मन में बच्चे का विचार आते ही गोलू-मोलू गाल (Chubby cheeks) वाला चेहरा सामने आता है, जिसे गाल फूले हुए से होते हैं। हमारे समाज में गोल-मटोल छवि वाले बच्चे को स्वस्थ्य समझा जाता है। अगर बच्चा पतला पैदा हुआ है, तो घर वालों की चिंता सांतवे आसमान में पहुंच जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्किनी बच्चे को पेरेंट्स या फैमिली वाले बीमार समझते हैं या फिर ये भी माना जाता है कि बच्चा हद से ज्यादा कमजोर है। हम आपको बताना चाहेंगे कि हर स्किनी बच्चा (Skinny baby) कमजोर नहीं होता है। स्किनी बच्चे को लेकर लोगों के मन में एक नहीं बल्कि बहुत से सवाल होते हैं। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको स्किनी बेबी (Skinny baby) के बारे में अहम जानकारी देंगे और साथ ही स्किनी बेबी (Skinny baby) किस कारण से पैदा होते हैं, इसके बारे में भी बताएंगे।
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स्किनी बेबी (Skinny baby) से क्या मतलब है?
बच्चे का जन्म होता है, तो उसका वजन 3.4 केजी या उससे कुछ कम हो सकता है। पांच महीने बाद वजन बढ़कर चार किलो हो जाता है। ढाई माह तक बच्चे का वजन पांच किलो तक हो जाता है। जन्म लेने वाले लगभग 50 प्रतिशत बच्चों का वजन ये हो सकता है। मतलब जरूरी नहीं है कि सभी बच्चों का वजन जन्म के समय एक जैसा हो। जिस बच्चे का वजन जन्म के समय 2.26 किलो से कम होता है, उसे अंडरवेट कहा जा सकता है। ऐसा समय से पहले जन्म के कारण भी हो सकता है। अगर आपको बच्चों के वजन को लेकर कई सारे प्रश्न हो, तो आप डब्लू एच ओ ग्रोथ चार्ट (Growth chart) की मदद ले सकती हैं, जिसमे जन्म से लेकर दो साल तक के बच्चे के वजन के बारे में जानकारी दी होती है। अगर आपको अपना बच्चा पतला या स्किनी लग रहा है लेकिन डॉक्टर के हिसाब से उसका वजन ठीक है, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप बच्चे के खानपान का पूरा ख्याल रखें और साथ ही डॉक्टर की सलाह भी मानें। स्किनी बेबी (Skinny baby पैदा होने के एक नहीं बल्कि कई कारण हो सकते हैं। हम आपको यहां कुछ कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं।
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स्किनी बेबी होने कारण क्या हैं? (Reasons for having a skinny baby)
चूंकि अब तक आपके घर के सदस्यों ने, आपके रिश्तेदारों ने और यहां तक कि आपकी मम्मी भी कह चुकी हो कि बच्चा पतला या स्किनी है, तो ऐसे में आपकी समस्या बढ़ तो जाएगी ही। जां हां! ये बिल्कुल सच है कि कुछ बच्चे अन्य बच्चों की अपेक्षा पतले होते हैं। ऐसे बच्चों को स्किनी बेबी (Skinny baby) कहते हैं। स्किनी बेबी (Skinny baby) होने के एक नहीं बल्कि बहुत से कारण हो सकते हैं। अगर आपने डॉक्टर से जांच कराया है और डॉक्टर ने आपको बताया है कि बच्चा अंडरवेट नहीं है, तो बच्चे के स्किनी होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं।
कहीं जन्म के समय कम तो नहीं था बेबी का वेट?
अगर आपके बेबी का वजन जन्म के समय कम था, तो स्किनी बेबी (Skinny baby) की संभावना बढ़ जाती है। प्रीमैच्योर डिलिवरी (Premature delivery) में भी बेबी का वेट कम होने की संभावना रहती है। एक बात का ध्यान रखें कि अगर बेबी का वजन (Baby weight) जन्म के समय कम था, तो जरूरी नहीं है कि वो हमेशा कम वेट वाला बच्चा ही रहेगा। ग्रोथ के साथ ही बच्चे के वजन में परिवर्तन भी होता रहता है। अगर जन्म के समय आपके बच्चे का वजन कम था और दो से तीन साल बाद भी वजन कम ही है, तो आपको डॉक्टर से इस बारे में जानकारी जरूर लेनी चाहिए।
अनुवांशिक कारण भी हो सकते हैं शामिल
अगर आपके बच्चे का वजन कम है या फिर बच्चा स्किनी है, तो ये अनुवांशिक कारणों (Genetic causes) से भी जुड़ा हो सकता है। बच्चे का साइज पेरेंट्स के जीन पर निर्भर करता है। अगर आपके घर में या फिर बच्चे के पेरेंट्स बहुत पतले हैं, तो संभव है कि पैदा होने वाला बच्चा भी स्किनी होगा। अगर बच्चे का वजन बढ़ नहीं रहा है, तो डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए। कई बार सही से फीडिंग न कर पाने के कारण भी बच्चे का वजन नहीं बढ़ पाता है।
बॉटल फीड या ब्रेस्टफीडिंग का भी हो सकता है वजन से संबंध
अगर आपका बच्चा फॉर्मुला मिल्क (Formula milk) पीता है, तो संभावना रहती है कि बच्चे का वजन कुछ ज्यादा होगा। ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चे का वजन बॉटल मिल्क पीने वाले बच्चों की अपेक्षा कम होता है। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि आप बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए उसे बॉटल फीड शुरू करा दें। अगर डॉक्टर ने जांच के बाद बोला हो कि बच्चा एकदम फिट है, तो आपको परेशान होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है।
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तो क्या स्किनी बेबी (Skinny baby) को लेकर नहीं करनी चाहिए चिंता?
अगर आपका छह माह का बेबी एक दिन में दो या तीन डायपर (Diaper) ही गीले कर रहा है, तो उससे प्रॉपर फीड नहीं मिल पा रही है। इस कारण से उसका वजन कम हो सकता है। आपको बेबी की फीड पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे में आपको डॉक्टर से भी जानकारी लेनी चाहिए। अगर बच्चा ठीक से खा नहीं रहा है, तो उसके पीछे कई कारण भी शामिल हो सकते हैं। पहले उन कारणों को पहचानने की कोशिश करें। अगर बच्चा दूध पीने से इंकार करने लगे, तो ये चिंता का विषय हो सकता है। स्किनी बेबी (Skinny baby) को लेकर आपको तब परेशान होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है, जब बच्चा फीड भी प्रॉपर कर रहा हो और साथ ही उसका वजन भी बढ़ रहा हो।
बच्चे की ग्रोथ पेरेंट्स के लिए अहम होती है और किसी प्रकार की समस्या आने पर माता-पिता की परेशानी भी बढ़ जाती है। आपको स्किनी बेबी (Skinny baby) के लिए किसी तरह का उपाय करने की जरूरत नहीं है। किसी अन्य की सलाह माने बिना डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता है। इस आर्टिकल में हमने आपको स्किनी बेबी (Skinny baby) या स्किनी बच्चा के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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