बच्चों में टूथ कैविटी एक आम समस्या है। बच्चे अक्सर कुछ न कुछ खाते ही रहते हैं जैसे चॉकलेट, कैंडी या मिठाई। खेलते-खेलते खाना या खाने को देर तक मुंह में रहना यह आदत लगभग हर बच्चे में होती है। इन कारणों से बच्चे में टूथ कैविटी के मामले अक्सर पाए जाते हैं। मुंह में खाना ज्यादा देर तक खाना रहने और मुंह में पहले से मौजूद बैक्टीरिया की वजह से दांतों की ऊपरी सतह पर प्लाक की परत बन जाती है। इससे इनेमल इस प्लाक में बसे कीटाणुओं की वजह से टूटने लगता है, इसी कारण दांतों में छोटे-छोटे छेद हो जाते हैं, जिसे टूथ कैविटी कहते है।
अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो बच्चों में टूथ कैविटी या ये छोटे-छोटे छेद गहरे हो जाते हैं, जिनका इलाज भी आसान नहीं होता। इनमें काफी दर्द और परेशानी की सामना करना पड़ सकता है। कैविटी की गहराई को ध्यान में रखते हुए डेंटिस्ट दांतों में फ्लोराइड ट्रीटमेंट या फिलिंग या रूट कनाल ट्रीटमेंट की सलाह देते हैं। ज्यादा गंभीर मामलों में दांत निकालना तक पड़ सकता है। इन सब से बचने के लिए आइये जानते हैं बच्चों में टूथ कैविटी होने के कारण और इसे रोकने के तरीके।
बच्चों में टूथ कैविटी के कारण
बच्चो में टूथ कैविटी का सबसे बड़ा कारण ज्यादा शुगर और स्टार्च वाली चीजें खाना है। बच्चे चॉकलेट और कैंडी जैसी खाने की चीजों को ज्यादा पसंद करते हैं। अक्सर बच्चे मुंह में टॉफी रखकर खेलते रहते है और फिर लापरवाही के कारण मुंह नहीं धोते। इससे काफी देर तक दातों में शुगर पार्टिकल लगे रहते हैं। ऐसे में लार के साथ प्लाक बनने लगता है और इनेमल को नुकसान पहुंचता है। इनेमल के टूटने से ही टूथ कैविटी बनती है।
- दांतों की ठीक से सफाई न होना: बच्चे अक्सर जल्दी में ही रहते हैं और इसलिए हर काम जल्दबाजी में करते हैं इसीलिए ठीक से ब्रश न करने से दांतों में अक्सर खाना फंसा रहता है इस कारण दांतों में सड़न और कैविटी जैसी प्रॉब्लम होने लगती है।
- ज्यादा बैक्टीरिया बनना: बच्चे मुंह की सफाई पर न तो ध्यान देते है और उसकी एहमियत समझते हैं अक्सर कम पानी पीने और खाने के बाद कुल्ला न करने से मुंह में ज्यादा बैक्टीरिया बनते हैं और मुंह के बैक्टीरिया ही प्लाक को बनाते हैं।
- खानपान की आदतें: बच्चों का खानपान उनके दांतों की सेहत पर बहुत असर डालता है। बच्चे ज्यादातर मीठी चीजें ही पसंद करते है जैसे की चॉकलेट, जूस, मिठाईयां। अगर दांतों की अच्छे से सफाई न हो, तो इसके अलावा बच्चे जो भी खाते या पीते हैं जैसे ब्रेड, रोटी यहां तक की दूध तक सबसे दांतों पर प्लाक बन सकता है।
बच्चे खुद तो इतने समझदार होते नहीं हैं की अपना ध्यान खुद रख सकें इसलिए उनके दांतों की देखभाल की जिम्मेदारी भी मां-बाप की ही होती है।
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बच्चों में टूथ कैविटी को कैसे रोकें
- बच्चे को सबसे पहले दोनों टाइम ब्रश करने की आदत डलवाएं। रात को सोने से पहले ब्रश करने से बच्चे के दांत रातभर साफ रहते है, जिससे प्लाक के बनने की संभावना कम हो जाती है।
- ज्यादा मीठा खाने से बच्चों को हमेशा रोकें क्यूंकि ऐसा खाना ही बच्चों के दांतों में फसकर कैविटी की शुरुआत करता है।
- कुछ खाने के तुरंत बाद बच्चे को कुल्ला करने को बोले, नहीं तो खाना बहुत देर तक दातों में लगा रहेगा फिर सड़न और कैविटी का कारण बनेगा।
- जब भी आपका बच्चा खाना खाए, तो ध्यान दें की खाने को ज्यादा देर तक मुंह में न रखें। यह आदत बच्चों में कैविटी की सबसे बड़ी वजह है।
- बच्चे का रेगुलर डेंटल चेकअप करवाते रहें, इससे अगर बच्चे को टूथ कैविटी की कोई परेशानी होगी, तो समय रहते इसका पता लगाया जा सकेगा और आसानी से ठीक भी किया जा सकेगा।
बच्चों में टूथ कैविटी के घरेलू नुस्खे
लौंग- बच्चों में टूथ कैविटी हटाने के लिए रोजाना लौंग के तेल को कॉटन में भिगोकर दांतो के खोखले हिस्से में लगाएं। इससे दातों में लगे कीड़े भी नष्ट हो जाएंगे और बच्चें को दर्द से आराम भी मिलेगा।
जायफल– जायफल भी बच्चों में टूथ कैविटी हटाने के लिए वरदान समान है। इसके लिए जॉयफल के तेल को कॉटन में भिगोकर 5-10 मिनट के लिए दातों पर रखें। इसके बाद हल्के गर्म पानी से बच्चों को कुल्ली कराएं। रोजाना ऐसा करने से दातों में कीड़े की समस्या दूर हो जाएगी।
हल्दी– बच्चों में टूथ कैविटी की समस्या को दूर करने के लिए हल्दी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको पिसी हुई हल्दी और सरसों के तेल को अच्छी तरह मिलाना होगा। रोजाना बच्चों को तैयार हुए इस मिश्रण से मंजन करवाएं। दिन में 2 बार ऐसा करने से बच्चों के दांतों में लगी कैविटी दूर हो जाएगी।
हींग– बच्चों में टूथ कैविटी को हटाने के लिए हींग का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इसके लिए आपको हींग को थेड़ा सा गर्म करना होगा। इसके बाद कॉटन की मदद से इसे बच्चे के कैविटी लगे दातों में रख दें। रोजना बच्चों को ब्रश करवाने के बाद ऐसा करने से दातों में लगी सड़न की परेशानी दूर हो जाएगी।
दालचीनी- दालचीनी भी बच्चों में टूथ कैविटी को दूर करने के लिए बेहद उपयोगी मानी जाती है। इसके लिए आपको दालचीनी पाउडर की जरूरत होगी। दालचीनी पाउडर को सरसों के तेल में मिलाकर कॉटन की मदद से बच्चों के दातों पर लगाएं। रोजाना इसे लगाने से दातों में सड़न की परेशानी दूर हो जाएगी
फिटकरी- बच्चों में टूथ कैविटी की समस्या का समाधान करने के लिए फिटकरी को भी बहुत गुणकारी माना जाता है। इसके लिए रोजाना फिटकरी को गर्म पानी में घेलकर बच्चों को कुल्ली कराएं। इससे दातों में सड़न मरने के साथ-साथ बदबू भी खत्म हो जाएगी।
दांतों की कैविटी बेहद दर्द और तकलीफ देती है इसलिए दांतों की अच्छी देखभाल बहुत जरूरी है। अगर आपके बच्चे में भी ऐसी आदतें हैं, जिनसे उनके दांतों में कैविटी जैसी समस्या हो सकती है, तो जरूर इस पर ध्यान दें। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में बच्चों में टूथ कैविटी से जुड़ी हर जानकारी देने की कोशिश की गई है। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल है तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।
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