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नहीं सुनपाने वाले लोगों के जीने की उम्मीद है साइन लैंग्वेज, जानें कब सिर्फ इशारे ही आते हैं काम!

नहीं सुनपाने वाले लोगों के जीने की उम्मीद है साइन लैंग्वेज, जानें कब सिर्फ इशारे ही आते हैं काम!

World Hearing Day 2020: जरा सोचिए, आप घर से बाहर निकल रहे हैं और आपको रास्ते में एक ‘मूक-बधिर’ इंसान मिल जाता है। अब सोचिए, कि आपको उसकी मदद करनी है, तो आप क्या करेंगे? जाहिर-सी बात है कि आप इशारों, हाव-भाव और बॉडी लैंग्वेज के जरिए उसकी बातों को समझने और उसे जवाब देने की कोशिश करेंगे। बस इसी कोशिश और जरूरत से साइन लैंग्वेज यानी सांकेतिक भाषा का आविष्कार हुआ। लेकिन, क्या आपको पता है कि आखिर साइन लैंग्वेज (Sign Language) है क्या? पहली बार इसे किसने इस्तेमाल किया और कुछ आम साइन लैंग्वेज (Sign Language) जो आपको किसी मूक-बधिर व्यक्ति से बात करने में मदद कर सकती हैं? अगर नहीं, तो जानें इस आर्टिकल में ये सारी बातें।

साइन लैंग्वेज (Sign Language) किसने बनाई गई और कैसे दूसरों को सीखाई जाए…

साइन लैंग्वेज (Sign Language)

साइन लैंग्वेज (Sign Language) का आविष्कार और इसे सीखाने के बारे में जानने से पहले आपको मनुष्यता को जानना पड़ेगा। दरअसल, मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो कि समाज में रहता है और समाज में रहने के लिए वह अपने आचार-विचार का विस्तार करता है। इस प्रक्रिया के लिए उसे ऐसे संकेतों या कोड्स की जरूरत पड़ी, जिसमें वह अपने भावों और विचारों को दूसरे व्यक्ति तक पहुंचा सके। इस जरूरत की वजह से भाषा का आविष्कार हुआ। लेकिन, भाषा के साथ दिक्कत यह हुई कि मूक-बधिर व्यक्ति इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते। क्योंकि, आमतौर पर पूर्ण व अर्ध बधिर व्यक्ति सामने वाले की बात या भाषा नहीं सुन सकता और अधिकतर बधिर व्यक्तियों में मूक होने की समस्या भी देखी गई है।

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ऐसे में मूक-बधिर व्यक्तियों से या उनके भी बातचीत करने के लिए एक तरीके की जरूरत पड़ी। चूंकि, वह भाषा को बोल या सुन नहीं सकते हैं, इसलिए उन्होंने संकेतों, हाथ-पैरों, चेहरे के हाव-भाव और शारीरिक भाषा (बॉडी लैंग्वेज) के जरिए बातचीत करना शुरू किया। इसलिए, अगर साइन लैंग्वेज के आविष्कार की बात की जाए, तो जरूरत किन्हीं मूक-बधिर लोगों के समूह के बीच इसका विकास हुआ होगा और सभी ने इसी तरह अपने-अपने स्तर पर ऐसी ही एक भाषा का विकास किया। इसे ही मूक-बधिर लोगों की मातृ भाषा भी कहा जा सकता है। हालांकि, समय-समय कई लोगों ने एक व्यवस्थित साइन लैंग्वेज की डिक्शनरी या तरीका बनाने की कोशिश भी की है, ताकि एक बड़े वर्ग में सामान्य तरीके से बातचीत करने में आसानी हो सके।

व्यवस्थित सांकेतिक भाषा क्या है?

साइन लैंग्वेज (Sign Language)

साइन लैंग्वेज का यह मतलब नहीं कि, आप इशारों में बात करने के लिए किसी भी तरह के हाव-भाव या बॉडी लैंग्वेज का इस्तेमाल करें। हिंदी, अंग्रेजी या अन्य किसी भी भाषा की तरह ही साइन लैंग्वेज की भी अपनी एक व्याकरण, नियम व स्टाइल है। जिसे अपनाकर आप एक सुव्यवस्थित साइन लैंग्वेज का इस्तेमाल कर सकते हैं। साइन लैंग्वेज में जरूरी नहीं कि आप पूरा वाक्य इशारों में बताएं। उसके लिए आपको केवल मुख्य-मुख्य शब्दों का इस्तेमाल करना होता है। जैसे- अगर आपको किसी मूक-बधिर व्यक्ति से पूछना है या वह आपसे पूछता है कि, कहां जा रहे हो? तो उसके लिए पूरे वाक्य को सांकेतिक भाषा में नहीं बोला जाएगा, बल्कि उसकी जगह सिर्फ, कहां और जाने के लिए इशारा किया जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, साल 2011 में हुई जनगणना के आधार पर जाना गया कि भारत में करीब ढाई करोड़ से ज्यादा लोग दिव्यांग हैं और इनमें से करीब 50 लाख को सुनने में अक्षमता या परेशानी है।

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क्या हर जगह एक जैसी सांकेतिक भाषा होती है?

साइन लैंग्वेज (Sign Language)

हर क्षेत्र, देश या जगह की साइन लैंग्वेज अलग-अलग हो सकती है। मसलन, भारत में मौजूद किसी एक क्षेत्र की भाषा भारत के ही दूसरे क्षेत्र से अलग हो सकती है। इसी तरह, भारत और अमेरिका के मूक-बधिर लोगों की साइन लैंग्वेज भी अलग होती है। देश और लिपि के मुताबिक साइन लैंग्वेज को बनाया जाता है। क्योंकि, किसी भाषा के अल्फाबेट के आधार पर ही साइन, संकेत या इशारे बनाए-समझे जाते हैं। जैसे- भारत में इस्तेमाल होने वाली साइन लैंग्वेज में हिंदी के स्वर और व्यंजन के आधार पर साइन बनाए गए होते हैं। जब आप अल्फाबेट या स्वर व व्यंजन का ज्ञान कर लेते हैं, तो फिर शब्द का इशारा करना सिखाया जाता है।

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साइन लैंग्वेज हो सकते हैं कुछ अंतर

इसके अलावा, मनुष्य की भावनाओं और कुछ यूनिवर्सल सिंटैक्स वाले साइन के लिए दुनियाभर में एक ही तरीका होता है। जैसे- अगर आपको किसी को ‘हैलो या हाय’ कहना है, तो आप अपने एक हाथ को दाएं से बाएं या बाएं से दाएं हिलाकर ही संकेत करते हैं। लेकिन, इसके उलट हर देश या क्षेत्र में साइन लैंग्वज अलग-अलग हो सकती है। जैसे- ‘अमेरिकी साइन लैंग्वेज’ में शादी का इशारा अंगूठी पहनाने से किया जाता है और ‘इंडियन साइन लैंग्वेज’ में दोनों हथेलियों को एक के ऊपर एक रखकर किया जाता है। इसी तरह, ‘अमेरिकी साइन लैंग्वेज’ में चाय का संकेत टी-बैग को डुबोने के इशारे से किया जाता है और ‘इंडियन साइन लैंग्वेज’ में चाय की प्याली से चुस्की लेने का इशारा किया जाता है। इसके अलावा,  भारत में ही दक्षिण क्षेत्र में शादी का मुट्ठी बंद कर दोनों बांहों को एक साथ मिलाकर इशारा किया जाता है और उत्तर भारत में यह जेल का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में ही व्यवस्थित साइन लैंग्वेज या साइन लैंग्वेज डिक्शनरी की जरूरत आती है।

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सांकेतिक भाषा के प्रकार कितने हैं?

सांकेतिक भाषा कई प्रकार की हो सकती है, जो आधिकारिक या अनाधिकारिक भी हो सकती है। लेकिन, कुछ मुख्य सांकेतिक भाषा इस प्रकार हैं।

  • इंडो-पाकिस्तान साइन लैंग्वेज
  • चाइनीज साइन लैंग्वेज
  • ब्रिटिश साइन लैंग्वेज
  • अमेरिकन साइन लैंग्वेज
  • फ्रेंच साइन लैंग्वेज
  • ब्राजिलियन साइन लैंग्वेज

कुछ सामान्य साइन लैंग्वेज सीखें…

  1. कुछ पीना- अंगूठे से मुंह की तरफ इशारा
  2. खाना- एक हाथ की दो अंगुलियों को मिलाकर मुंह तक लाना
  3. कहां- हथेली ऊपर
  4. किताब- खुली और बंद हथेली
  5. पानी– हथेलियां आपस में रगड़ना
  6. डरना- छाती को लगातार थपथपाना
  7. कृपया- अपनी दाई तरफ की छाती के ऊपरी हिस्से पर हथेली रखकर क्लोकवाइज घुमाना

इशारों में बात करने के टिप्स

  • इशारों से बात करने के लिए आपके चेहरे के हाव-भाव बहुत काम आते हैं। जिसके लिए दाढ़ी-मूछ साफ रखें, ताकि हर हाव-भाव और होठों की मूवमेंट सामने वाला देख सके।
  • शब्दों को संकेत में बदलने के लिए अभ्यास करते रहें, ताकि आप अपनी बात को आसानी से पहुंचा पाएं।
  • मूक-बधिर लोगों को बात करते हुए देखें और उन्हें समझकर कॉपी करने की कोशिश करें।

साइन लैंग्वेज से जुड़ी ऊपर बताई गई महत्वपूर्ण बातें एक-दूसरे से शेयर जरूर करें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Infant and toddler health/https://www.mayoclinic.org/healthy-lifestyle/infant-and-toddler-health/expert-answers/baby-sign-language/faq-20057980/Accessed on 02/03/2022

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Indian Sign Language/https://indiansignlanguage.org/Accessed on 02/03/2022

American-sign-language/https://www.nidcd.nih.gov/health/american-sign-language/Accessed on 02/03/2022

Why is Sign Language Important?/https://www.edx.org/learn/sign-language/Accessed on 02/03/2022

Sign Language Problem And Solutions For Deaf And Dumb People – http://tmu.ac.in/college-of-computing-sciences-and-it/wp-content/uploads/sites/17/2016/10/T203.pdf – Accessed on 02/03/2022

Supplemental Nutrition Assistance Program (SNAP)/http://www.dcfs.la.gov/page/93/Accessed on 02/03/2022

Sign Language Framework/https://www.communities-ni.gov.uk/sites/default/files/consultations/dcal/Sign%20Language%20Framework%20Document.PDF/Accessed on 02/03/2022

Current Version

02/03/2022

Surender aggarwal द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


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Surender aggarwal द्वारा लिखित · अपडेटेड 02/03/2022

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