पोलियो वायरस जानलेवा वायरस है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल जाता है। यह वायरस इन्फेक्टेड व्यक्ति के गले और आंतों में रहता है। पोलियोवायरस शरीर के अंदर माउथ यानी कि मुंह के माध्यम से जाता है खांसी या छींक के माध्यम से यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंच जाता है। संक्रमित हाथों को मुँह पर लगाने से संक्रमण आसानी से फैल सकता है। अगर बच्चों को समय पर वैक्सीन लगा दी जाए, तो पोलियो वायरस से बचा जा सकता है। पोलियोवैक वैक्सीन (Poliovac vaccine) पोलियो वायरस के संक्रमण से बचाने का काम करता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको पोलियोवैक वैक्सीन (Poliovac vaccine) के डोज के साथ ही उससे संबंधित अधिक जानकारी देंगे।
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पोलियोवैक वैक्सीन से पहले जानिए पोलियो (Polio) के बारे में
पोलियोमाइलाइटिस (Poliomyelitis), जिसे आमतौर पर पोलियो कहा जाता है, पोलियो वायरस (Polio virus) के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है। लगभग 0.5 प्रतिशत मामलों में, यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम (Central nervous system) को प्रभावित करने के लिए आंत से होते हुए मसल्स (Muscles) को कमजोर करने का काम करता है। ये ब्रेन के साथ ही स्पाइनल कॉर्ड को प्रभावित करता है और पैरालिसिस (Paralysis) का कारण बनता है। पोलियो को वैक्सीन से रोका जा सकता है। इंएक्टिव पोलियो वैक्सीन (आईपीवी) की मदद से ये संक्रामक रोग रोका जा सकता है। सीडीसी (CDC) ये सिफारिश करता है कि बच्चों को पोलियो के टीके की चार खुराकें देनी चाहिए।
- 2 महीने में
- 4 महीने में
- 6 से 18 महीने की उम्र में
- 4 से 6 साल की उम्र में
अगर बच्चे की कोई खुराक छूट जाए, तो डॉक्टर से जानकारी लेने के बाद बच्चों को जरूरी डोज दी जाती हैं। जिन बच्चों को पोलियो की सभी डोज दी जाती हैं, वो बच्चे पोलियो के संक्रमण से सुरक्षित रहते हैं।
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नॉनपैरालिटिक पोलियो (Nonparalytic polio)
कुछ लोगों में पोलियो वायरस के कॉन्टेक्ट में आने से नॉनपैरालिटिक पोलियो (Nonparalytic polio) के लक्षण पैदा हो जाते हैं। इस पोलियो के कारण पैरालिसिस की समस्या नहीं होती है। ऐसे में हल्के फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं। नॉनपैरालिटिक पोलियो के कारण फीवर, गले में खराश, सिरदर्द, उल्टी का एहसास, बैक पेन, नैक पेन, मसल्स में कमजोरी का एहसास आदि लक्षण नजर आते हैं।
पैरालिटिक सिंड्रोम (Paralytic syndrome)
ये डिजीज का रेयर या गंभीर रूप है। लकवाग्रस्त पोलियो के शुरुआती लक्षण जैसे बुखार और सिरदर्द, अक्सर नॉन पैरालिटिक पोलियो की तरह ही दिखते हैं। कुछ अन्य लक्षण जैसे कि रिफ्लेक्स का लॉस (Loss of reflexes), मसल्स में दर्द,फ्लेसीड पैरालिसिस (flaccid paralysis) आदि लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
बच्चों में पोलियो के लक्षण (Symptoms of Polio Virus)
जिन बच्चों को नॉन पैरालाइटिक पोलियो (Non paralytic polio) की समस्या होती है, उनमें लकवे की समस्या नहीं होती है। वहीं पैरालाइटिक पोलियो में पैरालिसिस की समस्या हो सकती है। जानिए पोलियो का संक्रमण होने पर क्या लक्षण दिख सकते हैं।
- बुखार आना (Fever)
- सिरदर्द होना (Headache)
- उल्टी आना
- थकान का एहसास (Fatigue)
- बैक पेन (Back pain)
- गर्दन में अकड़न
- हाथ या पैरों में अकड़न
- मसल्स वीकनेस या मसल्स पेन
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पोलियोवैक वैक्सीन (Poliovac vaccine) क्या है?
पोलियोवैक वैक्सीन (Poliovac vaccine) एक प्रिस्क्रिप्शन मेडिसिन है। इस वैक्सीन में पोलियो से बचाने के लिए तीन वैक्सीन के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया जाता है। जब इस वैक्सीन को दिया जाता है, तो इम्यून सिस्टम पोलियो वायरस के खिलाफ काम करने के लिए तैयार हो जाता है। पोलियो का वायरस किसी भी उम्र के व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है, इसलिए इससे बचना है, तो वैक्सिनेशन (Vaccination) कराना बहुत जरूरी हो जाता है। पोलियोवैक वैक्सीन (Poliovac vaccine) हेल्थकेयर प्रोवाइडर की ओर से दी जाने वाली वैक्सीन है। ये वैक्सीन बचपन में दी जाती है। तय डोज की मात्रा लगवाने से बच्चे को पोलियो वायरस के खिलाफ सुरक्षित किया जा सकता है। पोलियोवैक वैक्सीन (Poliovac vaccine) को बच्चों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है। वैक्सीन लेने के बाद कुछ बच्चों में दुष्प्रभाव भी दिख सकते हैं, जो आमतौर पर अपने आप ही कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं।
पोलियोवैक वैक्सीन की डोज (Poliovac vaccine Dose)
पोलियोवैक वैक्सीन (Poliovac vaccine) इंफेंट्स, चिल्ड्रन और एडल्ट्स को दी जाने वाली वैक्सीन है। ये वैक्सीन पोलियो वायरस टाइप 1,2 और 3 (Poliovirus Types 1, 2 and 3) से बचाव करती है। ये वैक्सीन इंट्रामस्क्युलर (Intramuscular) या सबक्युटेनियस इंजेक्शन के रूप में दी जाती है। आईवी 6-10-14 सप्ताह की उम्र में और 15-18 महीने की उम्र में बूस्टर डोज के रूप में दी जाती है। आप डॉक्टर से जानकारी लें कि बच्चों को ये डोज कब लगवानी है और तय समय के मुताबिक बच्चों को पोलियोवैक वैक्सीन (Poliovac vaccine) की डोज जरूर दिलवाएं।
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पोलियोवैक वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स (Poliovac Vaccine Side Effects)
पोलियोवैक वैक्सीन (Poliovac vaccine) लगवाने के बाद कुछ खास साइड इफेक्ट्स दिखाई नहीं पड़ते हैं लेकिन कुछ बच्चों को बुखार और इंजेक्शन वाले स्थान में सूजन की समस्या हो सकती है। सूजन वाले स्थान में लालिमा एक से दो दिन तक रहती है, जो अपने आप ठीक हो जाती है। बच्चे को वैक्सिनेशन के बाद दर्द और सूजन से छुटकारे के लिए बर्फ या कूल पैक की सहायता ली जा सकती है। इस इंजेक्शन वाले स्थान में राहत मिलती है। आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगर बच्चे की तबियत ठीक नहीं लग रही है, तो आप डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
पोलियोवैक वैक्सीन लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान!
जैसा कि आपको पहले भी बताया कि पोलियो वैक्सीन (Poliovac vaccine) नवजात शिशु, बच्चे और एडल्ट्स (Adults) ले सकते हैं। अगर आप भी ये पोलियो वैक्सीन (Polio vaccine) लेने जा रहे हैं, तो डॉक्टर से उन बीमारियों या फिर संबंधित दवाइयों के बारे में चर्चा कर सकते हैं, जो आप लंबे समय से ले रहे हैं। अगर आपको किसी प्रकार के एलर्जी है, तो इस बारे में भी डॉक्टर को जानकारी जरूर दें। ऐसा करने से आप बड़ी मुसीबत से बच सकते हैं। लिवर डिजीज (Liver disease) या किडनी डिजीज (Kidney disease) के पेशेंट्स को इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
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पोलियो से छुटकारे के लिए अलग-अलग फार्मा कंपनी पोलियो की वैक्सीन (Polio) का निर्माण करती हैं। डॉक्टर ने आपके बच्चे के लिए जिस वैक्सीन को लेने की सलाह दी है, आप उस वैक्सीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। पोलियो वायरस से बचने के लिए समय पर पोलियो वैक्सीन (Polio vaccine) लगवाना बहुत जरूरी है। अगर एडल्ट्स वैक्सीन को लगवाने जा रहे हैं, तो डॉक्टर से डोज से संबंधित जानकारी जरूर लें।
इस आर्टिकल में हमने आपको पोलियोवैक वैक्सीन (Poliovac vaccine) के बारे में बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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