कई बार ऐसा होता है कि घर में दूसरे बच्चे के आ जाने के बाद पहले बच्चे को लगता है कि मां अपना सारा प्यार नवजात शिशु को दे रही है। कई बार ऐसा भी होता है कि अगर आप नवजात को स्तनपान (Breastfeeding a newborn) करा रही हैं, तो उसी समय पहले बच्चे को भी भूख लगने लगती है। ऐसी स्थिति में मां परेशान हो जाती है और सोचती है कि कैसे वह दोनों बच्चों को संभाल सकती है।
इस संबंध में हैलो स्वास्थ्य ने ओपल हॉस्पिटल की गाइनकोलॉजिस्ट डॉ. पूनम राय से बात की। डॉ. पूनम राय ने बताया कि “ऐसी समस्या ज्यादातर उन मांओं को आती है जिनके दो बच्चों में डेढ़ से दो साल का अंतर होता है। पहला बच्चा अभी उतना समझदार नहीं रहता है कि वह यह समझ सके कि मां के दूध की जरूरत उससे ज्यादा नवजात को है। इसलिए मां को समझदारी से काम लेना चाहिए।”
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स्तनपान के दौरान जब बच्चा आपकी गोद में आना चाहे तो क्या करें?
नवजात को स्तनपान कराता देखकर बड़ा बच्चा भी चाहता है कि आप उसे प्यार करें। इसलिए वह आपकी गोद में चढ़ने का प्रयास करता है। ऐसे में आप बच्चे को डांटे नहीं, बल्कि समझाएं कि आप उससे भी प्यार करती हैं। हो सके तो अपने खाली हाथ से बच्चे को गले लगाएं और उसे किस करें। बच्चे को गाना सुनाएं। उसे कहानियां सुनाएं या ड्रॉइंग करने को कहें। जिससे उसका ध्यान बंट जाएगा और आप आसानी से नवजात को स्तनपान करा सकेंगी।
बड़े बच्चे का माइंड डाइवर्ट करने की कोशिश करें
नवजात को स्तनपान कराते समय आप अपने बड़े बच्चे को अच्छे काम सीखा सकती हैं। स्तनपान कराते समय आप उसे किताबें पढ़ाएं। अगर घर में सूखे कपड़े हैं तो आप उसे बच्चे को मोड़ कर तह लगाने के लिए कहें। इसके अलावा, आप अपने लिए एक गिलास पानी भी बड़े बच्चे से मंगा सकती हैं। अगर आप नवजात को स्तनपान कराने की तैयारी कर रही हैं तो बड़े बच्चे से अपने छोटे भाई या बहन की देखभाल करने के लिए कहें। इससे बड़े बच्चे के अंदर जिम्मेदारी की भावना आएगी और वह अपनों की देखभाल करना सीखेगा।
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नवजात को स्तनपान कराने के लिए दें प्राथमिकता
अगर आपके दो बच्चों के बीच में ज्यादा अंतर नहीं है और पहला बच्चा भी स्तनपान करता है तो आप किसे महत्ता देंगी? शायद आपका जवाब हो नवजात को। जवाब यही होना भी चाहिए। क्योंकि, आपका बड़ा बच्चा मां के दूध के अलावा अन्य ठोस पदार्थ भी लेता है। लेकिन, नवजात तो सिर्फ मां के दूध पर ही निर्भर है। इसलिए अगर आप दोनों को स्तनपान कराना चाहती हैं तो पहले नवजात को स्तनपान कराएं। नवजात के दूध पी लेने के बाद ही बड़े बच्चे को दूध पीलाएं।
डिलिवरी के बाद का पहला दूध नवजात को ही दें
प्रसव के बाद मां का पहला पीला गाढ़ा दूध नवजात के लिए अमृत होता है। कई लोगों में ये भ्रम है कि मां का पहला दूध नवजात को नहीं पिलाना चाहिए। इसलिए या तो वो इस दूध को स्तनों से निकाल कर फेंक देते हैं या बड़े बच्चे को पिला देते हैं। ऐसा कतई ना करें। मां का पहला दूध नवजात के शरीर में इम्यून सिस्टम को विकसित करने में मददगार है। इसलिए पहला पीला गाढ़ा दूध नवजात को ही दें। कोशिश करें कि बड़े बच्चे को स्तनपान कराना धीरे-धीरे बंद कर दें।
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बड़े बच्चे को छोटे भाई/बहन को बॉटल से दूध पिलाने के लिए कहें
अगर आपका बच्चा दो या तीन साल से ऊपर का है तो आप स्तनपान कराने में उसकी मदद ले सकती हैं। जब भी नवजात को स्तनपान कराने बैठें तो बड़े बच्चे को बताएं कि “आप किस तरह से स्तनपान कराती है।“ उसे ये भी बताएं कि “जब वह नवजात था तो वह भी ऐसे ही दूध पीता था।“ इसके अलावा अगर अपने छोटे बच्चे को आप फॉर्मूला मिल्क देती हैं तो बड़े बच्चे को अपने छोट भाई या बहन को बॉटल से दूध पिलाने के लिए कहें। ऐसा करने से दोनों बच्चों के बीच भावनात्मक रिश्ता बनेगा।
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नवजात को स्तनपान कराने के टिप्स
नवजात को स्तनपान कराने के लिए आप निम्न टिप्स को अपना सकती हैं।
नवजात को स्तनपान कराने से पहले बच्चे की भूख को पहचानें
स्तनपान कैसे कराएं और कब कराएं। इसके जवाब में नवजात शिशु को जब भूख लगती है तो वह कुछ इशारे करता है, जिसे मां को समझना होता है। बच्चा अपनी उंगली या हाथ अपने मुंह में डालता है। इसके अलावा, बच्चा खुद ही स्तन की तलाश करने लगता है। ऐसे समय में मां द्वारा बच्चे को स्तनपान कराया जाना चाहिए।
बच्चे की आदतों को समझें
कुछ बच्चों की आदत होती है कि वह मां के एक स्तन से दूध पी कर संतुष्ट हो जाते हैं। लेकिन, कुछ बच्चे एक बार के स्तनपान में दोनों स्तनों से दूध पीते हैं। ऐसे बच्चों को पहले आप एक स्तन का पूरा दूध पिलाएं। उसके बाद ही दूसरे स्तन को पीने के लिए दें। ऐसा न करने से बच्चा दोनों स्तन का थोड़ा दूध पिएगा और मां को समझ में नहीं आएगा कि बच्चे ने कितना दूध पिया है।
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बच्चे को दें स्किन-टू-स्किन टच (Skin to Skin Touch)
अगर स्तनपान कैसे कराएं के बारे में जानना चाहती हैं तो स्किन टू स्किन टच का ध्यान रखें। बच्चा जब दुनिया में आता है तो मां का फर्ज होता है कि वह बच्चे को बाहर के वातावरण के अनुरूप अनुकूल बनाएं। ऐसे में मां द्वारा बच्चे को छाती से लगाना उसे आराम देता है। इस प्रक्रिया को स्किन-टू-स्किन टच थेरिपी कहते हैं। जो बच्चे के दिल की धड़कनों और सांसों को बाहरी वातावरण के हिसाब से सामान्य करने में मदद करता है।
नवजात को स्तनपान: बच्चे को स्तन और पेसीफायर में कंफ्यूज न करें
अक्सर देखा गया है कि बच्चे को लोग यह कह कर पेसीफायर थमा देते है कि बच्चा सक (Suck) करना सीखेगा। लेकिन, ऐसा करना सरासर गलत है। बच्चा मां के निप्पल और पेसीफायर में कंफ्यूज हो जाता है। बच्चे को हमेशा स्तनपान ही कराएं। ऐसा करने से ही बच्चे का सकिंग पावर (Sucking Power) विकसित होगा।
ध्यान देने योग्य बातें
यदि आपको नवजात को दूध पिलाने में किसी प्रकार की समस्या आ रही है तो ऐसे में आप अपने बड़े बच्चे को शिक्षा दें। ताकि वो आपको परेशान न करें बल्कि आपकी मदद करें। उसे सिखाए कि यह कितना जरूरी है। इसके अलावा आप चाहें तो घर के बड़े-बुजुर्गों की मदद भी ले सकती हैं। इसके अलावा परेशानी यदि ज्यादा हो तो हेल्थ केयर प्रोवाइडर व डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। एक्सपर्ट आपको सही सही बातों की जानकारी दे सकते हैं उसके अनुसार ही आप शिशु को अच्छे से स्तनपान करा सकती हैं। बता दें कि शिशु को स्तनपान कराना बेहद ही जरूरी है, क्योंकि बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए यह बेहद ही जरूरी है।
उम्मीद करते हैं कि आपको नवजात को स्तनपान से संबंधित टिप्स मिल गए होंगे। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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