रीढ़ की हड्डी के टेढ़े होने को मेडिकल भाषा में स्कोलियोसिस कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जो लाखों लोगों को प्रभावित करती है। इडीओपेथिक स्कोलियोसिस इस समस्या का सबसे सामान्य प्रकार है, जिसमें इसके होने के कारणों का पता नहीं होता। स्कोलियोसिस जैसा रोग सबसे सामान्यतया दस से अठारह साल के लोगों में अधिक देखा जाता है। यही नहीं, लड़कों की तुलना में लड़कियों को इसके लिए उपचार की अधिक जरूरत पड़ती है। आज हम बात करेंगे नॉन सर्जिकल स्कोलियोसिस ट्रीटमेंट विकल्प (Non surgical treatment for scoliosis) के बारे में। स्कोलियोसिस की गंभीरता और उपचार की आवश्यकता उस रीढ़ की हड्डी की सामान्य एलाइनमेंट पर निर्भर करती है। कम गंभीर मामलों में आमतौर पर उपचार की आवश्यकता नहीं होती।
अगर स्पाइनल कर्व 25 डिग्री से कम हो, तो इस चीज को मॉनिटर किया जाता है कि कहीं यह एंगल बढ़ तो नहीं रहा। अगर यह एंगल अधिक हो (यानी 25 और 40 डिग्रीज के बीच में) तो ब्रेसिंग के साथ उपचार किया जाता है। अगर यह एंगल 45 से 50 डिग्री हो तो सर्जरी करने की जरूरत पड़ सकती है। सर्जरी से मरीज का कर्व पचास प्रतिशत तक ठीक हो सकता है, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि सर्जरी के बाद भी भविष्य में यह समस्या फिर से न हो।
सर्जरी में रीढ़ की हड्डी को सहारा देने में मदद करने के लिए लंबे छड़ को हुक और स्क्रू का प्रयोग किया जाता है, लेकिन बढ़ती हुई रीढ़ की हड्डी के कारण रॉड्स टूट और मुड़ सकती हैं। ऐसे में बेहतर है कि स्कोलियोसिस के लिए नॉनसर्जिकल ट्रीटमेंट विकल्प की मदद से इस समस्या का उपचार किया जाए। जानिए, नॉन सर्जिकल स्कोलियोसिस ट्रीटमेंट विकल्प (Non surgical treatment for scoliosis) कौन से हैं।
नॉन सर्जिकल स्कोलियोसिस ट्रीटमेंट विकल्प (Non surgical treatment for scoliosis)
अगर आप नॉन सर्जिकल स्कोलियोसिस ट्रीटमेंट विकल्प (Non surgical treatment for scoliosis) देख रहे हैं, तो आप यह जान कर अच्छा लगेगा कि इसके कई विकल्प हैं जैसे फिजिकल थेरिपी, योगा आदि। यह कुछ ऐसे तरीके हैं, जो स्कोलियोसिस के रोगी के उपचार में सफल हो सकते हैं। हालांकि इन पर अभी उतना शोध नहीं हुआ है, जितना की ब्रेसिंग और सर्जरी पर हुआ है, लेकिन केस स्टडीज ने यह साबित कर दिया है कि यह स्कोलियोसिस के इलाज के तरीके (ways to treat scoliosis) सफल हो सकते हैं। हमेशा की तरह, किसी भी नॉन सर्जिकल स्कोलियोसिस ट्रीटमेंट विकल्प (Non surgical treatment for scoliosis) की शुरुआत करने से पहले, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यह उपचार स्कोलियोसिस के लिए सही है या नहीं।
सामान्य फिजिकल थेरिपी, योग और कायरोप्रैक्टिक सेशन स्कोलियोसिस रोगियों पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं डालेंगे। ऐसे में व्यायाम, स्ट्रेच या एडजस्टमेंटस को भी शामिल किया जा सकता है। जानिए, इस स्कोलियोसिस के इलाज के तरीके (ways to treat scoliosis) के बारे में विस्तार से।
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स्ट्रेंथ और मोबिलिटी को बढ़ाने के तरीके
वयस्कों के लिए नॉन सर्जिकल स्कोलियोसिस उपचार (Scoliosis treatment without surgery for adults) में सबसे पहले हम बात करते हैं उन तरीकों के बारे में जिनसे पीठ दर्द (Back pain) के दूर होने के साथ, स्ट्रेंथ और मोबिलिटी के बढ़ाने में भी मदद मिलती है। यही नहीं, यह तरीके भविष्य में दर्द के जोखिम को कम करने में भी सहायक हो सकते हैं। ऐसे उपचार जो पीठ को मजबूत बनाने और इसे लचीला रखने में मदद कर सकते हैं, वो इस प्रकार हैं।
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फिजिकल थेरिपी
वयस्कों के लिए नॉन सर्जिकल स्कोलियोसिस उपचार (Scoliosis treatment without surgery for adults) में सबसे पहला है फिजिकल थेरिपी। फिजिकल थेरेपिस्ट या अन्य विशेषज्ञ आपको ऐसे व्यायाम और स्ट्रेचिंग के बारे में बता सकते हैं जो रोगी की खास जरूरतों को पूरी करती हों। फिजिकल थेरेपी ऊतकों को कोमल और जोड़ों को लचीला रखने में मदद कर सकती है। साथ ही इसे करने से मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं।
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पूल थेरिपी
कुछ स्कोलियोसिस ट्रीटमेंट एक्सरसाइज (Scoliosis treatment exercises) जैसे वाटर थेरिपी पूल में किए जा सकते हैं। पानी में शरीर की मांसपेशियों को मजबूत किया जा सकता है। कुछ लोग अन्य तरीकों को भी लाभदायक मान सकते हैं- जैसे मालिश करना। जिससे ब्लड सर्कुलेशन सही रहती है। इसके साथ ही मांसपेशियां और जोड़ भी मजबूत होते हैं।
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योग
नॉन सर्जिकल स्कोलियोसिस ट्रीटमेंट विकल्प (Non surgical treatment for scoliosis) में सबसे बेहतर है योगा। स्कोलियोसिस से पीड़ित कई लोग दर्द को कम करने के लिए योगा करते हैं। इससे पीठ, कूल्हे और पैर की मांसपेशियों को अच्छे से काम करने में मदद मिलती है। योगा पोस्चर को बेहतर बनाने के साथ-साथ आपके लचीलेपन और ताकत को बढ़ाने का काम भी करता है। इसके लिए अगर आप किसी प्रशिक्षित योग एक्सपर्ट की सलाह लेते हैं जो आपकी समस्या को समझता हो या जिसने स्कोलियोसिस रोगियों को प्रशिक्षित किया हो। तो आपको बहुत अधिक लाभ होगा। क्योंकि, योगा स्कोलियोसिस की स्थिति में एक प्रभावी दर्द निवारक व मासंपेशियों और जोड़ों के हिलने में सहायक साबित हो सकता है।
अन्य उपाय
बर्फ या हीट का प्रयोग
स्कोलियोसिस के इलाज के तरीके (ways to treat scoliosis) में अगला है बर्फ या हीट का उपयोग करना। स्कोलियोसिस के लक्षणों को संतुलित करने के लिए आप आवश्यकतानुसार कोल्ड पैक या हीट पैक लगा सकते हैं। ऐसा करने से आपको दर्द से राहत पाने में मदद मिलेगी। खासतौर, पर बर्फ सूजन को कम करने में सहायक है। वैसे ही हीट कठोर मांसपेशियों के लिए दर्द से राहत प्रदान करने और रक्त प्रवाह को सही करने में लाभदायक है।
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आहार
नॉन सर्जिकल स्कोलियोसिस ट्रीटमेंट विकल्प (Non surgical treatment for scoliosis) में सही और पौष्टिक आहार की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ या न्यूट्रिशनल सप्लीमेंटस सूजन को दूर करने में मदद कर सकते हैं जैसे हल्दी और अदरक। इनका प्रयोग आप सप्लीमेंट और आहार की तरह कर सकते हैं। इसके साथ ही अधिक से जितना हो सके, उतना अधिक पानी पीना चाहिए। कम से कम आठ गिलास पानी पीना जरूरी है। इससे आपकी स्पाइनल डिस्क हाइड्रेटेड रहेगी।
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ब्रेसिंग
बहुत कम मामलों में मरीज को ब्रेस पहनने की सलाह दी जाती है। ताकि, पीठ को अधिक हिलने से रोका जा सके। जो जोड़ों में स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है। हालांकि, डीजनेरेटिव स्कोलियोसिस वाले रोगियों में कर्व के बिगड़ने की संभावना नहीं होती। लेकिन, ब्रेस का लक्ष्य होता है दैनिक गतिविधियों में दर्द को दूर करने के लिए मोशन को रोकना। स्कोलियोसिस के लिए नॉन सर्जिकल ट्रीटमेंट विकल्प (Non surgical treatment for scoliosis) में उन बच्चों को क्वालिटी ब्रेसिंग करना सबसे पहला कदम होता है जिन्हें कर्व को खराब होने से रोकने और सर्जरी से बचने के लिए उपचार की आवश्यकता होती है। हालांकि, यह कर्व 40 डिग्री से अधिक नहीं होना चाहिए।
ब्रेसेस के लिए आर्थोपेडिक विशेषज्ञ सबसे पहले रोगी की जांच करेंगे और उसके बाद गंभीरता, स्थान और स्कोलियोसिस के प्रकार के अनुसार ही ब्रेस की सलाह दे सकते हैं। इसके सही फिट सुनिश्चित करने के लिए ब्रेसिज़ को अडजस्ट या रिप्लेस करने की आवश्यकता हो सकती है। एक ब्रेस आम तौर पर एक दिन में न्यूनतम 18 घंटे और अधिकतम 23 घंटे के लिए पहना जाता है।
श्रोथ मेथड (Schroth method)
इस रिसर्च सपोर्टेड फिजिकल थेरेपी में कुछ व्यायाम शामिल होते हैं, ताकि कर्व को बढ़ने से रोका जा सके और इसे प्राकृतिक स्थिति में पहुंचाया जा सके। इसका उद्देश्य पोस्चर की एलाइनमेंट को बनाए रखना, श्वास की गुणवत्ता में सुधार लाना और रोगी को अपने पोस्चर के बारे में अधिक जानकारी देना है। लेकिन, आपको केवल श्रोथ के ट्रेंड थेरेपिस्ट ही पोस्चर के लिए सही व्यायाम, ब्रीथिंग एक्सरसाइज और अन्य व्यायामों के बारे में बता सकते हैं। इस नॉन सर्जिकल स्कोलियोसिस ट्रीटमेंट विकल्प (Non surgical treatment for scoliosis) में आपको कुछ चीजों जैसे सीढ़ी, एक्सरसाइज बैंड और थेरेपी बॉल आदि का इस्तेमाल करना भी पड़ सकता है।
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रीढ़ का समायोजन(adjustment) कराना
किसी योग्य कायरोप्रैक्टिक (Chiropractic) प्रोडेशनल या ऑस्टियोपैथिक चिकित्सक द्वारा रीढ़ का समायोजन (Adjustment) कराने से जोड़ों को सही से हिलने में मदद मिलेगी और दर्द को कम करने में यह उपाय मदद कर सकता है। हालांकि, इस तरीके से ऐसा जरूरी नहीं कि सभी लोगों को फायदा हो। यदि आपको स्पाइनल डिजनरेशन का संदेह है, तो इस तरीके को अपनाने का प्रयास करने से पहले रीढ़ की स्थिति की बेहतर समझ प्राप्त करने के लिए एक स्पाइनल एक्स-रे (X-ray) या अन्य इमेजिंग टेस्ट करना आवश्यक है।
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इन नॉन सर्जिकल स्कोलियोसिस ट्रीटमेंट विकल्प (Non surgical treatment for scoliosis) से आप इस समस्या के बारे में बहुत कुछ जान चुके होंगे। लेकिन, यह जानना भी आवश्यक है कि स्कोलियोसिस का हर मरीज और उसकी स्थिति अलग होती है। ऐसे में, उनका ट्रीटमेंट भी अलग-अलग तरीके से किया जाता है। यदि आपका लक्ष्य अपनी जीवनशैली में सुधार करना जैसे कि बेहतर श्वास, बेहतर पोस्चर या दर्द से राहत आदि है तो इन वैकल्पिक उपचारों में से एक आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है। आपके लिए सही उपचार का चयन करने के लिए अपने डॉक्टर के साथ सभी उपलब्ध विकल्पों पर बात करें। आपके डॉक्टर आपकी समस्या और स्थिति आदि के अनुसार आपका सही मार्गदर्शन और इलाज करेंगे।