों ने अनुशंसा की कि कैंसर या कैंसर के हिस्ट्री वाले रोगियों को कोविड वैक्सीन से बचना चाहिए। क्योंकि टीकाकरण का एकमात्र उद्देश्य यही है कि लोगों कि इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सके और ताकि उनका शरीर बीमारी से लड़ सके। सभी कैंसर पेशेंट की हिस्ट्री और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अलग-अलग होती है। कैंसर पेशेंट के लिए कोविड वैक्सीन का चुनाव दो महत्वपूर्ण बाताें पर निर्भर करता है। एक कैंसर सर्वाइवर और दूसरा उन लोगों के लिए जो वर्तमान में कैंसर का इलाज करा रहे हैं। जिन लोगों का कैंसर ठीक हो चुका है। उनके लिए यह सर्वोत्तम है। छिप्त में कहा जाये तो ऐसे लोग जो कैंसर का इलाज करा रहे है या करा चुके है उन्हें मान्य निर्देशों का पालन कर एवं विशेषज्ञ सलाह के बाद कोविड-19 का वैक्सीन लगवाना चाहिए
- जिन रोगियों की वर्तमान समय में कैंसर सर्जरी हुई है: उन्हें टीका लगवाने से पहले अपने डॉक्टरों से परामर्श करना चाहिए। इसके लिए यह बात पर भी निर्भर करता है कि उन्हें किस प्रकार का कैंसर है, उसका ट्रीटमेंट, मेडिकेशन पर भी निर्भर करता है। यह इन सब बातों पर भी निर्धारित करता है।
- रेडिएशन थेरेपी करा रहे अधिकांश मरीज वैक्सीन ले सकते है, लेकिन डॉक्टर की सलाह के बाद। लेकिन कीमोथेरिपी ले रहे कैंसर पेशेंट में जरूरी नहीं है कि यह वैक्सीन लेना प्रभावी साबित हो। कीमोथेरिपी ले रहे पेशेंट को अपने आखिरी सत्र के 5-7 दिनों के बाद वैक्सीन का सोच सकते हैं। वैक्सीन लेते समय यह महत्वपूर्ण है कि रोगी के शरीर में व्हाइट ब्लड काउंट (white blood counts) और ब्लड प्लेटलेट काउंट (blood platelets) लो नहीं होना चाहिए।
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- कैंसर विशेषज्ञ आप को कौन सा कैंसर है एवं आप का क्या इलाज चल रहा है इस जानकारी के आधार पर आप को कोविड -19 वैक्सीन के जोखिम, लाभ, टाइमलाइन एवं आप को कोविड- 19 वैक्सीन के प्रथम डोस के पहले क्या ध्यान रखने की आवश्यकता है के बारे में अवगत कराएँगे
- इसके अलावा ल्यूकेमिया के रोगी के लिए टीकाकरण में देरी करना एक अच्छा फैसला हो सकता है। जब तक कि उनका कीमोथेरिपी उपचार पूरा न हो जाए। ऐसे मामलों में अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है।
- ऐसे मरीज जो स्टेम सेल ट्रांसप्लांट का इलाज (Treatment of stem cell transplant) करा रहे है, उन्हें वैक्सीनेशन से पहले वैक्सीन की समय सीमा पर अपने विशेषज्ञ से सलाह लेने की आवस्यकता है। ऐसे मरीजो के लिए जरूरी है कि ऑटोलॉगस स्टेम सेल ट्रांसप्लांट, एलोजेनिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट या कार्ट सेल थेरिपी के तीन महीने के अंदर ही अपने डॉक्टर के परामर्श कर टीका लगवा लें।
- कैंसर पेशेंट के लिए कोविड वैक्सीन की बात करें, तो जिन मरीजों की ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी हुई है, ऐसे में मरीज को टीके लेते समय कुछ सावधानियों की जरूरत है, जैसे कि यदि उनके बाय ओर सर्जरी हुई है, तो उन्हें दाएं ओर वैक्सीनेशन करवाना चाहिए। लेकिन टीके से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेना चाहिए।
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कैंसर पेशेंट के लिए कोविड वैक्सीन: भारत में तीन टीके उपलब्ध हैं:
कैंसर पेशेंट के लिए कोविड वैक्सीन: कोवैक्सिन (Covaxin)
यह एक इनएक्टिवेटिड वैक्सीन है, जिसे होल-विरियन इनएक्टिवेटेड वेरो सेल-डिराइवड (Whole-Virion Inactivated Vero Cell-derived) तकनीक का उपयोग करके इसे विकसित किया गया है। इसमें डेड वायरस होते हैं, जो कि शरीर में प्रवेश कराये जाते हैं, जिससे एंटीबॉडी रिस्पॉन्स होता है और शरीर वायरस को पहचानने और उससे लड़ने लायक एंटीबॉडी बनाती है। यानि की इम्यूनिटी इतनी हो जाती है कि वो वॉयरस से लड़ सके।
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कैंसर पेशेंट के लिए कोविड वैक्सीन: कोविशील्ड (Covishield)
कोविशील्ड, इसे ChAdOx1 nCoV-19 (एडेनोवायरस) के रूप में भी जाना जाता है। यह एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है। इसमें चिम्पांजी में पाए जाने वाले एडेनोवायरस का इस्तेमाल हुआ है। जिससे, उससे कोरोना वायरस जैसा ही स्पाइक प्रोटीन का निमार्ण किया गया है। यह शरीर में जाकर संक्रमण के खिलाफ प्रोटेक्शन विकसित करता है। वायरस की बाहरी सतह पर प्रोट्रूशियंस की मौजूदगी मानव कोशिका से बांधने में मदद करते हैं। इस तरह के टीके में इन्फ्लुएंजा जैसे संक्रमण से पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता होती है।
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कैंसर पेशेंट के लिए कोविड वैक्सीन: स्पुतनिक वी (Sputnik V)
यह गमलेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी एंड द्वारा विकसित किया गया है; रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF)। वैक्सीन के आधार पर विकसित किया गया है। स्पुतनिक वी भी एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है। इसे एक के बजाय दो वायरस से बनाया गया है। इसकी दोनों डोज अलग-अलगहैं।
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कैंसर पेशेंट के लिए जरूरी है कि वो कोविड वैक्सीनेशन से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें। उनके बताए गये समय पर ही वैक्सीन लें। यदि उन्होंने आपको इसके लिए अभी रोक दिया है, तो इसे लेनी की गलती न करें। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।