किचन में भी सुरक्षा के इंतजाम करें ग्रैंडपेरेंट्स
किचन में ऐसी कई चीजें होती है जिससे बच्चा जख्मी हो सकता है। पहली बात तो बच्चे को किचन से दूर रखें। अगर बच्चा किचन में आ भी जाएं तो आप उसकी सुरक्षा के लिए पहले से कमर कसे रहें।
- किचन में मौजूद सभी धारदार चीजें बच्चे की पहुंच से दूर रख दें।
- अगर किचन में किसी तरह का फ्लोर क्लीनर या कैमिकल रखा है, तो उसे हटा दें।
- किचन में कॉफी मेकर और टोस्टर के प्लग को इलेक्ट्रिक बोर्ड से निकाल दें। इससे कोई भी अनचाहा हादसा हो सकता है।
- बच्चे को खाना देते समय विशेष ध्यान रखें। खास कर तब जब खाना माइक्रोवेव में पका हो। क्योंकि, माइक्रोवेव में पका खाना बाहर से ठंडा हो जाता है, लेकिन अंदर से काफी गर्म होता है। इसलिए बच्चे को जब भी कुछ खाने को दें तो आप भी उसके साथ बैठें।
- अगर आप गैस स्टोव पर कुछ पका रहे हैं तो उसकी हैंडल हमेशा पीछे की तरफ कर के रखें। ताकि, बच्चा कभी भी गलती से भी ना हैंडल तक पहुंच पाए।
बाथरूम में भी है कई खतरें
- बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखें। अगर बच्चे को वॉशरूम जाना है, तो साथ में जाएं।
- बाथटब या बाल्टी में पानी कत्तई ना भर कर रखें। बच्चा उसमें गिर सकता है।
- बाथरूम क्लीनर और एयर फ्रेशनर को हमेशा बच्चे की पहुंच से दूर रखें।
बच्चे को खिलौने देते वक्त ग्रैंडपेरेंट्स बरतें ये सावधानियां

- बच्चे को बहलाने के लिए खिलौना एक अच्छा विकल्प है। लेकिन, कभी भी बच्चे को ऐसा खिलौना न दें जिससे उसे नुकसान पहुंचे।
- बच्चे को छोटे पार्ट के खिलौनों को देने से बचें। इसलिए खिलौने के ऊपर दिए गए निर्देशों को पढ़ने के बाद ही बच्चे के लिए खिलौने खरीदें।
- खिलौनों को खोलने के बाद उनके डिब्बे बाहर फेंक दें। खिलौनों की पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक बच्चे के लिए हानिकारक है।
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बच्चे को लेकर ग्रैंडपेरेंट्स रहें हमेशा सजग
- बच्चे को कभी भी ऊंची जगहों पर न बैठाएं। अपनी गैरमौजूदगी में बच्चे को ऊंची कुर्सी या टेबल पर न बैठाएं। ऐसा करने से बच्चा गिर कर घायल हो सकता है।
- कमरे में कोई भी ऐसा विद्युत उपकरण ना रखें, जिससे बच्चे के लिए खतरा पैदा हो।
- बड़े-बुजुर्ग अक्सर अपनी दवाइयां सामने ही रखते हैं ताकि उन्हें याद रहे कि दवाइयां कब लेनी है। लेकिन, बच्चा घर में है, तो दवाएं खुले में न रखें। बच्चों की हर चीज को मुंह में डालने की आदत होती है। ऐसे में अगर वह दवा मुंह में डाल ले, तो कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है।
- घर में कहीं भी अगर पानी गिर गया है, तो इसे तुरंत साफ कर दें। वरना बच्चा फिसल कर गिर सकता है।
ग्रैंडपेरेंट्स घर के बाहर भी बरतें ये सावधानियां
- बच्चों को कार में कहीं ले जाने के लिए बेबी कार सीट खरीदें, जिसे ग्रैंडपेरेंट्स अपनी कार के अंदर रख सकते हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि ये सीट आपकी कार ठीक से इंस्टॉल भी हो पा रही है या नहीं। बच्चों के लिए यह सीट उन्हें कार में आपके साथ कहीं जाते हुए अतिरिक्त सुरक्षा देती है।
- बच्चों को कार में कहीं ले जाते हुए यह भी चेक कर लें कि आपने चाइल्ड लॉक किया है कि नहीं। चाइल्ड लॉक करने से गाड़ी के सारे कंट्रोल्स सिर्फ ड्राइवर के पास ही रह जाते हैं। ऐसे में बच्चा अगर गलती से खिड़की खोलने या दरवाजा खोलने की कोशिश करता है, तो वह नहीं खुलेगा।
- हालांकि, बच्चों के साथ समय बिताने के लिए खेल के मैदान एक अच्छी जगह होती है, लेकिन साथ ही वे खतरनाक भी हो सकते हैं। ऐसे में बच्चों को ले जाने के लिए ऐसे ग्राउंड का इस्तेमाल करें, जिसे बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया हो।
- जब आप बच्चे को लेकर किसी भी वाहन के माध्यम से कही दा रहे हैं, तो गाड़ी बहुत स्पीड में चलाने की आवश्यकता नहीं है। हमेशा एक साधारण स्पीड में गाड़ी चलाएं।
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ग्रैंडपेरेंट्स की अन्य जिम्मेदारियां
ऐसा कई बार सुनने को मिला है कि दादा-दादी बच्चों की आदत बिगाड़ देते हैं। दरअसल ग्रैंडपेरेंट्स अपने ग्रैंड चिल्ड्रेन को इतना ज्यादा प्यार करते हैं कि उनकी हर एक जिद पूरी करने के बारे में सोचते हैं। जिससे धीरे-धीरे उनकी आदत बिगड़ जाती है। यही कारण है कि उन्हें बच्चों की आदत बिगाड़ने और उन्हें जिद्दी बनाने का जिम्मेदार माना जाता है। इसलिए यदि आप ग्रैंडपेरेंट्स बनने वाले हैं, तो आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना है। यदि आपका ग्रैंड चाइल्ड आपसे किसी प्रकार की मांग करता है, तो आप उसे तभी दिलाएं, जब वह उसके लिए उपयोगी हो। लेकिन लगातार हर मांग पूरी करना सही नहीं है। इससे बच्चों को हर बात मनवाने की आदत पड़ जाती है। कभी आगे चलकर यदि किसी प्रकार की समस्या या आर्थिक स्थिति के कारण जब आप उनकी मांग पूरी नहीं कर पाते हैं, तो वह जिद करने लगते हैं। इससे उनका क्रोध भी बढ़ने लगता है।
ये सभी टिप्स ग्रैंडपेरेंट्स के साथ-साथ माता-पिता के लिए भी है। जिस भी घर में एक साल से ऊपर के बच्चे है, उस घर में सुरक्षा के सभी इंतजाम दुरुस्त होने चाहिए। हमेशा याद रखिए हादसे बता कर नहीं आते। अगर हादसों को कोई रोक सकता है तो वह आप खुद है। इसलिए बच्चों को लेकर सतर्क और सजग रहें।