ब्रेस्टफीडिंग … शिशुओं के लिए संपूर्ण पोषण है। नवजात शिशुओं के लिए मां का दूध या फॉर्मूला मिल्क ही संपूर्ण पोषण प्रदान करता है, लेकिन कई बार शिशु के बढ़ने के साथ-साथ स्तनपान को लेकर प्रश्न भी उठने लगते हैं। जैसे टॉडलर को ब्रेस्टफीडिंग करवाना चाहिए या नहीं? ऐसा इसलिए भी होता है, क्योंकि जब बच्चा 8 से 9 महीने के बाद दाल का पानी, फलों का जूस, चावल या रोटी जैसे खाद्य पदार्थों को थोड़ा-थोड़ा खाना शुरू कर देता है। इसलिए आज इस आर्टिकल में टॉडलर के लिए ब्रेस्टफीडिंग टिप्स (Breastfeeding Your Toddler tips) और 1 से 2 साल के बच्चों को स्तनपान करवाना जरूरी है या नहीं यह भी समझेंगे।
- टॉडलर के लिए ब्रेस्टफीडिंग टिप्स क्या हैं?
- टॉडलर के लिए स्तनपान के फायदे क्या हैं?
- बच्चे को स्तनपान कितने उम्र तक करवाएं?
चलिए अब 1 से 2 साल के बच्चे के पोषण से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
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टॉडलर के लिए ब्रेस्टफीडिंग टिप्स क्या हैं? (Breastfeeding tips for your Toddler)
टॉडलर के लिए ब्रेस्टफीडिंग टिप्स इस प्रकार हैं-
- 1 से 2 साल के बच्चों को स्तनपान करवाना चाहिए, लेकिन बच्चे को बार-बार इसकी आदत ना लगाएं। इसलिए आप नर्सिंग ब्रा का चुनाव ना करें। आप लेयर या पैडेड ब्रा का इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे बच्चा बार-बार ब्रेस्टफीडिंग नहीं करेगा।
- टॉडलर के लिए ब्रेस्टफीडिंग टिप्स फॉलो करने के दौरान यह भी ध्यान रखें कि बच्चे को एक या दो मिनट से ज्यादा स्तनपान ना करवाएं। अगर वो ज्यादा देर तक ब्रेस्टफीड करना चाहता है, तो उसे ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित ना करें। 1 से 2 साल के बच्चों को स्तनपान के साथ-साथ अन्य हेल्दी फूड का सेवन करना जरूरी होता है।
- अगर आप किसी काम में व्यस्त हैं और आपका बच्चा ब्रेस्टफीडिंग करना चाहता है, तो उसे समझाएं कि थोड़ी देर के बाद उसे दूध पिलाएंगे, क्योंकि अभी आप कुछ काम कर रहीं हैं। टॉडलर के लिए ब्रेस्टफीडिंग टिप्स में इसे भी शामिल करें।
- अगर आपका बच्चा 1 से 2 साल तक है और वो ज्यादातर ब्रेस्टफीडिंग पर ही निर्भर रहता है, तो ऐसी आदत को दूर करें। ऐसे में टॉडलर के लिए ब्रेस्टफीडिंग टिप्स यह ध्यान रखें कि जब बच्चे को भूख लगे तो गाय का दूध दें उसे पानी पिलाएं। हमेशा पैक्ड जूस देने से बचें क्योंकि जूस माँ चीनी की मात्रा ज्यादा रहती है।
नोट: टॉडलर के लिए ब्रेस्टफीडिंग टिप्स में इन 4 विकल्पों को शामिल करें, लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि बच्चे के लिए मां का स्पर्श बेहद जरूरी है। इसलिए ब्रेस्टफीडिंग के अलावा भी बच्चे को अपने करीब लाएं उन्हें गले लगाएं।
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टॉडलर के लिए स्तनपान के फायदे क्या हैं? (Benefits of Toddler Breastfeeding)
टॉडलर के लिए ब्रेस्टफीडिंग टिप्स (Breastfeeding Your Toddler tips) से जुड़ी जानकारी आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं। 1 से 2 साल के बच्चों को स्तनपान करवाने को एक्सटेंडेड ब्रेस्टफीडिंग (Extended breastfeeding) टर्म से भी जाना जाता है। वहीं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार कम से कम दो साल तक के बच्चों को स्तनपान करवाना चाहिए। ऐसा इसलिए करना चाहिए, क्योंकि 12 महीने से 24 महीने के शिशु को आवश्यक ऊर्चा की पूर्ति मां के दूध से पूरी होती है। वहीं टॉडलर के लिए ब्रेस्टफीडिंग फायदेमंद होने के साथ-साथ ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं में भी ऑवेरियन कैंसर (Ovarian cancer) और ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) का खतरा कम हो सकता है। रिसर्च रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वैसी महिलाओं की संख्या बेहद कम है, जो अपने बच्चों को एक साल होने तक स्तनपान करवाती हैं। इसलिए आप अपने बढ़ते बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवा सकती हैं, लेकिन अगर अब आप ये सोच रहीं हैं कि नवजात शिशुओं को स्तनपान करवाना आसान है और 1 से 2 साल के बच्चों को स्तनपान करवाना तो चलिए आगे समझेंगे टॉडलर के लिए ब्रेस्टफीडिंग टिप्स (Breastfeeding Your Toddler) क्या-क्या हो सकते हैं।
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इन फायदों के अलावा और भी कई फायदे हैं टोल्डर्स को ब्रेस्टफीडिंग करवाने के-
- मां का दूध बच्चे के इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाने में सहायक होता है। इम्यून सिस्टम मजबूत होने से बच्चों में इंफेक्शन की संभावना कम होती है। वहीं इस उम्र में अगर बच्चा बीमार भी पड़ता है, तो मां के दूध सेवन करने से वो जल्द हेल्दी हो सकता है।
- नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार ब्रेस्टफीडिंग की वजह से भविष्य में होने वाली बीमारियों जैसे टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes), कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की समस्या या ओवरवेट (Overweight) से बचने में मदद मिल सकती है।
- मां का दूध बच्चे के ब्रेन डेवलपमेंट (Brain Development) में भी सहायक माना गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि मां के दूध में ओमेगा 3 फैटी एसिड (Omega 3 Fatty Acid) मौजूद होता है, जो बच्चे के मस्तिष्क के विकास में सहायक होता है।
इन 3 महत्वपूर्ण फायदों के अलावा बच्चे के संपूर्ण विकास (Toddler’s growth) में मां के दूध की खास भूमिका होती है। इसलिए अपने 1 से 2 साल को बच्चे को स्तनपान करवाने से पीछे नहीं हटें। सिर्फ स्तनपान के रूटीन में बदलाव लाएं। ऐसा करने से बच्चा आपके करीब भी रहेगा और धीरे-धीरे स्तनपान की आदत दूर करने में भी मदद मिलेगी।
टॉडलर के लिए ब्रेस्फीडिंग के फायदे और टिप्स तो आप समझ गईं होंगीं, लेकिन कई बार आसपास के लोग ऐसा करने के लिए माना भी कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में आप परेशान ना हों और बच्चे को स्तनपान करवाएं। हां, अगर बच्चे की सेहत (Toddler’s Health) से जुड़ी कोई समस्या नजर आ रही है, तो उसे इग्नोर ना करें।
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बच्चे को स्तनपान कितने उम्र तक करवाएं?
डब्लूएचओ में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार बच्चे के एक साल के आखड़ी पड़ाव यानी दो साल के शुरुआत होने के पहले तक स्तनपान करवाना चाहिए। ब्रेस्टफीडिंग का फायदा (Benefits of Breastmilk) सिर्फ कम उम्र ही नहीं, बल्कि बढ़ती उम्र में भी इसका लाभ मिलता है।
स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को अचानक से स्तनपान करवाना बंद नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से स्तन में गांठ बनने की संभावना हो सकती है। इसलिए धीरे-धीरे दूध पिलाने के वक्त में बदलाव लाएं और फिर ब्रेस्टफीडिंग रोकें।
नोट: स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को अपने आहार का विशेष ख्याल रखना चाहिए। ये ठीक वैसा ही है जैसे आप प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्दी डायट (Healthy diet) फॉलो करती हैं। इसलिए अपने आहार में विटमिन (Vitamin), मिनरल (Mineral), प्रोटीन (Protein), कॉर्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) और फैट्स (Fat) को शामिल करें। इन सबके के साथ-साथ पानी (Water) का भी सेवन जरूर करें।
अगर आप शिशु या टॉडलर के लिए ब्रेस्टफीडिंग टिप्स (Breastfeeding tips for your Toddler) से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब जानना चाहती हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकती हैं। अगर बच्चा ब्रेस्टफीडिंग नहीं करना चाहता है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्ट करें। डॉक्टर बच्चे के हेल्थ को मॉनिटर करेंगे और फिर उसके हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर डायट (Diet) और ब्रेस्टमिल्क से जुड़ी जानकारी शेयर करेंगे।
बच्चों के विकास के साथ-साथ मां को अपना ख्याल रखना भी जरूरी है। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर एक्सपर्ट से जानें न्यू मॉम अपना ध्यान कैसे रख सकती हैं और यह उनके लिए क्यों जरूरी है।
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