खेल कई बच्चों के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और ऐसा कोई कारण नहीं है कि एडीएचडी यानि की हाइपर एक्टिव बच्चों को इससे दूर रखना चाहिए। अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) एक ऐसी समस्या है जिससे पीड़ित बच्चा बहुत ज्यादा बोलता है, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करता है, अपनी उम्र से बड़ी बातें करता है और काफी शरारती व जिद्दी हो जाता है।अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (Attention-deficit/hyperactivity disorder) जिन बच्चों में होता है उनके माता-पिता का परेशान होना सामान्य बात है। लेकिन अगर ऐसे बच्चों का ध्यान किसी और काम जैसे कि र्स्पोट्स या दूसरी एक्टिविटी में लगा दिया जाता है तो वह अपनी एनर्जी किसी प्रोडक्टिव काम में लगा सकते हैं।
एक्सरसाइज दिमाग में डोपामाइन (Dopamine) के सामान्य स्तर को बढ़ाकर अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। तो स्कूल के बाद किसी भी एक या दो स्पोर्ट्स के लिए आप अपने बच्चे को रजिस्टर कर सकते है। खैर, यह आपके बच्चे के अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर लक्षणों (Attention-deficit/hyperactivity disorder symptoms) पर निर्भर करता है। तो आज हम आपको ऐसी ही कुछ एक्टिविटी के बारे में जताएंगे जो यह निर्धारित करेगी की कौन सी गतिविधियाँ आपके बच्चे की क्षमताओं को प्रदर्शित और मजबूत करेंगी ताकि वह स्पोर्ट्स कोर्ट में, मैदान में, या पूल में चमक सके।
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सोच समझकर करें कोच का चुनावः
जब भी आप कोई खेल चुनते हैं, तो याद रखें कि एक अच्छे कोच का होना ट्रेनिंग पर बहुत पॉजिटिव प्रभाव (Positive impact) डालता है। ज्यादातर कोच माता-पिता हैं जो अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) के बारे में बहुत कम जानते हैं, इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने बच्चे के बारे में अपनी विशेषज्ञता साझा करें। खेल कूद से आपके बच्चे को रिश्ते बनाने और क्लास के बाहर आत्मविश्वास पर काम करने की अनुमति मिलनी चाहिए, न कि उसकी चिंता और तनाव (Tension) और अधिक बढ़नी चाहिए।
इन फन एक्टिविटी में से किसी में भी कराएं अपने बच्चे को इनरोलः
स्वीमिंग (Swimming):
एडीएचडी वाले बच्चे स्ट्रक्चर और गाइडेंस के साथ बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। और एक स्वीमिंग (Swimming) वाली टीम ये सब कर सकती है। तैराकों को कोच के साथ सामने से बात और इंटरेक्ट करने का समय मिलता हैं,साथ ही एक टीम का हिस्सा होने की वजह से वह सामाजिक फायदों का आनंद भी लेते हैं। इस एक्टिविटी को करने से ना केवल बच्चा व्यक्तिगत विकास (Child’s growth) पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम होता है बल्कि वह व्यक्तिगत तैराकी में भी सुधार करता है। इस तरह की एक्टिविटी करने से वह दूसरों के साथ बिना किसी तुलना के अपने अंदर की कमियों की जांच करकें उसपर खुद सुधार कर सकता है।जैसा कि ओलंपियन माइकल फेल्प्स का कहना है कि तैराकी ने उनके अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर लक्षणों (ADHD Symptoms) को कम उम्र में ध्यान केंद्रित करने और अनुशासित रखने में मदद की थी।
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मार्शल आर्ट (Martial arts):
सेल्फ कंट्रोल, अनुशासन, और सम्मान मार्शल आर्ट क्लासेस (Martial arts) के कुछ महत्वपूर्ण आयाम हैं। छात्र हर एक नए मार्शल आर्ट टेक्निक को एक-एक करके निर्देश के माध्यम से सीखते जाते हैं और इसमें परफेक्ट होते जाते हैं। इस पूरी ट्रेनिंग में डिस्ट्रेक्शन (Distraction) के लिए बहुत कम मौके छोड़े जाते हैं। मार्शल आर्ट का एक आश्चर्यजनक लाभ इसके शुरुआती एक्शन का उपयोग करना है, जैसे कि प्रशिक्षक के सामने झुकना और उन्हें नमस्ते करना, जो अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (Attention-deficit/hyperactivity disorder) वाले बच्चों को अपने जीवन के दूसरे क्षेत्रों में दिनचर्या को स्वीकार करने, विकसित करने और उपयोग करने में मदद कर सकता है।
टेनिस (Tenis):
टेनिस उन बच्चों के लिए एक अच्छा विकल्प और आदर्श खेल है जो किसी भी नए स्किल में महारत हासिल करने के खुद से कॉम्पिटशन करने के दौरान पनपता है। टेनिस खेलते समय टीमवर्क और कम्यूनिकेशन (Communication) की जरुरत होती है जिसमें डबल्स के दौरान बच्चें आपस में बात करते है, साथ ही इसको खेलने के दौरान इसमें बच्चा हर पल एक्टिव (Active) रहता है, जो तेज गति बच्चों की निरंतर एकाग्रता औऱ अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (Attention-deficit/hyperactivity disorder) वाले कई बच्चों के लिए एक प्लस प्वाइंट है। इसके अलावा, टेनिस गेंदों को मारना आपके बच्चे के दिनभर के गुस्से (Anger) और स्कूल (School) में रहे चुनौतीपूर्ण माहौल को शांत करने में मदद कर सकता है।
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जिमनास्टिक (Jimnastic):
अलग-अलग अध्ययनों से पता चला है कि शरीर की गतिविधियों पर ध्यान देने के लिए जरुरी मूवमेंट्स, जैसे कि जिमनास्टिक (Jimnastic), अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) वाले बच्चों को अपना ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकता हैं। जिमनास्टिक इंस्ट्रूमेंट और मूवमेंट्स (Movements), ऑक्यूपेशनल थेरेपी में इस्तेमाल होने वाले मूवमेंट्स की तरह है और यह बच्चे की सेंसरी प्रोसेसिंग डिसॉर्डर को मैनेज करने में सहायता करता है जो बच्चे की शक्ति, संतुलन की भावना और मांसपेशियों (Muscles) को जागरूक और विकसित करने में मदद कर सकता है।
हॉर्स बैक राइडिंग (Horseback riding):
घोड़ों में अपने हैंडलर की भावनाओं और दृष्टिकोण को समझने की क्षमता होती है,यह एक ऐसी तकनीक है जो इक्वाइन असिस्टेड साइकोथेरेपी (Equine Assisted Psychotherapy (EAP)) में उपयोग किया जाता है। जैसा कि आपका बच्चा (अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर से पीड़ित) घोड़े के साथ इंटरैक्ट करता है, वह समान व्यवहार पैटर्न के साथ जवाब देने के बजाय जानवर के व्यवहारों का महसूस करना और उनकी भावनाओं और प्रतिक्रिया को समझना सीखेगा।
डांस क्लास (Dance class):
आजकल के बच्चों की डांस (Dance) में रुचि हर दिन बढ़ती जा रही है। टीवी और कार्टून देखते हुए बच्चें अलग-अलग धुनों पर थिरकने लगते हैं। तो अगर आपका बच्चा अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) से ग्रसित हैं और उसमें बहुत ज्यादा एनर्जी (Anergy) है, तो आप उसे डांस क्लास ज्वाईन करवा सकते हैं। यह क्लास बच्चे को ना केवल एक अलग कला सीखने का मौका देगी बल्कि स्कूल के बाद बच्चे के नए दोस्त बनेंगे जिनसे वह पढाई के अलावा कुछ और कलाएं सांझा कर सकते हैं।
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आर्ट क्लास (Art class)
बहुत से ऐसे बच्चे हैं, जो अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (Attention-deficit/hyperactivity disorder) से ग्रसित होते हैं उनका पढ़ाई में ज्यादा मन नहीं लगता। वह स्कूल तो जातें हैं। लेकिन उनकी परफॉर्मेंस बहुत अच्छी नहीं होती। यह बच्चे किसी एक विषय में बहुत अच्छे होते है। लेकिन बाकी के विषयों में उनका ज्यादा मन नहीं लगता। ऐसे ही कुछ बच्चों को आर्ट और क्राफ्ट बहुत पसंद होता है। तो अगर आपने अपने बच्चें को दिवार पर या कॉपी के पीछे कुछ बनाते या रंगते देखा है तो आप उसे किसी अच्छे आर्ट और क्राफ्ट की क्लासेस ज्वाइन करा सकते हैं। पढ़ाई के साथ-साथ वह एक ऐसी कला सीख सकता है जो वह करना चाहता है जिससे वह अपना दिमाग (Brain) और एनर्जी (Energy) किसी ऐसे काम में लगाएगा जो उसको पसंद है।
कांपटिशन के इस दौर के मद्देनजर लंबे समय के लिए इंज्वायमेंट (Enjoyment), पार्टीसिपेशन और पीयर बॉन्डिंग सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।अगर आपके बच्चे के पास असली प्रतिभा है और वह किसी खेल में रुचि रखता है तो उसे कांपटिशन के लिए प्रोत्साहित करें।
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