बच्चे अक्सर अपना सिर कहीं टकरा लेते हैं, और यह बताना मुश्किल हो सकता है कि कोई चोट गंभीर है या नहीं। सिर पर किसी भी तरह की चोट को हेड इंजरी माना जाता है। कई सिर की चोटें हल्की होती हैं, और इसके परिणामस्वरूप एक छोटी सी गांठ या चोट लग जाती है। सिर की हल्की चोटों का इलाज घर पर ही किया जा सकता है, लेकिन अगर आपके बच्चे के सिर पर चोट लगते ही वह होश खो दे, तो उन्हें डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है। यह छोटे बच्चों में कंकशन (Concussion in children) का एक लक्षण हो सकता है। कंकशन एक तरह ही हेड इंजरी है। इससे दिमाग में कैमिकल चेंजेस होते हैं और कभी-कभी मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान भी पहुंचता है। इसलिए, छोटे बच्चों में कंकशन (Concussion) के लक्षण और इलाज को समझना एक पेरेंट्स के लिए बहुत ही जरूरी है। इस आर्टिकल में बच्चों में होने वाले कंकशन के बारे में विस्तार से बताया गया है।
कंकशन (Concussion) में क्या होता है?
स्कल (Skull) ब्रेन को चोट से बचाने में मदद करती है। रीढ़ की हड्डी का द्रव (Spinal fluid) ब्रेन को स्कल के अंदर कुशन करता है। सिर पर एक झटका या आघात सीधे मस्तिष्क को इंजर्ड कर सकता है या मस्तिष्क को इधर-उधर घुमा सकता है और स्कल की कठोर हड्डी से टकरा सकता है। यह स्थिति नर्व्स के बीच सिग्नल्स को बदल देता है, जो कंकशन के लक्षणों का कारण बनता है।
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छोटे बच्चों में कंकशन के लक्षण क्या हैं? (Concussion symptoms in children)
कंकशन किसी को भी हो सकता है। कंकशन के लक्षणों में शामिल हैं:
- सिर दर्द
- धुंधला या डबल दिखाई देना
- चक्कर आना, बैलेंस की समस्या, या चलने में परेशानी
- भ्रम और ऐसी बातें कहना जिनका कोई मतलब नहीं है
- सवालों के जवाब धीमे देना
- नौसिया या वॉमिटिंग
- क्या हुआ यह याद न रहना
- तबियत ठीक न होना
छोटे बच्चों में कंकशन के लक्षण आमतौर पर तुरंत दिखाई देते हैं, लेकिन ये चोट के घंटों या कई दिनों के बाद भी दिखाई दे सकते हैं। टीन्स में कंकशन के लक्षण हो सकते हैं:
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होना
- लर्निंग या मेमोरी की समस्या होना
- सिर दर्द की स्थिति का खराब होते जाना
- नींद की समस्या
- उदास, आसानी से परेशान या गुस्सा होना, या नर्वस महसूस करना
छोटे बच्चों में कंकशन का क्या कारण है? (Concussion Causes in children)
बच्चों को सिर, गर्दन, चेहरे या शरीर पर किसी भी तरह की जोरदार चोट के कारण कंकशन हो सकता है। यह आमतौर पर तब होता है जब उन्हें सिर में मारा जाता है। यह तब भी हो सकता है जब किसी एथलीट को फेसमास्क या चेस्ट पर मारा जाता है, जिससे सिर आगे या पीछे की ओर झुक जाता है।
छोटे बच्चों में कंकशन के कुछ सबसे आम कारणों में शामिल हैं:
- गिरना (Falls)
- स्पोर्ट्स इंजरीज (Sports injuries)
- मोटर वाहन दुर्घटनाएं (Motor vehicle accidents)
- किसी वस्तु या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा हेड हिट करना
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छोटे बच्चों में कंकशन (Concussion in children) का निदान कैसे किया जाता है?
- कंकशन को डायग्नोस करने के लिए, डॉक्टर सिर में चोट कैसे और कब लगी और लक्षणों के बारे में पूछ सकता है।
- मेमोरी और कंसंट्रेशन का टेस्ट कर सकता है।
- एक फिजिकल टेस्ट में बैलेंस, को-ऑर्डिनेशन और सजगता (Reflexes) की जांच की जा सकती है।
कैट स्कैन (CAT scan) या एमआरआई (MRI) में कंकशन के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इसलिए, हो सकता है कि डॉक्टर माइल्ड कंकशन के लिए ब्रेन स्कैन की सलाह न दें। अन्य समस्याओं का पता लगाने के लिए कैट स्कैन या एमआरआई किया जा सकता है यदि:
- किसी को सिर के बल पटका गया हो
- लगातार उल्टी हो रही हो
- एक सीवियर हैडेक या सिर दर्द जो बदतर हो जाता है
- सीरियस एक्सीडेंट हुआ है, जैसे कार दुर्घटना या बहुत ऊंचाई से गिरना
छोटे बच्चों में कंकशन का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Concussion)
कंकशन के लक्षण माइल्ड, मॉडरेट और सीवियर हेड इंजरी के अनुसार हर किसी में अलग-अलग हो सकते हैं। इस कारण से, छोटे बच्चों में कंकशन का ट्रीटमेंट बच्चे की विशेष स्थिति पर निर्भर करता है। यदि कोई चोट इतनी गंभीर नहीं है कि अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है, तो डॉक्टर होम केयर के बारे में निर्देश देगा। इसमें चोट के बाद पहले 24 से 72 घंटों तक बच्चे की कड़ी मॉनिटरिंग की जाती है।
यदि किसी बच्चे को सिर दर्द होता है जो बदतर हो रहा है, बच्चा बहुत जल्दी कंफ्यूज हो जाता है, या अन्य लक्षण (जैसे लगातार उल्टी) दिखाई देते हैं, तो इसका मतलब है कि एक और समस्या गंभीर है। ऐसे में डॉक्टर को तुरंत दिखाएं।
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बच्चे की होम केयर में शामिल है:
फिजिकल रेस्ट: जब तक बच्चा पूरी तरह से ठीक न हो जाए तब तक उसे स्पोर्ट्स और फिजिकल एक्टिविटीज न करने दें। बच्चे को केवल दिन-प्रतिदिन की बेसिक एक्टिविटीज ही करनी चाहिए। इससे ब्रेन पर स्ट्रेस कम होता है और गिरने या अन्य दुर्घटना से सिर के फिर से इंजर्ड होने की संभावना कम हो जाती है।
मेंटल रेस्ट: इसका मतलब है किसी भी कोग्निटिव (Thinking) एक्टिविटी से बचना जो लक्षणों को बदतर बना सकती है, जैसे कि कंप्यूटर, सेलफोन, या अन्य उपकरण का उपयोग करना; स्कूल का काम करना; स्टडी; और टीवी देखना या वीडियो गेम खेलना। यदि ये “ब्रेन’ एक्टिविटीज लक्षणों को बदतर नहीं बनाती हैं, तो बच्चे उन्हें धीरे-धीरे फिर से शुरू कर सकते हैं, लेकिन लक्षण वापस आने पर तुरंत बंद कर देना चाहिए।
छोटे बच्चों में कंकशन होने पर उन्हें तेज रोशनी और तेज आवाज से बचना चाहिए क्योंकि इससे लक्षण और खराब हो सकते हैं। टीन्स को ड्राइव नहीं करना चाहिए, हैवी मशीनरी ऑपरेट नहीं करना चाहिए, या कोई अन्य गतिविधि नहीं करनी चाहिए जिसके लिए क्विक डिसीजन और रिएक्शंस की जरूरत होती है।
हेल्दी किड्स आमतौर पर कुछ हफ्तों के भीतर अपनी सामान्य एक्टिविटीज में वापस जा सकते हैं, लेकिन प्रत्येक की स्थिति अलग होती है। डॉक्टर यह सुनिश्चित करने के लिए आपके बच्चे की बारीकी से मॉनिटर करेंगे और सिर दर्द के लिए दवाओं की सलाह भी दे सकते हैं।
कंकशन के बाद टीन्स कब स्पोर्ट्स फिर से जॉइन कर सकते हैं?
स्टूडेंट एथलीट्स को तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक कि उनके हेल्थ केयर प्रोवाइडर सलाह न दें। इसका मतलब है कि बच्चे में कंकशन का लक्षण नहीं है इस बात की पुष्टि के लिए वे बच्चे का फिजिकल चेकअप कर सकते हैं। वह यह भी सुनिश्चित करेंगे कि बच्चा अब कंकशन के लिए किसी भी तरह की मेडिसिन्स नहीं ले रहा है। स्पोर्ट्स या अन्य फिजिकल एक्टिविटीज के लिए जल्दी करना टीन्स को सेकंड-इम्पैक्ट सिंड्रोम के रिस्क में डाल सकता है। यह तब होता है जब कंकशन के ठीक होने से पहले ही एक और चोट लग जाती है। हालांकि यह बहुत रेयर है, लेकिन सेकंड-इम्पैक्ट सिंड्रोम परमानेंट ब्रेन डैमेज और यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकता है।
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ध्यान दें
यदि किसी को पहले एक कंकशन हो चुका है तो ऐसे लोगों में फिर से कंकशन होने की अधिक संभावना होती है। इसलिए सिर में चोट लगने के बाद कंकशन को रोकना बहुत जरूरी है। एक और कंकशन से बचाव के लिए:
- सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा स्कीइंग (Skiing), स्नोबोर्डिंग (Snowboarding), बाइकिंग, स्केटबोर्डिंग (Skateboarding) या रोलरब्लाडिंग (Rollerblading) के लिए हेलमेट पहनता है। हालांकि, हेलमेट पहनने के बाद भी कंकशन हो सकता है, लेकिन हेलमेट स्कल फ्रैक्चर और मस्तिष्क की गंभीर चोट से बचा सकता है।
- जिन बच्चों को एक और हेड इंजरी हो जाती है, उन्हें कभी भी लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्हें उस खेल या एक्टिविटी को तुरंत रोककर मेडिकल केयर लेनी चाहिए।
छोटे बच्चों में कंकशन सीरियस इंजरीज हैं जो और भी गंभीर हो सकती हैं यदि बच्चों को उन्हें पूरी तरह से ठीक करने के लिए समय और आराम न दिया जाए। सेफ्टी प्रीकॉशन्स से कंकशन को रोकने में मदद मिल सकती है, और यदि कंकशन होता है तो डॉक्टर की सलाह से उसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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