मैं रोजाना की तरह ही अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने गई थी लेकिन वो दिन कुछ अलग था मेरे लिए। जब मैंने अपनी बेटी को स्कूल के गेट के पास छोड़ा, तो देखा कि सामने ऑटिज्म से पीड़ित एक बच्ची खड़ी थी। वो बच्ची खेल नहीं रही थी, पेड़ पर किसी चीज को लगातार देखे जा रही थी। कुछ पल के लिए उसने मुझे देखा और फिर नजरे घुमा लीं। शायद उसके मन में ख्याल आया होगा कि मैं उसे भला क्यों इतने ध्यान से उसे देख रही हूं? वो क्या सोच रही थी, ये मेरे लिए जान पाना मुश्किल था लेकिन जिस तरह से आप और मैं सामने वाले व्यक्ति के असामान्य व्यवहार से कुछ विचलित हो जाते हैं, ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों को भी तो ठीक वैसा ही महसूस होता होगा? मेरे मन में ये ख्याल आया कि आखिर ऑटिज्म की बीमारी होने पर बच्चे को कैसा महसूस होता होगा जब उनसे कोई अजीब या खराब व्यवहार करें? आपने ऑटिज्म (Autism) से संबंधित खबरे जरूर पढ़ी होंगी लेकिन आज हम आपको उन भावनाओं के बारे में बताएंगे, जो ऑटिज्म से पीड़ित एक बच्चा अक्सर महसूस करता है। हम दूसरों से क्या चाहते हैं, ये हमारे लिए बताना और समझाना आसान होता है लेकिन ऑटिस्टिक बच्चे (Autistic child) के नजरिये से उन्हें क्या चाहिए या फिर वो कैसा व्यवहार चाहते हैं, इस बारे में कम ही लोग सोचते हैं।