निप्पल शील्ड का इस्तेमाल ब्रेस्टफीडिंग ट्रेनिंग के रूप में भी किया जा सकता है। ब्रेस्टफीडिंग ट्रेनिंग (Breast feeding training) के बाद आप चाहें तो निप्पल शील्ड के इस्तेमाल को टाल सकती हैं। उन महिलाओं के लिए निप्पल शील्ड (Nipple shields) बेहद फायदेमंद साबित होती है, जिनके निप्पल्स से ब्लीडिंग और सोर की दिक्कत होने की संभावना होती है। ऐसी महिलाओं के लिए निप्पल शील्ड फायदेमंद मानी जाती है।
कई माएं निप्पल सेंसटिविटी की वजह से बच्चे को बॉटल फीडिंग (Bottle feeding) करवाने लगती हैं, जिसके कारण बच्चा मां से अलग होकर दूध पीता है। इसलिए इस समस्या से निपटने के लिए निप्पल शील्ड (Nipple shields) का इस्तेमाल किया जाता है।

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जिन महिलाओं के निप्पल फ़्लैट होते हैं, उनके बच्चे आसानी से निप्पल को मुंह में नहीं पकड़ पाते हैं और उन्हें ब्रेस्टफीडिंग के दौरान तकलीफों का सामना करना पड़ता है। ऐसी महिलाओं के लिए भी निप्पल शील्ड (Nipple shields) एक बेहतर प्रोडक्ट माना जाता है।
जहां एक ओर निप्पल शील्ड के कई फायदे होते हैं, वहीं कुछ महिलाओं को इसके नुकसान भी उठाने पड़ते हैं। आइए जानते हैं निप्पल शील्ड के नुकसान के बारे में।
निप्पल शील्ड (Nipple shields) : क्या हो सकते हैं इससे नुकसान भी?
अक्सर जब महिलाएं निप्पल शील्ड का इस्तेमाल करती हैं, तो बच्चा इसकी फील और शील्ड के टेक्स्चर (Shield’s Texture) के साथ जुड़ता चला जाता है। ऐसी स्थिति में बच्चे को निप्पल शील्ड (Nipple shields) की आदत पड़ सकती है।
कई महिलाएं शुरुआती दौर पर निप्पल शील्ड का इस्तेमाल करती हैं और बाद में बच्चे को सीधे ब्रेस्टफीडिंग की आदत डालने की कोशिश करते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चे को दोबारा सीधे ब्रेस्ट से ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) कराने में दिक्कत हो सकती है।