सामान्य डिलिवरी से पैदा हुए बच्चों की तुलना में सिजेरियन बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। माइक्रोबायोम (Microbiome) अध्ययन के अनुसार सिजेरियन या सी-सेक्शन बेबी (C-Section) में पेट में मौजूद बेक्टीरिया की कमी होती है। लेकिन, नॉर्मल डिलिवरी (Normal Delivery) से पैदा होने वाले बच्चे के अंदर ये बैक्टीरिया होते हैं, ये बच्चे के अंदर इम्यून सिस्टम को डेवलेप करने में मददगार हैं। इस बारे में वाराणसी के काशी मेडिकेयर की स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. शिप्रा धर ने बाताया कि “वजायनल सीडिंग’ (Vaginal Seeding) अभी एक नई प्रक्रिया है। लेकिन, धीरे-धीरे लोगों के बीच इसकी जानकारी बढ़ती जा रही है। वजायनल सीडिंग (Vaginal Seeding) से सी-सेक्शन (C-Section) बेबी के इम्यून सिस्टम को विकसित करने में मदद की जाती है।”
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क्या है वजायनल सीडिंग (What is Vaginal Seeding)?
जब बच्चा सी-सेक्शन (C-Section) से पैदा होता है तो उस समय मां के योनि से एक लिक्विड निकलता है। इसमें ऐसे बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो बच्चे के शरीर को कई बीमारियों से लड़ने में बचाते हैं। क्योंकि जब बच्चा सी-सेक्शन (C-Section) से पैदा होता है तो मां से कई बैक्टीरिया बच्चे में आ जाते हैं। इसके अलावा, बाहरी वातावरण से भी कुछ बैक्टीरिया बच्चे के शरीर में आ जाते हैं। जो बच्चे को बीमार करने के लिए काफी होते हैं। ऐसे में मां के वजाइना से निकलने वाला तरल जन्म के तुरंत बाद बच्चे के शरीर पर लगा दिया जाता है। इसी प्रक्रिया को वजायनल सीडिंग (Vaginal Seeding) कहते हैं।
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वजायनल सीडिंग (Vaginal Seeding) कैसे होती है?
वजायनल सीडिंग की प्रक्रिया बहुत ही आसान है। नॉर्मल डिलिवरी में बच्चे योनि के मार्ग से पैदा होते हैं। इसलिए योनि से निकलने वाले लिक्विड से शिशु का शरीर कवर रहता है। लेकिन, सी-सेक्शन डिलिवरी (C-section delivery) में ऐसा नहीं होता है। सी-सेक्शन (C-Section) से पैदा होने वाले बच्चे के लिए यह तरल पदार्थ अमृत के समान है। इस तरल को रुई की मदद से उनके मुंह, नाक और त्वचा पर लगा दिया जाता है।
जानिए क्यों होती है वजायनल सीडिंग (Vaginal Seeding) की जरूरत
सिजेरियन डिलिवरी (cesarean delivery) से पैदा हुए बच्चे कई तरह के हानिकारक माइक्रोब्स के संपर्क में आ जाते हैं। जैसे- स्टाफीलोकोकी और क्लॉस्ट्रीडियम डिफिसील। वहीं, नॉर्मल डिलिवरी वाले बच्चे लैक्टोबैसिलस और प्रीवोटेला जैसे अच्छे बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं। नॉर्मल डिलिवरी वाले बच्चे को पेट और सांस से जुड़ी बीमारियों से लड़ने की ताकत यह बैक्टीरिया देते हैं। वहीं, सी-सेक्शन (C-Section) से पैदा बच्चों को मां के योनि से निकले तरल से ये अच्छे बैक्टीरिया मिल पाते हैं। इसलिए सी-सेक्शन (C-section) से पैदा हुए बच्चों की वजायनल सीडिंग (Vaginal Seeding) की जाती है।
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जानिए वजायनल सीडिंग (Vaginal Seeding) के फायदे क्या हैं
इस प्रक्रिया को कई लोग अपना रहे हैं और इसे इसलिए अपनाया जा रहा है क्योंकि इसके फायदे बहुत हैं। रिसर्च में इस बात की पुष्टि हुई है कि सिजेरियन बच्चों के लिए वजायनल सीडिंग (Vaginal Seeding) बहुत फायदेमंद है। नीचे हम आपको वजायनल सीडिंग के फायदे बताने जा रहे हैं, जो इस प्रकार हैं :
- जन्म के समय सिजेरियन बेबी को प्राकृतिक रूप से पूरी तरह इम्यूनिटी नहीं मिल पाती है। वजायनल सीडिंग (Vaginal Seeding) से उन्हें अच्छे बैक्टीरिया के द्वारा इम्यूनिटी मिलती है।
- वजायनल सीडिंग (Vaginal Seeding) करने से बच्चा वायरस संक्रमण, हेपेटाइटिस, ग्रुप बी स्ट्रेप जैसी बीमारियों से बच जाता है।
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क्या वजायनल सीडिंग (Vaginal Seeding) से कोई नुकसान है?
हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, अच्छा और बुरा। वजायनल सीडिंग के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। मां के योनि से निकलने वाले तरल पदार्थ में संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया भी हो सकते हैं। जो बच्चे के मुंह, नाक और त्वचा पर लगाने से कई बार अनजाने में वजाइना में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया या एसटीडी (सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन) के वायरस बच्चे के शरीर में चले जाते हैं, जो बच्चे के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इसलिए इस प्रक्रिया को बहुत सावधानी के साथ करना चाहिए।
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वजायनल सीडिंग (Vaginal Seeding) के अलावा इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार है स्तनपान
आपको जानकर हैरानी होगी कि वजायनल सीडिंग के अलावा इम्यूनिटी बढ़ाने में भी स्तनपान मददगार होगा।
हाल ही में हुए शोध के अनुसार यूनाइटेड स्टेट के वैज्ञानिकों ने वजायनल सीडिंग (Vaginal Seeding) को पूरी तरह सुरक्षित नहीं बताया है। इसलिए इसे न करने की सलाह भी दी है। लेकिन, अगर आप चाहें तो अपने डॉक्टर से मिल कर वजायनल सीडिंग (Vaginal Seeding) के बारे में जानकारी ले सकती हैं। वजायनल सीडिंग (Vaginal Seeding) अगर आप नहीं कराना चाहती हैं तो अपने बच्चे को स्वस्थ स्तनपान कराएं। सिजेरियन डिलिवरी के बाद बच्चे को मां के स्तनों से निकलने वाला पहला गाढ़ा पीला दूध पिलाना चाहिए, जिसे कलॉस्ट्रम कहते हैं। कलॉस्ट्रम में बच्चे के शरीर में इम्यून सिस्टम को विकसित करने के गुण होते हैं। इसलिए वजायनल सीडिंग की जगह बच्चे को स्तनपान कराने पर जोर दें।
तो अगर आप वजायनल सीडिंग (Vaginal Seeding) का विकल्प चुनते हैं तो एक बार इसके फायदे और नुकसान दोनों के बारे में अच्छी तरह जान लेना बेहतर विकल्प है। उम्मीद है इस आर्टिकल में आपके इससे जुड़ी जरूरी जानकारियां तो मिल गई होंगी। इस आर्टिकल में हमने आपको वजायनल सीडिंग के फायदे से लेकर वजायनल सीडिंग के नुकसान भी बताए हैं। साथ ही ये भी बताया है कि इसकी जरूरत कब पड़ती है और वजायनल सीडिंग कैसे होती है। आशा करते हैं आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। लेकिन अगर आप इस विषय पर कोई और सवाल भी पूछना चाहते हैं, तो हमसे हमारे सोशल मीडिया पेज पर कमेंट कर के पूछ सकते हैं। हम आपको एक्सपर्ट की राय लेकर आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा, अगर आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया हो, तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों और महिलाओं के साथ शेयर करें, ताकि ये जरूरी जानकारी उन तक पहुंच पाए और उनके काम आए।
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