क्लोमिड (Clomid) एक पॉपुलर ब्रैंड नेम है, जिसका जेनेरिक नाम क्लोमिफेन सिटरेट (Clomiphene citrate) है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने इस ओरल मेडिसिन को महिलाओं में उपयोग के लिए अप्रूव किया है। यह दवा ऐसी महिलाओं को दी जाती है जिन्हें प्रेग्नेंट होने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह दवा बॉडी के अंदर हॉर्मोन (Hormone) के बैलेंस को प्रभावित करती है और ऑव्युलेशन (Ovulation) को प्रमोट करती है। जैसा कि हम बता चुके हैं कि एफडीए ने इस दवा को महिलाओं के लिए अप्रूव किया है, लेकिन कभी-कभी ये दवा पुरुषों के लिए किए जाने वाले इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट (Infertility treatment) के लिए ऑफ लेबल प्रिस्क्राइब कर दी जाती है। सामान्यत: इस दवा को पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन लेवल लो (Low Testosterone) होने पर प्रिस्क्राइब किया जाता है। पुरुषों के लिए क्लोमिड कैसे काम करती है आइए विस्तार से जानते हैं।
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क्लोमिफेन सिटरेट (Clomiphene Citrate) या क्लोमिड कैसे काम करती है?
भले ही पुरुषों के लिए क्लोमिड ऑफ लेबल प्रिस्क्राइब कर दी जाती हो, लेकिन क्लोमिफेन सिटरेट एक प्रकार का ओवरी स्टिम्युलेंट (Ovary stimulant) है। डॉक्टर इस दवा को सामान्यत: महिलाओं में इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट (Female infertility treatment) के लिए देते हैं। क्लोमिफेन सिटरेट ईस्ट्रोजन (Estrogen) की तरह काम करती है। जो कि महिलाओं का सेक्स हॉर्मोन (Sex hormone) है। इस ड्रग का सेवन ऑव्युलेशन (Ovulation) को बढ़ावा देता है जिससे ओवरीज से एग रिलीज होता है। कंसीव करने में परेशानी का सामना कर रही महिलाओं के लिए यह दवा मददगार है।
पुरुषों के लिए क्लोमिड टैबलेट कितनी असरकारक है? (Clomid For Male infertility)
आपको बता दें कि पुरुषों के लिए क्लोमिड ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन (luteinizing hormone) (LH) और फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन (follicle-stimulating hormone (FSH) के लेवल को बढ़ाने का काम करती है। ये दोनों हॉर्मोन्स फर्टिलिटी के लिए बेहद जरूरी है और महिला और पुरुष दोनों में रहते हैं। एलएच (LH)पुरुषों में टेस्टेस्टेरॉन के रिलीज को प्रोत्साहित करता है। वहीं एफएसएच स्पर्म प्रोडक्शन की फर्स्ट स्टेज पर महत्वपूर्ण है। बॉडी में इन हॉर्मोन्स के लेवल को बढ़ाकर टेस्टोस्टेरॉन के लेवल को और स्पर्म प्रोडक्शन को बढ़ाया जा सकता है। हालांकि हॉर्मोन्स इंटरैक्शन पेचीदा होते हैं और इस बारे में पर्याप्त रिसर्च नहीं है कि ल्यूटनाइजिंग हॉर्मोन (luteinizing hormone) फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन (follicle-stimulating hormone) को बूस्ट करने से मेल इनफर्टिलिटी पर सीधा असर पड़ता है या नहीं।
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पुरुषों के लिए क्लोमिड (Clomid for men) के उपयोग से पहले जान लें ये बातें
कुछ क्लिनिकल स्टडीज में पुरुषों के लिए क्लोमिड का उपयोग फायदेमंद साबित हुआ। इस दवा के उपयोग से स्पर्म मोटेलिटी में सुधार देखा गया। स्पर्म मोटेलिटी से मतलब स्पर्म की मूव करने की क्षमता से होता है। जिससे वे फीमेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम में जाकर एग को फर्टिलाइज कर सकें। वहीं कुछ पुरुषों में इसके उपयोग से स्पर्म काउंट में कमी देखी गई। चूंकि इस दवा को मेल इनफर्टिलिटी के इलाज के लिए एफडीए ने अप्रूव नहीं किया है, इसलिए इसके बेस्ट डोज के बारे में बताया नहीं जा सकता। डॉक्टर्स अपने जजमेंट पर ही इस दवा को प्रिस्क्राइब करते हैं।
पुरुषों के लिए क्लोमिड टैबलेट कितनी फायदेमंद हो सकती है, इसके लिए अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। इसलिए इस दवा का उपयोग बिना डॉक्टर की सलाह के ना करें। साथ ही डॉक्टर से इसके बारे में अच्छी तरह से समझ लें क्योंकि इस दवा को डॉक्टर ऑफ लेबल प्रिस्क्राइब करते हैं।
क्या इस दवा के उपयोग से कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं? (Side effects of Clomid)
पुरुषों के लिए क्लोमिड के उपयोग से कुछ कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं।
- सिर में दर्द
- जी मिचलाना और उल्टी होना
- देखने में परेशानी होना
- चक्कर आना
- पेट में दर्द और डिसकंफर्ट
- मुंह में अल्सर
- ब्रेस्ट ग्रोथ
- मुंहासे आना
- चिड़चिड़ापन
- पेक्टोरल मसल्स में दर्द
अगर किसी व्यक्ति को क्लोमिड का उपयोग करने के बाद किसी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट्स होता है तो उसे मेडिकल एडवाइज लेना चाहिए। डॉक्टर इस दवा का उपयोग ना करने या डोज को कम करने की सलाह दे सकते हैं। कई बार डॉक्टर इस दवा को टेस्टोस्टेरॉन थेरिपी के ऑल्टरनेटिव ऑप्शन के रूप में भी प्रिस्क्राइब करते हैं।
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पुरुषों में इनफर्टिलिटी के कारण (Male Infertility Causes)
सेंटर्स ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार 35 प्रतिशत कपल्स मेल और फीमेल दोनों फैक्टर्स के चलते कंसीव नहीं कर पाते। क्लोमिड को ऑफ लेबल मेल इनफर्टिलिटी के लिए प्रिस्क्राइब किया जाता है। मेल इनफर्टिलिटी के लिए निम्न कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।
- टेस्टिकल्स में इंजरी
- उम्र अधिक होना
- वजन अधिक होना या मोटापा (overweight or obesity)
- एल्कोहॉल (Alcohol) और सिगरेट (Cigarettes) का अधिक सेवन
- स्मोकिंग
- स्टेरॉइड्स (Steroids) का उपयोग
- हॉर्मोनल इम्बैलेंस hormonal imbalance (जिसका कारण पिट्यूटरी ग्लैंड का ठीक से काम ना करना या ईस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन्स का अधिक बनना)
मेडिकल कंडिशन जैसे कि, डायबिटीज (Diabetes),सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) और कुछ प्रकार के ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (Autoimmune disorders)
- कैंसर ट्रीटमेंट जिनमें कीमोथेरिपी (Chemotherapy) और रेडिएशन थेरिपी (Radiation therapy) शामिल हैं।
- वेरिकोसील (varicoceles) जिसमें वेन्स इनलार्ज हो जाती है जिससे टेस्टिकल्स ओवरहीट हो सकते हैं।
- जेनेटिक डिसऑर्डर (genetic disorders)
मेल इनफर्टिलटी के लिए और कौन से ट्रीटमेंट किए जाते हैं? (Male infertility treatments)
पुरुषों के लिए क्लोमिड ही एकमात्र इनफर्टिलटी ट्रीटमेंट नहीं है। पुरुष इनफर्टिलिटी का इलाज कई दूसरे तरीकों से किया जाता है, जो निम्न हैं।
दवाइयां (Medication)
ऐसी कई दवाएं हैं जो डॉक्टर हॉर्मोनल इम्बैलेंस होने पर प्रिस्क्राइब करते हैं। ये दवाएं टेस्टोस्टेरॉन के लेवल को बढ़ाने के साथ ही बॉडी में ईस्ट्रोजन की मात्रा को कम कर देती हैं।
- ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (HCG)- इसको इंजेक्शन के जरिए दिया जा सकता है। यह टेस्टिस को टेस्टोस्टेरॉन को जनरेट करने के लिए स्टिम्यूलेट करता है।
- एनास्ट्रोजोल एरिमिडेक्स Anastrozole (Arimidex) – इस दवा को ब्रेस्ट कैंसर के लिए डेवलप किया गया था। यह टेस्टेस्टेरॉन को ईस्ट्रोजन में कंवर्ट होने से रोकता है।
सर्जरी (Surgery)
अगर ऐसा कोई ब्लॉकेज होता है जो स्पर्म ट्रांसपोर्टेशन को रोकने का काम करता है जो डॉक्टर इसे रिपेयर करने के लिए सर्जरी रिकमंड कर सकते हैं। सर्जरी वेरिकोसील को ठीक करने का काम करती है।
आर्टिफिशियल इंसेमिनेशन (Artificial Insemination)
इस ट्रीटमेंट में स्पर्म को महिला के यूटेरस में प्लेस्ड किया जाता है। आर्टिफिशियल इंसेमिनेशन के पहले दवाओं के द्वारा ऑव्युलेशन को प्रमोट किया जाता है। इसे आईयूआई भी कहा जाता है।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilizations)
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन में एग को लैब में फर्टिलाइज करके महिला के यूटेरस में प्लेस्ड किया जाता है। एग्स को महिला की ओवरीज से नीडल के जरिए निकाला जाता है। फिर लैब में एग और स्पर्म दोनों को कम्बाइंड करके भ्रूण तैयार किया जाता है। फिर इस भ्रूण को महिला के यूटेरस में प्लेस्ड कर दिया जाता है। इसे आईवीएफ (IVF) प्रक्रिया भी कहा जाता है।
पुरुषों के लिए क्लोमिड इनफर्टिलिटी के इलाज में उपयोग भले ही की जाती है, लेकिन आपको बता दें कि यह दवा एफडीए के द्वारा अप्रूव्ड नहीं है। इसलिए दवा का उपयोग बिना डॉक्टर की सलाह के ना करें। मेल इनफर्टिलिटी से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट की राय जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।