साल 2021 की शुरुआत लोगों की नई उम्मीद और अपने सपनों को पूरा करने के इरादा लिए दस्तक दे चुकी है, लेकिन नई उम्मीदों और उन्हें पूरा करने के साथ-साथ इस साल लोगों को कोरोना वायरस वैक्सीनेशन (Coronavirus Vaccination) से भी जुड़ी है। बीते साल से कोरोना वायरस वैक्सीनेशन का इंतजार खत्म होता नजर आ रहा है। भारत में 16 जनवरी से कोविड-19 वैक्सीनेशन (कोविड-19 टीकाकरण) की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कोविड-19 वैक्सीन लोगों के लिए सुरक्षित है और बेहद प्रभावी है। वैक्सीनेशन की प्रक्रिया चरणबद्ध होगी और कोविड-19 टीकाकरण के लिए व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन आवश्यक है और कोरोना वायरस वैक्सीनेशन की सुविधा उन लोगों को नहीं मिलेगी जो पंजीकृत नहीं होंगे। वहीं डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी कहा है कि वैक्सीन सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को ही दी जायेगी। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी कोरोना वायरस वैक्सीनेशन (Coronavirus Vaccination) प्रमुख जानकारी ट्वीट किया है।
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कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
कोरोना वायरस पर ब्रेक लगाने के लिए 150 से ज्यादा वैक्सीन पर प्री-क्लिनिकल ट्रायल चल रही हैं। वहीं 50 से ज्यादा वैक्सीन पर क्लिनिकल ट्रायल चल रही हैं। भारत में कोविड-19 वैक्सीन के लिए 6 वैक्सीन पर क्लिनिकल ट्रायल की जा रही है, जिनमें दो वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट की ‘कोविशिल्ड’ और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ को ग्रीन सिग्नल मिल चुकी है। इस आर्टिकल में समझेंगे कोवीशिल्ड एवं भारत बायोटेक वैक्सीन के बारें में और साथ ही जानेंगे कोरोना वायरस वैक्सीनेशन से जुड़ी खास जानकारियां। लेकिन सबसे पहले जानते हैं कोविशिल्ड एवं भारत बायोटेक वैक्सीन से जुड़ी जानकारी।
सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशिल्ड वैक्सीन (Covishield vaccine): मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन की डोज तकरीबन 40-50 मिलिय तैयार की है।
भारत बायोटेक वैक्सीन की कोवैक्सीन (Bharat Biotech vaccine): भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मिलकर वैक्सीन को भी सरकार की ओर से हरी झंडी दे दी गई है। लेकिन ये दोनों ही पहले हेल्थलाइन वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को दी जायेगी।
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कोविशिल्ड एवं भारत बायोटेक वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने देश में सीमित आपात इस्तेमाल ( Emergency Use) के लिए मंजूरी भी दे दी है। कोरोना वायरस वैक्सीनेशन (Coronavirus Vaccination) प्रोटोकॉल के अनुसार:-
- हेल्थ वर्कर्स (डॉक्टर्स), नर्स, पैरामेडिक्स से जुड़े लोगों को दी जाएगी। ऐसे में तकरीबन 80 लाख लोगों को कोरोना वायरस वैक्सीनेशन दी जाने की संभावना बताई जा रही है।
- हेल्थ वर्कर्स के बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स के बाद यानी पुलिसकर्मियों, पैरामिलिटरी फोर्सेस, सेनाकर्मी और सैनिटाइजेशन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी।
- कोरोना वायरस वैक्सीनेशन की शुरुआत हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स करने के बाद उनलोगों का टीकाकरण किया जाएगा जिनकी उम्र 50 साल से कम है और किसी क्रोनिक डिजीज से पीड़ित हैं। वहीं 50 साल से कम उम्र के लोग जिनमें कोरोना के सिमटम्स देखे गए हैं।
- कोवैक्सीन (भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन) 12 वर्ष से ज्यादा उम्र के बच्चों को इमरजेंसी पड़ने पर दी जा सकती है।
- ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 18 वर्ष से कम उम्र के टीनेजर्स पर भी क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति दे दी है। जिन बच्चों को COVID-19 वैक्सीन दी जाएगी, उनकी सेहत को लगातार मॉनिटर किया जाएगा।
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कोरोना वायरस वैक्सीनेशन से जुड़े सवाल और उनके जवाब
सवाल: क्या रजिस्ट्रेशन के बिना वैक्सीन लगाई जाएंगी?
जवाब: नहीं। दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय के ओर से यह साफ कर दिया गया है कि यह वैक्सीन बिना रजिस्ट्रेशन के नहीं दी जायेगी। गवर्मेंट की ओर से कोविन (Co-WIN) एप बनाया गया है, जिससे वैक्सीन की रियल-टाइम मॉनिटरिंग में मदद मिलेगी। इसी एप पर आम लोगों को रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा भी उपलब्ध है। इस एप पर आसानी से रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है और जैसे ही आप इसपर रजिस्ट्रेशन करेंगे आपका यूनिक हेल्थ आईडी बन जायेगी। इस आईडी को डिगीलॉकर (DigiLocker) पर सेव किया जाएगा। इसके साथ ही एक टॉल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1075 भी जारी की गई है।
सवाल: रजिस्ट्रेशन के लिए कौन-कौन से डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी?
जवाब: कोरोना वायरस वैक्सीनेशन (Coronavirus Vaccination) के लिए फोटो के साथ-साथ ड्राइविंग लाइसेंस, श्रम मंत्रालय की ओर से जारी किया गया हेल्थ इंश्योरेंस स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, सांसद, विधायकों को जारी आईडी कार्ड, पैन कार्ड, बैंक या पोस्ट ऑफिस की पासबुक, पासपोर्ट, पेंशन डॉक्यूमेंट, केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कर्मचारियों के लिए जारी सर्विस आईडी और वोटर आईडी कार्ड अनिवार्य डॉक्यूमेंट्स हैं। आपके पास इनमें से
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सवाल: रजिस्ट्रेशन के बाद कोरोना वायरस वैक्सीनेशन कब लेना है? इसकी जानकारी कैसे मिलेगी?
जवाब: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद SMS के माध्यम से आपको जानकारी दी जाएगी कि आपको कब और कहां कोविड वैक्सीनेशन के लिए जाना है।
सवाल: कोरोना वायरस वैक्सीन लगवाना जरूरी है?
जवाब: कोरोना वायरस के चेन को तोड़ने के लिए COVID-19 वैक्सीन लगवाना बेहद जरूरी है। इससे न सिर्फ आप आपने फैमली को इस संक्रमण से बचा सकेंगे बल्कि अपने आस पास रह रहे लोगों को भी इस जानलेवा बीमारी से बचने में सहायता करेंगे।
सवाल: कोविड-19 के केस में कमी आई है, ऐसे में क्या वैक्सीनेशन लगवाना ठीक रहेगा?
जवाब: हेल्थ मिनिस्टर के ओर से जारी रिपोर्ट में यह साफ बताया गया है कि केसेस में कमी है बावजूद इसके वैक्सीनेशन करवाना जरूरी है। वैक्सीनेशन से ही इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।
सवाल: कोरोना वायरस वैक्सीनेशन (Coronavirus Vaccination) सेंटर पर आईडी प्रूफ के लिए क्या रखना अनिवार्य है?
जवाब: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक फोटो आईडी प्रूफ दी जायेगी, जिसे लेकर आपको कोविड-19 वैक्सीनेशन सेंटर पर अपने साथ लेकर जाना होगा। ध्यान रखें जो डेट और टाइम आपको दी गई है, उसी के अनुसार वहां पहुंचें। इस दौरान आपको जो गाइडलाइन दी गई उसका पूरी तरह से पालन करें।
सवाल: क्या कोरोना पॉजिटिव पेशेंट्स को भी वैक्सीन दी जायेगी?
जवाब: कोरोना पॉजिटिव पेशेंट्स को यह वैक्सीन वैक्सीनेशन सेंटर पर नहीं दी जाएगी, क्योंकि कोविड-19 पॉजिटिव (COVID-19 Positiv) पेशेंट्स से इंफेक्शन फैलने के खतरा ज्यादा होगा। इसलिए ठीक होने के बाद भी ही इन्हें वैक्सीन दी जायेगी।
सवाल: वैक्सीन के कितने डोज होंगे?
जवाब: कोरोना वायरस वैक्सीन के दो डोज दिए जायेंगे। पहला डोज जिस दिन दिया जाएगा, उस दिन से 28वें दिन डोज फिर से दी जायेगी। हर व्यक्ति को दो डोज दिए जाएंगे। इस डोज से बॉडी में एंटीबॉडी का निर्माण होगा, जो कोरोना से बचने में आपके लिए सहायक होगा। इस एंटीबॉडी से शरीर में इंफेक्शन होने की संभावना को कम करने में सहायक होगा।
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सवाल: वैक्सीनेशन के बाद कब तक वैक्सीनेशन सेंटर पर रुकने की जरूरत है?
जवाब: वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन लगने के बाद आपको आधे घंटे तक मॉनिटर किया जाएगा और उसके बाद आपको वहां से जाने दिया जायेगा।
सवाल: कोरोना वायरस वैक्सीन का स्ट्रोरेज कैसे किया जाएगा?
जवाब: जितनी सुर्खियां कोरोना वायरस की रहीं हैं, उतनी ही इसके वैक्सीन के बनने के अलावा स्टोरेज की हो रही है। दरअसल इस वक्त देश में 41 एयरपोर्ट्स पर वैक्सीन की डिलीवरी होगी। इंडियन गवर्मेंट ने दिल्ली, करनाल, कोलकाता, गुवाहाटी (नॉर्थ-ईस्ट), चेन्नई और हैदराबाद जैसे अलग-अलग जगह शामिल है। रिसर्च के रिपोर्ट अनुसार कोविड-19 वैक्सीन को स्टोर करने की व्यवस्था की गई है।
सवाल: क्या गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को भी कोरोना वायरस वैक्सीन दी जायेगी?
जवाब: गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के लिए अभी गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। इसलिए अगर आप वैक्सीन लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रहीं हैं, तो इसकी जानकारी अपने हेल्थ एक्सपर्ट और रजिस्ट्रेशन के दौरान जरूर दें।
सवाल: क्या कोरोना वायरस वैक्सीनेशन (Coronavirus Vaccination) से पहले एंटीबॉडी टेस्ट करवाना चाहिए?
जवाब: एंटीबॉडी टेस्ट करवाने की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन अगर आपके हेल्थ एक्सपर्ट इस कोई दिशा निर्देश देते हैं, तो उसे जरूर फॉलो करें।
सवाल: कोई खास डायट प्लान फॉलो करने की जरूरत है?
जवाब: नहीं, आप अपनी रेग्यूलर डायट फॉलो कर सकते हैं।
सवाल: कोरोना वायरस वैक्सीनेशन के बाद कोई साइड इफेक्ट्स भी होने की संभावना है?
जवाब: नहीं, वैक्सीनेशन के बाद इसके साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं। लेकिन जिस तरह अन्य वैक्सीनेशन के बाद बुखार आने जैसी परेशानी होती है, ठीक वैसे ही कोरोना वायरस वैक्सीनेशन (Coronavirus Vaccination) के बाद शरीर का तापमान बढ़ सकता है।
कोविड-19 और इसके वैक्सीन से जुड़ी खास जानकारी आपके साथ शेयर कर रहें हैं Dr. Rommel Tickoo. नीचे दिए इस वीडियो क्लिप को करें और जानें कोरोना वायरस वैक्सीनेशन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।
अगर आप कोरोना वायरस वैक्सीनेशन (Coronavirus Vaccination) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। एक साल से कम वक्त में कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए तैयार की गई वैक्सीन उपलब्ध होने वाली हैं, लेकिन लोगों में कई तरह के नकारात्मक विचार भी इसको लेकर उठ रहें हैं। ऐसे में अफवाहों पर ध्यान न देकर अपनी सेहत का ध्यान रखें और पॉजिटिव थिंकिंग रखें। यह ध्यान रखें कि किसी भी वैक्सीनेशन के बाद फीवर होना सामान्य है, लेकिन अगर आपको फीवर ज्यादा देर तक रहता है या कोई अन्य लक्षण महसूस होते हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करना सबसे बेहतर विकल्प होता है।