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हरितकी (हरड़) के फायदे - Health Benefits of Haritaki (Harad)

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Mona narang द्वारा लिखित · अपडेटेड 08/06/2020

हरितकी (हरड़) के फायदे - Health Benefits of Haritaki (Harad)

परिचय

हरितकी (हरड़) क्या है?

हरीतकी एक हर्ब है जिसका इस्तेमाल कई परेशानियों के इलाज के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में इस औषधि को बेहद उपयोगी बताया गया है। दवा के रूप में इस पौधे के फल, छाल और जड़ का उपयोग किया जाता है। इसका वानस्पातिक नाम चेबुलिक मॉ़यरोबालान (Chebulic myrobalan) है। यह हर्ब कॉम्ब्रीटेसी (Combretaceae) परिवार से ताल्लुक रखता है। इसे हरड़ (Harad), हेजरड़ (Haejarad), करंथा (karedha) और ब्लैक मॉयरोबालान (Black myrobalan) के नाम से भी जाना जाता है। यौन संबंधित समस्याओं के लिए इस हर्ब को वरदान समान माना जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल बुखार, उल्टी, बवासीर, पेट में गैस और पेट फूलना जैसी परेशानियों के लिए किया जाता है।

हरितकी (हरड़) का उपयोग किस लिए किया जाता है?

कैविटी से बचाव (Cavity Prevention)

ओरल हेल्थ एंड प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री द्वारा 2010 में किए गए एक शोध के अनुसार यह हर्ब माउथवॉश के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह कैविटी से सुरक्षा प्रदान करता है।

दर्द से राहत (Pain Relief)

हरड़ दर्द से राहत दिलाने के लिए फायदेमंद मानी जाती है। जर्नल ऑफ एनेस्थिसियोलॉजी क्लीनिक फार्माकोलॉजी के 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार हरड़ दर्द से राहत प्रदान करता है।

ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (Oxidative Stress)

बायोकेमिस्ट्री एंड फंक्शन द्वारा 2009 में की गई एक स्टडी के अनुसार, हरड़ में कई ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ने में मदद करते हैं। चूहों पर किए गए परिक्षणों में शोधकर्ताओं ने पाया कि इसका सेवन करने से शरीर में ग्लूटाथियोन, सुपरऑक्साइड डिसम्युटेस, विटामिन-सी और विटामिन-ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए गए।

शुगर को करे कंट्रोल (Regulates blood sugar)

2010 में चूहों पर किए गए फायटोथेरेपी रिसर्च में शोधकर्ताओं ने हरद का सेवन करने से शुगर लेवल को कम पाया। कई शोध में इस हर्ब को डायबिटीज और मेटाबॉलिक सिंड्रोम की रोकथाम और उपचार के लिए इसे उपयोगी माना गया है। हालांकि इसे लेकर फिलहाल अधिक शोध करने की जरूरत है।

कोलेस्ट्रॉल लेवल को मेंटेन रखने में मददगार (Maintain Cholesterol Level)

जर्नल ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी के 2012 में चूहों पर किए गए एक शोध के अनुसार, हरितकी कोलेस्ट्रॉल लेवल को मेंटेन रखने में मदद करता है। इस शोध में इस हर्ब का सेवन करने से ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम पाया गया। बता दें, ट्राइग्लिसराइड्स एक हानिकारक फैट है जिसके बढ़ने से दिल का दौरा, स्ट्रोक, अवरुद्ध धमनियों आदि की परेशानी हो सकती है।

इन परेशानियों में भी मददगार है हरितकी का सेवन:

  • जख्मों को साफ करने के लिए इसके काढ़े का इस्तेमाल किया जाता है।
  • मुंह और गले को साफ रखने के लिए इसके काढ़े के गरारा कर सकते हैं।
  • ऑस्टियोअर्थराइटिस में दर्द और सूजन से दिलाए राहत।
  • पाइल्स में ब्लीडिंग को कंट्रोल करने के लिए इसके काढ़े से वॉश करने की सलाह दी जाती है।
  • बुखार को कम करने के लिए हरितकी का काढ़ा और पाउडर दिया जाता है।
  • फोड़े पर हरद के पेस्ट को लगाने से जलन होगी, लेकिन यह जल्दी ठीक करने में मदद करता है।
  • हरितकी पाउडर को उल्टी में रिकमेंड किया जाता है। ये डायजेशन को दुरुस्त रखता है। यदि आपका जी मिचला रहा है या उल्टी की शिकायत हो रही है तो आप इसके पाउडर का सेवन कर सकते हैं।
  • हरद पाउडर को दांतों को साफ करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। यह मसूड़ों को मजबूत बनाता है।
  • रेस्पिरेटरी डिसऑर्डर जैसे कफ, रहिनिटिस, डिस्पेनिया में ये एक्सपेक्टोरेंट की तरह काम करता है।
  • दस्त की शिकायत को दूर करने के लिए भी इसके पाउडर को उपयोगी माना जाता है।
  • इसका काढ़ा एडेमा में सूजन को कम करता है।
  • कमजोर इम्यूनिटी होने पर भी इसका काढ़ा लेने की सलाह दी जाती है।

कैसे काम करता है हरितकी (हरड़)?

हरद विटामिन-सी और कई पदार्थों से भरपूर होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फलामेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं। इसमें नर्विन टॉनिक होता है जो नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाता है। इसके अलावा इसमें कई ऐसे पदार्थ होते हैं जो डायजेशन को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं. इसमें मौजूद मधुर विपक कार्डियक मस्ल्स को मजबूत बनाता है। इसमें ड्युरेटिक प्रॉपर्टिज होती हैं जिससे यूरिन संबंधित कोई परेशानी नहीं होती। हरड़ में ऐफ्रडिजीऐक (Aphrodisiac) प्रॉपर्टीज होती हैं जो रिप्रोडक्टिव सिस्टम को मेंटेन रखता है।

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सावधानियां और चेतावनी

हरितकी (हरड़) का उपयोग करना कितना सुरक्षित है?

इसका सेवन डॉक्टर की देखरेख में करना सुरक्षित है। तीन महीने से ज्यादा इसका सेवन नहीं करना चाहिए। निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका सेवन करने से परहेज करना चाहिए:

  • प्रेग्नेंसी में इसका सेवन करना मां और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
  • ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को अपने और बच्चे की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए हरितकी का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • जिन लोगों को ब्लीडिंग डिसऑर्डर की परेशआनी है उन्हें भी इसका सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
  • यदि आपको ब्लड शुगर लेवल लो रहता है तो इसका सेवन करने से बल्ड शुगर लेवल अत्य़धिक कम हो सकता है। इसलिए इसका सेवन एवॉइड करें।

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साइड इफेक्ट्स

हरितकी (हरड़) से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

सीमित मात्रा में हरड़ का सेवन सुरक्षित है। लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने से कुछ लोगों में निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:

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जरूरी नहीं इसका सेवन करने से उपरोक्त बताए साइड इफेक्ट्स ही हो। इससे अलग भी कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। यदि आपको इसका सेवन करने से शरीर में किसी तरह के दुष्परिणाम नजर आए तो इसका सेवन तुरंत बंद कर दें और इसकी जानकारी अपने चिकित्सक या हर्बलिस्ट को दें।

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डोसेज

हरितकी (हरड़) को लेने की सही खुराक क्या है?

  • पाउडर को रोजाना 1 से 6 ग्राम लेने की सलाह दी जाती है।

हालांकि इसकी खुराक हर किसी के लिए अलग हो सकती है। इसकी खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। हर्बल का सेवन हमेशा सेफ नहीं होता है। इसलिए इसकी खुराक कभी भी खुद से तय न करें। उचित खुराक के लिए अपने चिकित्सक या हर्बलिस्ट से चर्चा करें।

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उपलब्ध

किन रूपों में उपलब्ध है हरितकी (हरड़)?

हरितकी (हरड़) निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:

  • पाउडर (powder)

अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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