कोरोना महामारी के समय सभी लोग अपनी सुरक्षा के लिए घरों में बंद हैं, लेकिन कुछ वैसे भी लोग हैं, जो महामारी के प्रकोप के बीच भी दिन-रात लोगों की सेवाएं कर रहे हैं। आप सोच रहे होंगे कि हम डॉक्टर की बात कर रहे हैं। जी नहीं, डॉक्टर भगवान की तरह लोगों के जीवन की रक्षा कर रहे हैं और यह बात सभी जानते हैं, लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे कि किसी मरीज को स्वस्थ करने में जितना योगदान किसी डॉक्टर का होता है, उतना ही एक नर्स का भी होता है। जी हां, हम कोरोना वारियर्स नर्सों के बारे में बात कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) के अवसर पर आज हम आपको देश इन्हीं नर्सों के काम के बारे में बताएंगे। फोर्टिज हॉस्पिटल में करने वाली नर्सिंग हेड के इस इंटरव्यू में आप जानेंगे कि कैसे वे और उनकी टीम बिना थके और बिना रुके, लगातार कई महीनों से कोविड-19 मरीजों की देखभाल कर रही है। इंटरनेशनल नर्स डे के मौके पर नर्सों से जानिए उनके जीवन का हाल।
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day): बिना थके और बिना रुके नर्स कर रही मरीजों की सेवाएं
नोवल कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में लाखों लोगों की जान चली गई है। अभी भी इस वायरस से लाखों लोग संक्रमित हैं। भारत में भी कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 60 हजार के पार पहुंच चुका है। इससे मरने वालों की संख्या भी हजारों में पहुंच चुकी है। कई कोरोना वारियर डॉक्टर और नर्स भी कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन फिर भी ये दिन-रात रोगियों की सेवा कर रहे हैं। इस अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) पर आपको जरूर नर्सों का हौसला बढ़ाना चाहिए। फोर्टिस हॉस्पिटल की नर्सिंस हेड मिनिमोर वर्गिस से जानिए कि वे कैसे कर रही हैं अपना काम।
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प्रश्न- देश में कोविड-19 महामारी का प्रकोप शुरू होने के बाद नर्सों ने क्या निर्णय लिया?
कोविड-19 एक महामारी है और इसके कारण दुनिया भर में कई लोगों की जान चली गई है। जिस तरह दुनिया में सभी जगह इस महामारी को गंभीरता से लिया जा रहा था, उसी तरह से हमने भी कोरोना महामारी को लेकर कोई भी लापरवाही नहीं करने का निर्णय किया।
प्रश्न- कोविड-19 से लड़ने के लिए नर्सों ने कैसे तैयारी की?
कोरोना महामारी का प्रकोप फैलते ही हमारे यहां मीटिंग शुरू हो गई। मीटिंग में हेल्थ केयर के सभी स्टॉफ को बुलाया गया। मीटिंग में एडमिन, इंफेक्शन कंट्रोल टीम, नर्सिंग टीम आदि सभी लोग थे। हमारे वरिष्ठ सहयोगी डॉ. नारायणी ने सभी से बातचीत की और उनसे विचार पूछे। सभी की राय ली गई और फिर सबकी सहमति से कोविड-19 यूनिट को चालू करने का निर्णय लिया गया।
प्रश्न- यूनिट को चालू करने से पहले क्या व्यवस्था करनी पड़ी?
हमारी सबसे बड़ी टेंशन थी कि यूनिट ऐसी जगह पर होनी चाहिए, जहां से दूसरा डिपार्टमेंट या दूसरे रोगी कोविड-19 यूनिट के संपर्क में न आ सकें। यूनिट चालू करने से पहले हमने बहुत विचार किया कि हॉस्पिटल के किस भाग में यूनिट चालू किया जाए। अंत में हॉस्पिटल में ही एक जगह का चयन किया गया।
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अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस
प्रश्न- यूनिट चालू करने के बाद आपकी टीम ने क्या किया?
यूनिट के लिए स्थान का चयन करने के बाद हम सभी ने एक हफ्ते तक पूरी तैयारी की। टीम वर्क में काम करते हुए हमने सबसे पहले लिस्ट बनाई कि कोविड-19 के रोगी के इलाज में किन-किन चीजों की जरूरत पड़ सकती है। हमने उन सभी चीजों की व्यवस्था की। सभी सामान को उस यूनिट में सेट किया।
प्रश्न- आपकी टीम में कितने कोरोना वारियर नर्स हैं, जो कोरोना महामारी में मरीजों की देखभाल कर रही हैं?
जब कोविड-19 यूनिट चालू किया जा रहा था, तब हमने सभी नर्सों के लिए टाउन हॉल बुलाया। इस टाउन हॉल में हमारे 60 नर्सों ने अपने आप ही मरीजों की देखभाल करने की इच्छा जताई। सभी ने अपने नाम लिखवाए और टीम बन गई।
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प्रश्न- क्या कोविड-19 संक्रमित मरीजों की देखभाल के लिए आपको या नर्सों को कोई विशेष ट्रेनिंग दी गई है?
सभी 60 नर्सों को विशेष ट्रेनिंग दी गई। हमें बताया गया कि कोरोना के पेशेंट की कैसे देखभाल करनी है। रोगी को देखने के समय अपनी सुरक्षा कैसे करनी है। पीपीई पहनने और उतारने आदि के बारे में बताया गया। एक नर्स को रोज जितने पीपीई की जरूरत पड़ेगी, उसके अनुसार पीपीई की व्यवस्था कराई गई।
प्रश्न- नर्सों की सुरक्षा के लिए क्या खास व्यवस्था की गई है?
यूनिट चालू करने से पहले ही पूरी टीम की सुरक्षा के लिए प्रोफाइलेक्सिस, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन आदि दवाई यूनिट में दे दी गई।
प्रश्न- नर्सों के रहने-खाने की क्या विशेष व्यवस्था की गई है?
हमारी सबसे अधिक चिंता थी कि कोविड-19 यूनिट के स्टॉफ, हॉस्पिटल के दूसरे स्टॉफ के साथ न मिलें। इसलिए कोरोना महामारी में मरीजों की देखभाल करने वाले लोगों के हॉस्पिटल में ही रहने-खाने की अलग व्यवस्था की गई है।
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प्रश्न- नर्सों के साथ दूसरे स्टॉफ के लिए भोजन में क्या विशेष ख्याल रखा जा रहा है?
जब आप स्वस्थ रहेंगे, तभी तो दूसरे को स्वस्थ रखेंगे। इसलिए इन सभी लोगों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। डायिटीशियन ने एक स्पेशल डायट चार्ट बनवाया गया है। इस चार्ट को किचन में दिया गया है, ताकि इनका भोजन चार्ट के अनुसार ही बने। नर्सों को हाई प्रोटीन डायट दिया जा रहा है। अंडे, दूध, हाई प्रोटीन पाउडर की पूरी व्यवस्था की जा रही है।
प्रश्न- मरीजों की लगातार देखभाल करने के कारण आप लोगों का जीवन बेहद तनावपूर्ण हो गया होगा, ऐसे में इंटरनेशल नर्स डे के मौके पर आप लोगों को बताएंगी कि इसके लिए आपकी टीम ने क्या किया?
मरीजों की देखभाल करने के साथ-साथ अपनी सेहत का भी ध्यान रखना होता है। नर्सों को टेंशन न हो या वे तनाव और चिंता में ग्रस्त न हो, इसके लिए रोज इनके साथ बातचीत की जाती है। मानसिक, शारीरिक तनाव और स्ट्रेस को कम करने का पूरा प्रयास किया जाता है। इनकी तकलीफ सुनी जाती है। हमलोग रोज इनसे फीडबैक लेते हैं और फीडबैक में मिली प्रतिक्रिया को अपने ब्रीफिंग मीटिंग में डिस्कस करते हैं। उनकी मुश्किलों को हल करने का काम करते हैं।
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प्रश्न- लगातार हॉस्पिटल के वातावरण में रहने से नर्सों का तनाव कैसे दूर होता है?
अंतरराष्ट्रीय दिवस (International Nurses Day) के मौके पर मैं लोगों को यह बताना चाहूंगी कि हॉस्पिटल प्रशासन ने ड्यूटी के बाद नर्सों के तनाव को कम करने करने के लिए पूरी व्यवस्था की है। हमारे रूम में टीवी के साथ-साथ मनोरंजन की दूसरी व्यवस्था है, ताकि हम और दूसरे स्टॉफ भी फिजिकल और साइकोलॉजिकल रूप से स्वस्थ रहें।
प्रश्न- क्या नर्सों को घर जाने का मौका मिलता है?
सभी स्टॉफ के लिए विशेष ड्यूटी नियम बनाए गए हैं। इनको चार शिफ्ट में काम करना पड़ता है। सभी शिफ्ट 6 घंटे के होते हैं। एक हफ्ते काम करने के बाद दूसरे हफ्ते नर्सों को आराम दिया जाता है। अगर किसी दिन कोरोना यूनिट में स्टॉफ छुट्टी पर है, तो भी हम उन्हें उस दिन परेशान नहीं करते। जिनका साप्ताहिक अवकाश होता है। उस दिन भी हम नर्सों से काम नहीं कराते।
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प्रश्न- क्या आपकी मेहनत रंग ला रही है?
हां, हमारे यहां जो पेशेंट वेंटिलेटर पेशेंट थे, वे स्वस्थ होकर वार्ड में शिफ्ट हो रहे। इससे डॉक्टर और नर्सों को भी हौसला बढ़ रहा है और दूसरे रोगियों को भी प्रोत्साहन मिल रहा है। उनकी भी जल्द ठीक होने की इच्छा हो रही है।
प्रश्न- आपके वरिष्ठ सहयोगी आपका कितना सपोर्ट करते हैं?
वे नर्सों से रोज फीडबैक लेते हैं। हमारा हमेशा सपोर्ट करते हैं। टीम की तरह काम करते हैं। रोज हमारी मीटिंग होती है और कम्यूनिकेट करते हैं। कम्यूनिकेट करने के कारण हमारी रोज की दिक्कत खत्म हो जाती है। इसी कारण से हम लोगों की सेवाएं कर रहे हैं।
हर साल 12 मई को मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day)
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) हर साल 12 मई को मनाया जाता है। इस दिन फ्लोरेन्स नाइटिंगेल का जन्म इटली में 12 मई 1820 को हुआ था। माना जाता है कि फ्लोरेन्स नाइटिंगेल ने ही पहली बार नर्सिंग सेवा की शुरुआत की थी। जब ये बड़ी हुई, तो इन्होंने नर्स बनकर लोगों की सेवा करने की इच्छा जताई। माता-पिता ने इसका बहुत विरोध किया, लेकिन इसके बाद भी इन्होंने यही पेशा आजमाया। इसी कारण से 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है।
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अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) पर भारत में नर्सों को किया जाता है सम्मानित
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) के मौके पर भारत सरकार के परिवार एवं कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार दिया जाता है। इसमें नर्सों की सेवाओं को सम्मानित किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर अब तक 237 नर्सों के काम को सराहा गया है। भारत के माननीय राष्ट्रपति अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) पर नर्सों को सम्मानित करते हैं। 1965 से हर साल इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज द्वारा अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है।
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भारत में इस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए जब से लॉकडाउन लगाया गया है, तब से सभी लोग अपने घरों में बंद हैं, ताकि उनका जीवन सुरक्षित रहे, लेकिन देश भर के लगभग हर हॉस्पिटल में नर्स कैसे बिना थके और बिना रुके अपना काम कर रही हैं, ताकि आप स्वस्थ हो सकें और आपके परिवार में खुशियां बनी रहे। इसलिए इंटरनेशनल नर्स डे (International Nurses Day) के मौके पर सभी का कर्तव्य बनता है कि हम भी इनका सहयोग करें। आप कोविड-19 को लेकर बनाए गए सभी नियमों का पालन करें, तभी कोरोना वारियर नर्सों की मेहनत रंग ला पाएगी। अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day) पर यही आपका नर्सों को सहयोग होगा।
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