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ऑटिस्टिक बच्चे की देखभाल (Take care of Autistic Child) में बाहरी ट्रेनिंग को करें शामिल
ऑटिस्टक बच्चों की मदद के लिए अब एनजीओ भी कई तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम चला रहे हैं। अगर आपको किसी तरह की मदद नहीं मिल पा रही हो तो अपने नजदीकी एनजीओ से संपर्क करें।
ऑटिस्टिक शिशु की देखभाल करते समय आपको कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा, इसके लिए आप धैर्य बनाए रखें और निराश न हों। क्योंकि ऑटिस्टिक बच्चे की देखभाल करते वक्त आपका संयम ही बच्चे को आम बच्चों की तरह एक सामान्य जिंदगी जीने का सहारा देगा। ऑटिस्टिक बच्चे किसी से दोस्ती नहीं कर पाते हैं, इसके लिए नीचे बताए गए टिप्स को अपनाएं और ऑटिस्टिक बच्चे से दोस्ती आसानी से करें।
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ऑटिस्टिक बच्चे की देखभाल के लिए बढ़ाएं दोस्ती का हाथ
ऑटिस्टिक बच्चों को ऐसे लोग बहुत जल्दी पसंद आते हैं जो उनकी सहायता करते हैं और उनके अलग होने के बावजूद भी उनसे बात करने की कोशिश करते हैं। दोस्ती (Friendship) का आधार केवल पसंद, अच्छा व्यवहार और आपसी समझ होता है।
जाहिर सी बात है कि ऑटिस्टिक दोस्त (Autistic friend) आपके बाकी दोस्तों से अलग ही होगा। हालांकि, वह अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेगा कि आपकी बातों को समझे, लेकिन अगर कोई गड़बड़ होती है या फिर आपके अनुसार व्यवहार नहीं हो पा रहा तो शांत रहे। गुस्सा करने के बजाय उससे शांति से बात करें और उसे अपनी बात समझाने की कोशिश करें। वह जैसा है, उसे वैसा ही अपनाने की कोशिश करें क्योंकि आपके हिसाब से बनना उसके लिए मुश्किल होगा और इससे आपके संबंध खराब हो सकते हैं।
मैसेज वाली भाषा में बात न करें, साफ शब्दों में बात करें जिससे आपका दोस्त आसानी से समझ पाए। अगर आपने कोई सवाल पूछा है तो तुरंत जवाब न मांगे उसे सोचने और समझने के लिए बाकी दोस्तों की अपेक्षा थोड़ा अधिक समय दें।
घूमना फिरना सबको पसंद होता है इसलिए अपने दोस्त के साथ फिल्म, पिकनिक आदि का प्लान बनाएं। ऑटिस्टिक बच्चे दूसरे बच्चों में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन साफ तौर पर जाहिर न कर पाने के कारण ऐसा करना मुश्किल होता है। अगर आप रोजाना उसके साथ कुछ समय बिताते हैं तो भी आपकी दोस्ती गहरी हो सकती है।
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ऑटिस्टिक चाइल्ड केयर: बच्चों में हो सकता है डर
अक्सर ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों में किसी रंग, आवाज या फिर महक को लेकर डर होता है। इस डर का ख्याल रखें और इसे लेकर उसे न चिढ़ाएं क्योंकि इससे आपकी दोस्ती टूट सकती है। अकसर ये बच्चे मैथ्स या संगीत जैसे विषयों में कुशलता रखते हैं इसलिए इन्हें कम न समझें।
ऑटिस्टिक बच्चे आम बच्चों जैसा ही व्यव्हार चाहते हैं। वह भी आपके साथ खेलना चाहते हैं, मस्ती करना चाहते हैं इसलिए उनके साथ अलग व्यवहार न करें। किसी आम दोस्त के जैसे ही उसके साथी बने और हर परेशानी में उसका साथ दें।