रोटासिल वैक्सीन (Rotasiil vaccine) के बारे में क्या आप जानते हैं? हायजीन यानी कि स्वच्छता स्वस्थ जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर हम स्वच्छता रखते हैं, तो कई बीमारियों से बच सकते हैं। हाइजीन ना होने की स्थिति में कई संक्रामक बीमारियां हमें बीमार कर सकते हैं। इन्हीं में से एक बीमारी या संक्रमण है रोटावायरस से पैदा होने वाला इंफेक्शन। रोटा वायरस इंफेक्शन सभी उम्र के लोगों को संक्रमित कर सकता है लेकिन नवजात शिशु और वयस्कों को ये अधिक संक्रमित करता है। इस वायरस के कारण बच्चों या वयस्कों को डायरिया या लूज मोशन की समस्या हो जाती है और शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
अगर समय पर इस बीमारी के लिए वैक्सीन ली जाए, तो बीमारी से बचाव किया जा सकता है। जिन लोगों ने रोटावायरस वैक्सीन नहीं ली है, उनको इस वायरस से इंफेक्शन का खतरा अधिक रहता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको ऐसी वैक्सीन के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जो आपको रोटावायरस से होने वाले इंफेक्शन से बचा सकती है। रोटासिल वैक्सीन (Rotasiil vaccine) क्या है और इसका कितना डोज लेना चाहिए. इस जानकारी के साथ ही हम आपको रोटावायरस से बचने के उपाय के बारे में भी बताएंगे। आइए जानते हैं क्या है रोटावायरस (Rotavirus)।
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रोटासिल वैक्सीन: रोटावायरस (Rotavirus) इंफेक्शन का किसको रहता है अधिक खतरा?
रोटावायरस इंफेक्शन गंदगी से फैलने वाला इंफेक्शन है। अगर सही से हाथ साफ नहीं किए जाते हैं या फिर वॉशरूम जाने के बाद हाथों को नहीं धोया जाता है, तो इंफेक्शन फैलने के अधिक चांसेस रहते हैं। अगर हाथों की सफाई की जाए और खाना सफाई से बनाया जाए, तो इस वायरस से संक्रमण होने की संभावना कम हो जाती है। अगर बच्चे को जन्म के 6 सप्ताह बाद तक रोटावायरस (Rotavirus) की वैक्सीन दी जाती है, तो इस बीमारी का खतरा कम हो जाता है। यह वायरस शरीर में जाने के बाद करीब एक से दो दिन के अंतराल में ही लक्षण पैदा करने लगता है। ऐसे में बच्चों को डायरिया (Diarrhea), शरीर में तेजी से पानी की कमी होना, वॉटरी लूज मोशन की समस्या, थकान और कमजोरी आदि समस्याएं होने लगती हैं। अगर बच्चे का समय पर इलाज न कराया जाए, तो स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है। शरीर में तेजी से पानी की कमी होने के चलते भी डिहायड्रेशन (Dehydration) का खतरा बढ़ जाता है। रोटावायरस इंफेक्शन के कारण दिख सकते हैं ये लक्षण-
- सुस्ती छाना।
- चिड़चिड़ापन (Irritability)
- प्यास अधिक लगना (Excessive thirst)।
- त्वचा में कम लचीलापन।
- आंखें गहरी धंसी हुई दिखाई देना।
- यूरिन (Urine) कम होना।
- मुंह सूखा लगना।
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रोटासिल वैक्सीन (Rotasiil vaccine) क्या है?
रोटासिल वैक्सीन (Rotasiil vaccine) एक्टिव इम्यूनाइजेन है। ये रोटावायरस के कारण पैदा हुई गैस्ट्रोएंटराइटिस (Gastroenteritis) की समस्या को दूर करने का काम करता है। रोटासिल वैक्सीन (Rotasiil vaccine) को शिशु के जन्म के 6 सप्ताह के बाद दिया जा सकता है। इस डोज को एक साल के अंदर ही पूरा करना होता है। रोटासिल वैक्सीन (Rotasiil vaccine) देने के बाद बच्चे को डायरिया की समस्या से बचाया जा सकता है, जो वायरस के कारण फैलती है।
रोटासिल वैक्सीन (Rotasiil vaccine) की डोज
इस वैक्सीन की तीन डोज तक बच्चों को दी जाती है। 1 साल के अंदर बच्चे को तीनों डोज देनी चाहिए। चार से छह सप्ताह के बीच में नवजात शिशु को डोज देना शुरू कर दिया जा सकता है। रोटासिल वैक्सीन (Rotasiil vaccine) की एक डोज के बाद बच्चों को तीनों डोज निश्चित समय अंतराल के बाद दिलानी चाहिए। डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद वैक्सीन का इस्तेमाल करना चाहिए। ये एक ओरल वैक्सीन है, जो आसानी से ली जा सकती है। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। वैक्सीन लेने के बाद बच्चों में कुछ दुष्प्रभाव भी नजर आ सकते हैं। जानिए वैक्सीन लेने के बाद क्या साइड इफेक्ट दिख सकते हैं।
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रोटासिल वैक्सीन (Rotasiil vaccine) के साइड इफेक्ट्स
रोटासिल वैक्सीन (Rotasiil vaccine) को लेने के बाद बच्चे को साइड इफेक्ट्स या दुष्प्रभाव दिखाई दें, यह जरूरी नहीं है। इस वैक्सीन को लेने के बाद कुछ दुष्प्रभाव भी दिख सकते हैं। जैसे कि बच्चे को बुखार आना (Fever), भूख ना लगना (loss of appetite), खांसी आना, उल्टी आना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपके बच्चे को वैक्सीन लेने के बाद यह लक्षण नजर आ रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर लक्षण हल्के हैं, तो यह कुछ दिनों बाद अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। ऐसे में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप वैक्सीन लगवाने से पहले वैक्सीन के दुष्प्रभाव के बारे में डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं ताकि डॉक्टर आपको समस्या होने पर दवाओं के बारे में सलाह दे सकें।
क्या प्रेग्नेंसी या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ली जा सकती है रोटावायरस के लिए वैक्सीन?
प्रेग्नेंसी के दौरान के वैक्सीन का सेवन करना चाहिए या नहीं, इस बारे में अभी कोई जानकारी मौजूद नहीं है। आप प्रेग्नेंट हैं या फिर स्तनपान करा रही हैं, तो बेहतर होगा कि डॉक्टरों को इस बारे में जानकारी दें और फिर वैक्सीन लें।
किडनी या लिवर पेशेंट के लिए क्या सुरक्षित है रोटासिल वैक्सीन (Rotasiil vaccine) ?
किडनी के पेशेंट या फिर लिवर के पेशेंट के लिए रोटासिल वैक्सीन (Rotasiil vaccine) को लगवाना सुरक्षित माना जाता है। अगर आप इस वैक्सीन को लगवाना चाहते हैं और आप साथ ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, तो बेहतर होगा इस बारे में डॉक्टर को जानकारी दें। हो सकता है कि कुछ बीमारियों में डॉक्टर रोटावायरस वैक्सीन को लेने की सलाह ना दें।
रोटासिल वैक्सीन (Rotasiil vaccine) लेने के साथ ही इन बातों का रखें ध्यान!
अगर किसी कारण से बेबी को जन्म के 6 सप्ताह बाद ये वैक्सीन नहीं लग पाती है, तो आपको डॉक्टर से इस बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। बच्चे के जन्म के 6 सप्ताह बाद इस वैक्सीन के पहले डोज को दिया जाता है। वहीं इसकी दूसरी डोज को पहली डोज के 4 सप्ताह बाद दिया जाता है। डॉक्टर से जानकारी प्राप्त करें कि कब तीसरी डोज देनी चाहिए। अगर वैक्सीन देने के बाद बच्चे में कुछ गंभीर लक्षण अगर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए और जरूरी दवाई देनी चाहिए। बच्चे को किसी प्रकार की एलर्जी है, तो वैक्सीन दिलवाने के पहले इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। वैक्सीन लेने के साथ ही अपने आस-पास साफ-सफाई का ध्यान अवश्य रखें। गंदगी के कारण कई बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता है। इस आर्टिकल में हमने आपको रोटासिल वैक्सीन (Rotasiil vaccine) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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