विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के मुताबिक दुनिया भर में 30 फीसदी से अधिक बच्चों में पिनवॉर्म की समस्या देखी जाती है। ये छोटे और सफेद रंग के होते है, जो दिखने में धागे जैसे दिखाई देते हैं। बच्चों में पिनवॉर्म की समस्या काफी आम होती है। खासकर नवजात शिशुओं और पांच से दस साल की उम्र के बच्चों में। हालांकि, अगर समय रहते बच्चों में पिनवॉर्म के लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए, तो यह गंभीर स्थिति भी बन सकती है।