कान में खुजली (Ear Itching) अक्सर आपको परेशान कर देती है, जिसकी वजह से आप किसी भी कार्य में ध्यान नहीं लगा पाते। कई बार आप कान में खुजली को कम करने के लिए किसी भी प्रकार की स्टिक (तीली) को अपने कान में डाल लेते हैं। इससे इंफेक्शन होने की संभावना होती है। कान में खुजली को ठीक करते वक्त कई बार आप कान के पर्दे को नुकसान पहुंचा देते हैं। इससे ईयर कैनाल को भी काफी चोट पहुंचती है। हालांकि, इसके पीछे फंगल इंफेक्शन या किसी अन्य प्रकार के संक्रमण की शुरुआत एक बड़ी वजह हो सकती है। आज हम इस आर्टिकल में आपको कान में खुजली के बारे में बताएंगे। साथ ही, संक्षिप्त रूप से कान में खुजली का इलाज भी बताएंगे।
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कान में खुजली के कारण
ईयर वैक्स (कान का मैल)
ईयर वैक्स मृत कोशिकाएं होती हैं, जो हमारे कान में वैक्सके रूप में जमा हो जाती हैं। हमारी बॉडी इन्हें कान के जरिए बाहर निकाल देती है। कई बार कान में यह मृत कोशिकाएं इतनी बढ़ जाती हैं कि वह खुजली पैदा करने लगती हैं। इस स्थिति में आपको एकदम कान में खुजली का अहसास होता है। कान में खुजली को कम करने के लिए आपको एकाएक कॉटन की तीली से इसे हटाने की कोशिश नहीं करनी है। इससे यह कान के और भीतर चला जाता है, जहां पर यह फंस सकता है। कान में तीली डालने के बजाय कान की खुजली को कम करने के लिए आप किसी ओवर-दि-काउंटर वाॅटर ईयर ड्रॉप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह कान के मैल को फुलाकर ऊपर की तरफ ले आता है।
यदि इससे आपको मदद नहीं मिलती है तो अपने डॉक्टर से मदद मांगे। हालांकि, डॉक्टर कान में खुजली को कम करने के लिए इस मैल को किसी टूल से बाहर निकाल सकते हैं। कान में खुजली होने पर आपको तीली से मैल को साफ नहीं करना है। कुछ मामलों में देखा गया है कि कान में मैल न होने की स्थिति में भी कान में खुजली होती है। बेहतर होगा कि आप कान में खुजली होने पर अपने डॉक्टर से सलाह लें।
कान में इंफेक्शन
कान में खुजली होना कई बार कान के इंफेक्शन का संकेत हो सकती है। आमतौर पर जब आपको सर्दी, फ्लू या एलर्जी होती है तो बैक्टीरिया और वायरस कान में खुजली पैदा कर सकते हैं। हालांकि कान में पानी भर जाने पर भी आपको कान में खुजली हो सकती है। कान में अत्यधिक मात्रा में नमी होने पर यह कान के पर्दे की लेयर को नुकसान पहुंचाती है। यह ईयर कैनाल पर बनी रक्षात्मक परत बैक्टीरिया से लड़ती है। इस स्थिति में भी आपको कान में खुजली हो सकती है।
ऐसे में कान में खुजली को रोकने के लिए आपको इंफेक्शन का इलाज करने की आवश्यकता होगी। हालांकि, कुछ लोग इस स्थिति में खुद इलाज करते हैं, लेकिन, कुछ लोग डॉक्टर की लिखी हुई दवाइयों का पालन करते हैं। कान में खुजली को लेकर सुझाए गए ईयर ड्रॉप्स को आपको हफ्ते में दिन में कई बार डालना पड़ सकता है। अन्य प्रकार के इंफेक्शन की वजह से कान में खुजली को रोकने के लिए आपको एंटीबायोटिक्स दवाइयों का एक कोर्स करना पड़ सकता है। कान में खुजली को रोकने के लिए और इसका इलाज करने के लिए आपके लिए इसके लक्षणों को समझना बेहद ही जरूरी है। इनकी जानकारी के आभाव में कान में खुजली का इलाज नहीं किया जा सकता।
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कान का सूखा होना
आमतौर पर कान में ऑयल और ईयर वैक्स प्रोड्यूस होता है, जो कान को स्वस्थ औ साफ रखता है। यदि लोग अपने कान को अत्यधिक रूप से साफ करते हैं तो कान में स्थित यह ईयर वैक्स निकल जाता है और कान सूख जाता है। इससे कान में खुजली पैदा होती है। कान में खुजली का यह सबसे अहम कारण है।
कुछ ऐसे लोग भी होते हैं, जिनके कानों में प्राकृतिक रूप से ईयर वैक्स नहीं बनता है, जिसकी वजह से उनके कान सूखे रहते हैं। सूखे कान वाले लोगों के कानों के चारो तरफ एक फ्लेक्स की लेयर बन जाती है। संभवतः आपने ऐसे लोगों को देखा भी होगा। बेहतर होगा कि कान में खुजली का किसी भी तरह का उपचार करने से पहले आप अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले लें।
कान में खुजली और फूड एलर्जी
खाने पीने की कुछ चीजों से एलर्जिक रिएक्शन होने पर कान में खुजली की समस्या हो सकती है। आमतौर पर लोगों को निम्नलिखित फूड्स से एलर्जी हो सकती है:
हालांकि, ऐसे लोगों को कान के अतिरिक्त चेहरे के अन्य हिस्सों पर खुजली का अनुभव हो सकता है। कुछ लोगों को हाइव्स भी हो जाते हैं।
ओरल एलर्जी सिंड्रोम
ओरल एलर्जी सिंड्रोम एक प्रकार का एलर्जिक रिएक्शन है, जो पोलेन (Pollen) से जुड़ा हुआ है। हालांकि, यह मुंह के आसपास खुजली पैदा करता है, लेकिन कुछ लोगों में यह कान में खुजली का सबसे बड़ा कारण बनता है।
ओरल एलर्जी सिंड्रोम को पैदा करने वाली खाने पीने की चीजें:
- सेब, तरबूज, चैरीज, कीवी और केले जैसे फल
- सनफ्लावर सीड्स
- बादाम
- हेजलनट्स
यदि कोई व्यक्ति को इन चीजों को खाकर सांस लेने में समस्या, एनाफायलेक्सिस (Anaphylaxis) का अनुभाव हो सकता है। चिकित्सा के लिहाज से यह एक आपात स्थिति होती है, जिसमें तुरंत चिकित्सा सहायता की आवश्यकता की जरूरत पड़ती है।
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कान की मशीन
कुछ लोगों को कम सुनाई देने की समस्या होती है। इस स्थिति में उन्हें कान की मशीन (Hearing Aids) का इस्तेमाल करना पड़ता है। कान की मशीन के चारो तरफ प्लास्टिक की एक परत चढ़ी होती है। कुछ लोगों की त्वचा प्लास्टिक के प्रति संवेदनशील होती है या उन्हें इस मशीन के मेटेरियल से हल्की एलर्जी होती है। इसकी वजह से उन्हें कान में खुजली का सामना करना पड़ता है।
कान की मशीन पहनने वाले लोग यदि पानी के संपर्क में आ जाते हैं और पानी मशीन के पीछे रह जाता है तो कान में खुजली होती है। यदि किसी व्यक्ति को कान की मशीन की वजह से खुजली या दबाव का अहसास होता है तो डॉक्टर मशीन को निकाल देगा। निकालने के बाद उस मशीन को पुनः उचित तरीके से पहनाया जायेगा। इससे मशीन फिट बैठेगी और कान में खुजली नहीं होगी।
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एलर्जिक राइनाइटिस (Allergic rhinitis)
एलर्जिक राइनाइटिस को हे फीवर (hay fever) के नाम से भी जाना जाता है। हवा में पाए जाने वाले सूक्ष्म कणों के संपर्क में आने पर उन्हें एलर्जिक रिएक्शन होता है। यह कण पोलेन (Pollen), धूल और एनिमल फर हो सकते हैं।
इससे आपके कान, आंख और गले में खुजली हो सकती है, जिसकी वजह से निम्नलिखित समस्याएं पैदा हो सकती हैं:
हालांकि सामान्य सर्दी जुकाम की वजह से लोगों के कान में खुजली भी होती है। जुकाम ठीक हो जाने पर कान की यह खुजली अपने आप ही ठीक हो जाती है।
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कान में खुजली का इलाज
आमतौर पर सामान्य कारणों से कान में होने वाली खुजली समय के हिसाब से ठीक हो जाती है। यदि इसके पीछे उपरोक्त कारण हैं तो डॉक्टर से परामर्श लेना बेहद ही जरूरी हो जाता है।
निम्नलिखित स्थितियों में तुरंत डॉक्टर से सपंर्क करें:
- कान से गंभीर ब्लीडिंग या कान बहना
- अचानक से सुनाई देना बंद हो जाना
उपरोक्त स्थितियों में तत्काल अपने डॉक्टर से संपर्क करें। यह लक्षण किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकते हैं। डॉक्टर आपके कान की जांच कर सकता है और जरूरत पड़ने पर इसके संभावित कारणों का पता भी लगा सकता है। इससे रैशेज जैसे एग्जेमा पैचेस का पता लगाने में सहायता मिलेगी।
अंत में हम यही कहेंगे कि लंबे वक्त तक कान में खुजली रहने पर इसका घरेलू उपचार न करें। तुरंत डॉक्टर से सहायता मांगे। चूंकि, कान आपकी बॉडी का बेहद ही संवेदनशील और कोमल अंग है। कान में खुजली को ठीक करने में होने वाली हल्की चूक आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती है।