एक पिता के रूप में मुझे कई बार लगा है कि काश मेरे बचपन में भी स्मार्टफोन का ट्रेंड आया होता। समय के बीतने के साथ अब सोचता हूं कि, काश मुझे पहले से ही ज्यादा तैयार होना चाहिए था। ऐसा अब भी सोचता हूं कि जिस दिन मैंने अपने बच्चों को उनका पहला सेलफोन दिया। उनके सेल फोन को किसी तरह के पेरेंट-चाइल्ड सेल फोन कॉन्ट्रैक्ट के साथ आना चाहिए था। शायद चाइल्ड-टू-पेरेंट पेमेंट प्लान की तरह, या कम-से-कम बच्चों के लिए सेल फोन के नियमों की एक सूची तो निश्चित तौर पर होनी चाहिए। यह कहना था दीपक बजाज का जो कि एक व्यवसाई हैं। वे ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि बच्चों पर मोबाइल के प्रभाव को देखते हुए पेरेंट्स की चिंता बढ़ रही हैं।
साल 2014 में जामा पेडियाट्रिक्स (JAMA Pediatrics) (बाल रोग) में छपी एक रिपोर्ट में बच्चों पर मोबाइल के प्रभाव का अध्ययन करने के बाद पाया गया कि आपके बच्चे के स्मार्टफोन उपयोग करने की निगरानी करने से स्कूल में सफलता के साथ-साथ उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंच सकता है।
आज के इस डिजिटल दौर में बच्चों के पास स्मार्टफोन होना बहुत आम बात हो गई है। ऐसे में बच्चों पर मोबाइल के प्रभाव को कम करने के लिए कुछ नियम सेट करने की जरूरत होती है। इस डिजिटल एनवायरनमेंट में बच्चों के पास स्मार्टफोन का होना ठीक भी है, क्योंकि उनके स्टडी के लिए भी इंटरनेट एक जरूरी अंग बन चुका है। बच्चे ही देश-समाज का भविष्य होते हैं। जहां की युवा पीढ़ी स्वस्थ हो वहां का विकास होना निश्चित है।
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बच्चों पर मोबाइल के प्रभाव (Effect of mobile on children) में शामिल है सोशल मीडिया का क्रेज
बच्चों में सोशल नेटवर्किंग और स्मार्टफोन को लेकर भले ही दीवानापन दिख रहा हो, लेकिन बच्चों को इंटरनेट की लगती लत उनके बचपन को दूर करती जा रही है। धीरे-धीरे बच्चों का स्मार्टफोन पर निर्भर रहना एक समस्या बनकर उभरने लगी है। जिसे हैंडल करना पेरेंट्स के लिए मुश्किल होता जा रहा है।
हैलो स्वास्थ्य के इस आर्टिकल में पेरेंट्स के नजरिए से बच्चों के लिए कुछ आवश्यक स्मार्टफोन नियम बताए गए हैं, जिसे आप अपने बच्चों पर लागू कर सकते हैं। इनसे बच्चों पर मोबाइल के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है।
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बच्चों पर मोबाइल के प्रभाव को कम करने के टिप्स: (Tips to reduce the impact of mobile on children)
बच्चों पर मोबाइल के प्रभाव को कम करने के लिए शेड्यूल सेट करें
बच्चे दिन में कई घंटों तक स्मार्टफोन के साथ व्यस्त रह सकते हैं। संभव है कि वह पढ़ते समय भी मोबाइल में कुछ देख रहा हो। कुछ सोशल साइट्स पर लगा रहे। स्मार्टफोन के उपयोग को अचानक प्रतिबंधित करना भी बच्चों पर बुरा असर डालता है। उनको खाने-पीने की कोई परवाह नहीं होती है। जिसके लिए बच्चों को समय फिक्स कर देना चाहिए कि कितनी देर टीवी देखें या मोबाइल का इस्तेमाल करना है। इसके लिए एक सख्त नियम की आवश्यकता है। बच्चों पर मोबाइल के प्रभाव को कम करने के लिए स्मार्टफोन इस्तेमाल करने के लिए टाइम लिमिट तय करें। साथ ही बच्चे को इस पर अमल करने के लिए कहें।
बच्चों पर मोबाइल के प्रभाव (Effect of mobile on children) को कम करने के लिए गोपनीयता भी जरूरी
विशेष रूप से सोशल मीडिया ऐप्स का उपयोग करते समय गोपनीयता के स्तर को बनाए रखना आवश्यक होता है। कुछ हद तक माता-पिता द्वारा ऐप्स में ‘ऐप ब्लॉकर्स’ का उपयोग करके इसे लागू किया जा सकता है। साथ ही बच्चों को यह भी बताना चाहिए कि इंटरनेट मैटेरियल इस्तेमाल करते समय कैसे गोपनीयता का ख्याल रखें। उन्हें यह बताना चाहिए कि सोशल साइट्स पर किसी अजनबी से बात नहीं करनी चाहिए और अपने बारे में सूचनाएं पब्लिक नहीं करनी चाहिए।
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लोगों से बात करने के लिए (To talk to people)
बच्चों पर मोबाइल के प्रभाव अब यह जानना बहुत जरूरी है कि अजनबियों से बात करना या चैट करना उनके द्वारा नुकसान पहुंचा सकते हैं। पेरेंट्स को उन बच्चों पर नजर रखने की जरूरत है, जो उनके बच्चों से संपर्क कर रहे हैं।
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फैमिली डेज पर कोई मोबाइल नहीं का नियम नहीं (Tips to reduce the impact of mobile on children)
बच्चों पर मोबाइल के प्रभाव को कम करने के लिए एक यह भी नियम बनाएं कि फैमिली के साथ समय बिताते के समय मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना है। इसके लिए बच्चों को खास तौर पर समझाएं कि फैमिली डिनर या फेमिली टाइम में फोन से दूरी बनाकर रखें। हो सकता है कि आपके बच्चे इस नियम को शुरुआत में न स्वीकारें लेकिन जरूरी है कि बच्चों पर मोबाइल के प्रभाव को उन्हें बताएं और समझाएं कि इसके क्या नुकसान हो सकते हैं। वहीं बच्चों की उम्र के अनुसार आपको इस नियम में बदलाव करने पड़ सकते हैं। जैसे कि टीनएजर्स के लिए यह संभव नहीं है कि वे पूरे फैमिली हॉलीडे या डे आउट पर मोबाइल से दूर रह सकें। ऐसे में जरूरी है कि उन्हें ड्राइव के दौरान फोन के इस्तेमाल की अनुमति दें। लेकिन, साथ ही यह बता दें कि फेमिली एक्टिविटी के समय मोबाइल इस्तेमाल नहीं करना है।
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एडल्ट बच्चों पर मोबाइल के प्रभाव को कम करने के लिए क्या करें (Tips to reduce the impact of mobile on children)
अक्सर देखा जाता है कि टीवी पर अपना शो न देख पाने की स्थिति में बच्चे मोबाइल में व्यस्त हो जाते हैं। ज्यादातर घरों में बड़े-बूढ़े धार्मिक धारावाहिक देखते हैं। उनका सीरियल एक के बाद एक आता रहता है और दिन से शाम तक अपना समय टीवी शो देख कर व्यतीत करते हैं। ऐसे में किशोर बच्चों को टीवी शो जो उनके पसंद का नहीं देखने को मिल पाता हैं। क्योंकि जब हमारे बड़े लोग टीवी देख रहे होते हैं, तो हम उनके टीवी शो टाइम पर अपने पसंद का शो नहीं देख पाते हैं। जिसके लिए पेरेंट्स बच्चे को उनको एक छोटी टीवी दिला सकते है उनके कमरे में जो वो आराम से देख सकें।
बच्चों पर मोबाइल के प्रभाव को कम करने के लिए ऊपर बताए गए मोबाइल के नियमों को लागू करें। आपको इन नियमों को लागू करने में थोड़ी सी परेशानी उठानी पड़ सकती है और यह इस पर निर्भर करता है कि बच्चा छोटा है या बड़ा और साथ ही वह स्मार्टफोन के साथ कितना समय बिता रहा है और क्या कर रहा है? पेरेंट्स को यह भी देखना होगा कि ऐसा तो नहीं पढ़ने के समय बच्चा मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा हो। पेरेंट्स बच्चे के मोबाइल इस्तेमाल करने के समय को निर्धारित जरूर करें ताकि आपका बच्चा इंटरटेनमेंट करने के साथ अपना ध्यान पढ़ाई या अन्य चीजों पर लगा सकें।
उम्मीद करते हैं कि आपको बच्चों पर मोबाइल के प्रभाव (Effect of mobile on children) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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