अगर किसी लड़की को कम उम्र में पीरियड्स आने शुरू होते हैं, तो यह आमतौर पर इसलिए हो सकता है क्योंकि उसके शरीर में यौवन के लिए जिम्मेदार हार्मोन का उत्पादन पहले से ही शुरू हो गया होगा। ज्यादातर मामलों में, इस बात का कोई पुष्टि नहीं की गई है कि लड़कियों में ऐसा किस वजह से हो सकता है। हालांकि, शरीर ने इन हार्मोनों का उत्पादन जल्दी शुरू होने के पीछे लड़की के शरीर का वजन, आनुवंशिकता और उसकी लाइफस्टाइल भी काफी हद तक जिम्मेदार हो सकती है। अगर किसी लड़की में 8 साल की उम्र से पहले या 9 साल की उम्र से पहले ब्रेस्ट का विकास होना शुरू हो जाता है, तो यह उसके कम उम्र में पीरियड्स आने के पहले लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थितियों में डॉक्टर से परामर्श कराना जरूरी होता है।
इसके अलावा, ऐसी स्थितियों के ज्यादातर मामलों में पाया गया है कि लड़की की पिट्यूटरी ग्रंथि जल्दी सक्रिय हो जाती है, जिसके कारण उसके शरीर में हार्मोनल असंतुलन और खराब शारीरिक गतिविधियों के कारण पीयर प्रेशर अधिक बढ़ता है, जो कम उम्र में पीरियड्स होने के प्रमुख कारण हो सकते हैं।
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कम उम्र में पीरियड्स आने के कारण होने वाली समस्याएं क्या हो सकती हैं?
कम उम्र में पीरियड्स आने के कारण एक लड़की को कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती है, जिसका प्रभाव उसके परिवार के साथ-साथ उसके भविष्य पर भी पड़ सकता है।
दोस्तों के सामने शर्मिंदा महसूस करना
सामान्य तौर पर देखा जाए तो एक क्लास में लगभग एक ही उम्र या उसी उम्र के आस-पास के बच्चे हो सकते हैं। ज्यादातर स्कूल बोर्ड्स बच्चों को 8वीं के बाद से बॉयलोजी के सब्जेक्ट पढ़ाने शुरू करते हैं। इसके अलावा भारतीय परिवारों की बात करें, तो ऐसे बहुत ही कम माता-पिता है जो अपने बच्चों से पीरियड्स जैसे विषय के बारे में आमने-सामने से चर्चा करते होंगे। ऐसे में अगर लड़की को छोटी उम्र में ही पीरियड्स आने शुरू हो जाते हैं, तो यह उसके लिए एक बड़ी मानसिक स्थिति हो सकती है। जिसके बारे में न ही वो अपने दोस्तों से खुलकर चर्चा कर सकती है और न ही अपने परिवार में। क्योंकि उसे इस तरह की स्थिति शर्मिंदगी भरी महसूस हो सकती है।
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टाइप-2 डायबिटीज का खतरा
मुंबई के जेबी नगर में स्त्री विशेषज्ञ क्लीनिक की डॉक्टर और स्त्री विशेषज्ञ डॉक्टर मोनिका अग्रवाल के मुताबिक, “बहुत छोटे उम्र में ही पीरियड्स आने के कारण लड़कियों को टाइप-2 डायबिटीज का खतरा भी हो सकता है।’ चीन में 15,000 से ज्यादा महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं के पीरियड्स कम उम्र में शुरू हो गए थे, उनमें से अधिकतर महिलाएं टाइप-2 डायबिटीज की समस्या से परेशान हैं। हालांकि बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) इससे बचा सकता है। मेनोपॉज जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, पीरियड्स आने में हो रही हर साल की देरी, टाइप-2 डायबीटीज के जोखिम को लगभग छह फीसदी तक कम कर देता है। नार्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसायटी (एनएएमएस) के मेडिकल डॉयरेक्टर स्टेफनी फ्यूबियन का कहना है कि, अगर किसी लड़की के पीरियड्स कम उम्र में शुरू हो तो हैं, तो भविष्या में उसे टाइप-2 डायबीटीज होने का खतरा अधिक हो सकता है।