परिचय
बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) (Bursitis [Iliopsoas]) क्या है?
बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) बर्सा थैली की एक सूजन है, जो इलिओप्सोएस मासपेशी के नीचे होती है। इलिओप्सोएस मासपेशी दो मासपेशियों का समूह है, जो हिप के सामने अंदर की तरफ स्थित होता है। बर्सा एक थैली है, जो लुब्रिकेटिंग तरल पदार्थ से भरी होती है। यह थैली मांसपेशियों, लिगामेंट्स और जोड़ों के बीच स्थित होती है। सामान्य रूप से बर्सा थैली के कार्य करने से यह हड्डियों को एक गद्देदार तकिया (कुशन) मुहैया कराती है और यह हड्डियों एक आपस में रगड़ने और घर्षण से पैदा होने वाली जलन को कम करती है।
बर्सा थैली के क्षतिग्रस्त होने पर एक व्यक्ति के जोड़ों का रेंज ऑफ मोशन घट जाता है, जिससे उसे चलने फिरने में परेशानी होती है। एथलीट और नियमित रूप से एक्सरसाइज करने वाले लोगों में बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) (Bursitis [Iliopsoas]) की समस्या पैदा होती है। इसके अलावा, यह बीमारी पुराने अर्थराइटिस या टाइट हिप्स वाले लोगों में भी हो सकती है।
बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) (Bursitis [Iliopsoas]) होना कितना सामान्य है?
बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) एक सामान्य समस्या है। यह बीमारी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। अर्थराइटिस या अन्य प्रकार की हड्डी की समस्या से पीढ़ित लोगों में इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है। यदि आप इस समस्या को लेकर चिंतित हैं तो अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
लक्षण
बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) के क्या लक्षण हैं? (Symptoms of Bursitis [Iliopsoas])
इस समस्या के लक्षण सूजन की गंभीरता पर निर्भर हैं। इसमें दर्द हिप के सामने से शुरू हो सकता है और नीचे के पैर तक पहुंच सकता है। कई बार बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) का दर्द नितंबों में भी फैल सकता है। इसके अतिरिक्त, बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) से पीढ़ित लोगों को सुबह के वक्त अकड़न का अनुभव हो सकता है। अक्सर यह अकड़न पूरे दिन रह सकती है। हालांकि एक व्यक्ति को बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) का दर्द निम्नलिखित स्थितियों में महसूस हो सकता है:
- एक्सरसाइज (Workout) करते वक्त।
- उठते और सीढ़ियां उतरते वक्त।
- बैठी हुई मुद्रा से उठते वक्त।
- एक या दोनों पैरों को उठाते या फैलाते वक्त।
- समय के हिसाब से बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) के दर्द (Pain) का बदतर होना कोई असामान्य बात नहीं है।
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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
उपरोक्त लक्षणों या संकेतों का अनुभव होते ही अपने डॉक्टर से सलाह लें। हालांकि, हर व्यक्ति की बॉडी प्रत्येक समस्या में अलग ढंग से प्रतिक्रिया देती है। ऐसे में यह जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति को समान लक्षणों का अनुभव हो।
कारण
बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) के क्या कारण हैं? (Cause of Bursitis [Iliopsoas])
बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) के कारण निम्नलिखित हैं:
यदि आप बार-बार एक ही मोशन को दोहराते हैं तो बर्साइटिस (इलिओप्सोएस ) का खतरा रहता है। कई बार जोड़ों, टेंडन और मांसपेशियों का अत्यधिक इस्तेमाल करने पर यह चोट आती है। यह बीमारी एथलीट या शारीरिक रूप से सक्रिय जैसे धावक और तैराकों में विकसित हो सकती है। टाइट हिप फ्लेक्सर मसल्स वाले लोगों में बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) हो सकती है, चूंकि इससे दबाव बढ़ता है। यह दबाव टेंडन और बर्सा के बीच घर्षण या घिसाव उत्पन्न करता है।
अर्थराइटिक कंडिशन जैसे रयूमेटाइड अर्थराइटिस और ऑस्टियोअर्थराइटिस बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) में एक अहम भूमिका अदा करते हैं। रयूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें प्रतिरक्षा तंत्र गलती से जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है। इस नुकसान से जोड़ों में सूजन आती है।
ऑस्टियोअर्थराइटिस एक क्रॉनिक अर्थराइटिस समस्या है। अर्थराइटिस का यह प्रकार कार्टिलेज के डिजेनेरेशन का कारण बनता है। डिजेनेरेशन होने से हड्डियां आपस में रगड़ती हैं और सूजन उत्पन्न होती है।
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जोखिम
किन कारकों से बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) का जोखिम हो सकता है? (Risk factor of Bursitis [Iliopsoas])
निम्नलिखित कारकों से बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) का खतरा हो सकता है:
- बार-बार दबाव से आने वाली चोटा (ओवरयूज): दौड़ने, सीढ़ियां चढ़ने, साइकल चलाने या लंबे वक्त तक खड़े रहने से यह चोट आ सकती है।
- हिप इंजरी: हिप की तरफ गिरने या लंबे वक्त तक एक हिप की तरफ लेटने से हिप इंजरी हो सकती है। यह बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) का खतरा बढ़ाती है।
- स्पाइन डिजीज: स्कोलिओसिस (Scoliosis), लुंबर (लोअर) स्पाइन का अर्थराइटिस और रीढ़ की अन्य समस्याओं की वजह से यह बीमारी हो सकती है।
- पैर की लंबाई में असमानता: जब एक पैर दूसरे पैर के मुकाबले महत्वपूर्ण रूप से छोटा हो जाता है तो यह आपके चलने को प्रभावित करता है। इससे आपके हिप बर्सा में जलन पैदा होती है।
- रयूमेटाइड अर्थराइटिस: रयूमेटाइड एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें प्रतिरक्षा तंत्र गलती से जोड़ों को नुकसान पहुंचाने लगता है। इससे बर्सा में सूजन आने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है।
- पुरानी सर्जरी: हिप के आसपास सर्जरी या हिप में प्रोसथेटिक इंप्लांट (prosthetic implants) बर्सा जलन पैदा कर सकता है। इससे बर्साइटिस हो सकता है।
- हड्डियों का अभरना या कैल्शियम इक्कट्ठा होना: यह टेंडन के भीतर विकसित होते हैं, जो मासपेशी को ट्रोचेंटर (Trochanter) से जोड़ते हैं। यह बर्सा में जलन और सूजन पैदा कर सकते हैं।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Bursitis [Iliopsoas])
निम्नलिखित तरीकों से इस समस्या का पता लगाया जा सकता है:
- एक्स-रे (X-ray)
- एमआरआई (MRI), जिसमें तस्वीर बनाने के लिए मेग्नेटिक फील्ड और रेडियो तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है।
- हिप अल्ट्रासाउंड, जिसमें ऊच्च फ्रीक्वेंसी वाली ध्वनि तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है। इससे बॉडी के भीतर देखा जा सकता है।
- बोन स्कैन, एक न्यूक्लीयर दवा की प्रक्रिया है, जिसमें हड्डियों में होने वाले बदलावों को पहचाना जा सकता है।
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बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment of Bursitis [Iliopsoas])
निम्नलिखित तरीकों से इस समस्या का इलाज किया जाता है:
- डॉक्टर ओवर-दि-काउंटर (OTC) एंटी-इनफ्लेमेटरी दवाइयां, जैसे आइबूप्रोफेन, एसेटामिनोफेन (Acetaminophen) और एस्पिरिन का सेवन करने का सुझाव दे सकता है।
- बर्सा की सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर कोर्टिकोस्टेरॉयड इंजेक्शन (Corticosteroids injection) लगा सकता है।
- फिजिकल थेरिपी का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह थेरिपी टाइट हिप फ्लेक्सर्स और मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ इन्हें ढीला भी करती है।
- संक्रमण के लक्षण नजर आने पर आपका डॉक्टर ओरल एंटीबायोटिक दवाइयों के सेवन की सलाह भी दे सकता है।
घरेलू उपाय
जीवन शैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
निम्नलिखित घरेलू उपाय आपको बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) (Cause of Bursitis [Iliopsoas]) में राहत प्रदान करने में मदद करेंगे:
- इस समस्या के घरेलू उपाय इसकी गंभीरता और कारणों पर निर्भर करते हैं। यदि आपको हल्का बर्साइटिस (इलिओप्सोएस) हुआा है, तो आप जोड़ों को आराम दें और दर्द में राहत पाने के लिए घरेलू उपाय किए जा सकते हैं।
- आप दर्द वाले हिस्से में सूजन कम करने के लिए बर्फ को लगा सकते हैं।
- इस समस्या को कम करने के लिए आप अपनी दिनचर्या या एक्सरसाइज (Workout) में फेरबदल कर सकते हैं। ऐसा करने से इससे पैदा होने वाली सूजन और दर्द (Pain) कम होगा।
- आप घर पर एक वॉकिंग केन का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो दबाव को कम करती और दर्द में राहत देती है।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।