अगर स्तनपान कैसे कराएं के बारे में जानना चाहती हैं तो स्किन टू स्किन टच का ध्यान रखें। बच्चा जब दुनिया में आता है तो मां का फर्ज होता है कि वह बच्चे को बाहर के वातावरण के अनुरूप अनुकूल बनाएं। ऐसे में मां द्वारा बच्चे को छाती से लगाना उसे आराम देता है। इस प्रक्रिया को स्किन-टू-स्किन टच थेरिपी कहते हैं। जो बच्चे के दिल की धड़कनों और सांसों को बाहरी वातावरण के हिसाब से सामान्य करने में मदद करता है।
नवजात को स्तनपान: बच्चे को स्तन और पेसीफायर में कंफ्यूज न करें
अक्सर देखा गया है कि बच्चे को लोग यह कह कर पेसीफायर थमा देते है कि बच्चा सक (Suck) करना सीखेगा। लेकिन, ऐसा करना सरासर गलत है। बच्चा मां के निप्पल और पेसीफायर में कंफ्यूज हो जाता है। बच्चे को हमेशा स्तनपान ही कराएं। ऐसा करने से ही बच्चे का सकिंग पावर (Sucking Power) विकसित होगा।
ध्यान देने योग्य बातें
यदि आपको नवजात को दूध पिलाने में किसी प्रकार की समस्या आ रही है तो ऐसे में आप अपने बड़े बच्चे को शिक्षा दें। ताकि वो आपको परेशान न करें बल्कि आपकी मदद करें। उसे सिखाए कि यह कितना जरूरी है। इसके अलावा आप चाहें तो घर के बड़े-बुजुर्गों की मदद भी ले सकती हैं। इसके अलावा परेशानी यदि ज्यादा हो तो हेल्थ केयर प्रोवाइडर व डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। एक्सपर्ट आपको सही सही बातों की जानकारी दे सकते हैं उसके अनुसार ही आप शिशु को अच्छे से स्तनपान करा सकती हैं। बता दें कि शिशु को स्तनपान कराना बेहद ही जरूरी है, क्योंकि बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए यह बेहद ही जरूरी है।
उम्मीद करते हैं कि आपको नवजात को स्तनपान से संबंधित टिप्स मिल गए होंगे। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।