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क्या स्पर्म का तैरना था एक ऑप्टिकल भ्रम? क्या सिद्ध हुआ है नए अध्ययन से जानिए

स्पर्म यानी शुक्राणु पुरुषों की प्रजनन कोशिका है। यह जब महिला के अंडाणु से मिलता है तो उसका परिणाम होता है एक मानव भ्रूण का निर्माण। पुरुषों की प्रजनन प्रणाली को खासतौर पर शुक्राणु के उत्पादन, स्टोर और ट्रांसपोर्ट के लिए डिजाइन किया गया है। प्रजनन के लिए स्पर्म जरूरी है, इसके बिना महिला का गर्भवती होना नामुमकिन है। पिछले कई सालों से स्पर्म के बारे में कई अध्ययन किये गए हैं और इसके बारे में पर्याप्त जानकारी मौजूद है जैसे: 

  • वीर्यस्खलन के बाद शुक्राणु को बनने में लगभग दस हफ्तों का समय लगता है।
  • पुरुषों में स्पर्म का बनना कभी बंद नहीं होता।  
  • कुछ हेल्दी फूड स्पर्म की बढ़ोत्तरी में सहायक है।
  • एक अन्य तथ्य के अनुसार प्रजनन के लिए, पुरुष शुक्राणु को अंडाणु खोजने के लिए माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने जितनी दूरी के बराबर तैरना पड़ता है। वे इस यात्रा को अपनी पूंछ को इधर उधर घूमते हुए आगे बढ़ते हैं और पूरा करते हैं । इस तरह से वो फ्लूइड को तैरते हुए पार करते हैं।

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किसने की थी स्पर्म की खोज (Sperm search)

स्पर्म, Sperm

एंटोनी वन लियूवेनहोएक जो एक डच वैज्ञानिक थे और उन्होंने पहले कंपाउंड माइक्रोस्कोप का निर्माण किया था। एंटोनी ने स्वयं के वीर्य की जांच (Semen test) करने के लिए अपने ही माइक्रोस्कोप का उपयोग किया। उन्हें “माइक्रोबायोलॉजी के पिता’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 1677 में ही शुक्राणु की खोज कर ली थी और उन्होंने इसका वर्णन एनिमलक्यूलस (Animalcules)  के रूप में किया। जिसे अब व्यक्तिगत शुक्राणु कोशिकाओं या शुक्राणुओं के रूप जाना जाता है। एंटोनी वन लियूवेनहोएक के अनुसार हर एक शुक्राणु का गोल सिर और एक पूंछ होती है। जो उसके तैरने के दौरान द्रव में इधर उधर हिलती रहती है। उनका पानी में तैरने का तरीका बाममछली (eel) की तरह होता है।  अभी तक एंटोनी वन लियूवेनहोएक द्वारा स्पर्म के बारे में किये गए प्राथमिक अवलोकन को ही सही माना जा रहा था। लेकिन हाल ही में साइंस एडवांस द्वारा प्रकाशित एक पेपर ने प्रजनन के बारे में 350 साल पुराने अनुमानों को खारिज कर दिया है। 

क्या यह एक ऑप्टिकल भ्रम (Optical illusion) है?

अभी हुए अध्ययन के प्रमुख वैज्ञानिकों में से एक ब्रिस्टल विश्वविद्यालय  हेर्मिस गाडेलहा ने कहा कि स्पर्म के बारे में “इस सांप की तरह मूवमेंट’ का विचार एक ऑप्टिकल भ्रम है। जो 2-डायमेंशनल माइक्रोस्कोप के साथ ऊपर से शुक्राणु को देखने के कारण होता है। एंटोनी वन लियूवेनहोएक को अपने 2 D माइक्रोस्कोप से ऊपर से देखने पर ऐसा लगा होगा जैसे शुक्राणु द्रव में सांप की तरह तैर रहा है। इसका अर्थ यह है कि शुक्राणु को लेकर अभी तक यानी इतने सालों तक वैज्ञानिक भ्रम में थे? दरअसल यह बात पूरी तरह से सही है,  2 डायमेंशन में किये गए यह अध्ययन सही नहीं थे।

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क्या है सच?

अब 3 डायमेंशन से किये गए अध्ययन से यह बात साबित हो चुकी है कि स्पर्म एक तैराक की तरह द्रव में तैरता है। लेकिन ऐसा तैराक जो अपनी टांग एक ही तरफ हिला सकता है। यानी अभी हुई रिसर्च के अनुसार शुक्राणु तैरते हुए अपनी पूंछ को दोनों तरफ नहीं हिला सकता। बल्कि, वो एक ही साइड इसे हिलाते हुए अपनी मंजिल की तरफ आगे बढ़ता है। इस अध्ययन को करने वाले हेर्मिस गाडेलहा, यू.के. में ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के गणितज्ञ हैं। उनके अनुसार अगर आप द्रव में स्पर्म जिस तरह से आगे बढ़ता है, उसकी नकल स्विमिंग पूल में करेंगे तो आप केवल सर्किल में ही घूमते रहेंगे। लेकिन स्पर्म इसी तकनीक से अपनी निर्धारित दिशा की तरफ बढ़ता है।

कैसे निकाला उन्होंने यह निष्कर्ष

3 D माइक्रोस्कोपी तकनीक का प्रयोग करके यूके और मेक्सिको के शोधकर्ता शुक्राणु की पूंछ की तेजी से मूवमेंट को गणितीय रूप से फिर से संगठित करने में सक्षम थे। उनके अनुसार स्पर्म की पूंछ की मूवमेंट इतनी अधिक थी कि वो एक सेकेंड से भी कम समय में 20 से भी अधिक स्विमिंग स्ट्रोक मारने में सक्षम थी। ऐसे में, उन्हें एक सुपर फास्ट कैमरा चाहिए था। जो स्पर्म की इस तेज गति में भी अधिक से अधिक उसकी तस्वीरें ले सके और 3 D से इसमें स्वतंत्र रूप से तैरते समय शुक्राणु की पूंछ को प्रभावी ढंग से स्कैन करता हो। पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद उन्होंने पूरा अध्ययन किया। तो वो पूरी तरह से हैरान थे क्योंकि उन्होंने पाया कि शुक्राणु की पूंछ वास्तव में एक तरफ ही मूवमेंट कर रही है।

और पढ़ें: Semen Analysis : वीर्य विश्लेषण क्या है?

अब सवाल यह है कि ऐसा कैसे हो सकता है? तो इसके बारे में उनका कहना है कि यह शुक्राणु का कॉम्प्लेक्स तरीका है आगे बढ़ने का। तैरते हुए शुक्राणु की ऑटोमेटेड ट्रैकिंग करने और उसकी स्थिति के गणितीय विश्लेषणों का उपयोग करके गाडेलहा व उनके सहयोगियों ने शुक्राणु पूंछ की मूवमेंट को दो घटकों में बांट कर इसका एक निष्कर्ष निकाला है। जिसमें उन्होंने पाया कि मूवमेंट के एक घटक के कारण शुक्राणु आगे बढ़ने के लिए एक ही साइड का प्रयोग कर रहा है। इससे वो केवल सर्किल में ही तैर सकता है। लेकिन शुक्राणु के पूंछ की मूवमेंट का दूसरा घटक स्पर्म को घुमाता है, उसका संतुलन बनाता है और यह एकतरफे स्ट्रोक्स का भी कारण है।

स्पर्म को लेकर फायदेमंद है नई रिसर्च

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Human sperm don’t swim the way that anyone had thought.https://www.sciencenews.org/article/human-sperm-tail-swim-biophysics.Accessed on 10.08.20

Spermato-WHOA-a! Human Sperm Don’t Swim Like We Thought.https://spectrum.ieee.org/the-human-os/biomedical/imaging/spermatowhoaa-human-sperm-dont-swim-like-we-thought.Accessed on 10.08.20

Sperm   https://medlineplus.gov/ency/imagepages/19471.htm Accessed on 10.08.20

Sperm  https://clinicaltrials.gov/ct2/show/NCT03760783 Accessed on 10.08.20

Current Version

04/05/2021

Anu sharma द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Bhawana Awasthi


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समीक्षा की गई डॉ. प्रणाली पाटील द्वारा · फार्मेसी · Hello Swasthya · । लिखा गया Anu sharma द्वारा। अपडेट किया गया 04/05/2021।

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