backup og meta

बच्चे के लिए बेस्ट प्ले स्कूल का चुनाव कैसे करें?

बच्चे के लिए बेस्ट प्ले स्कूल का चुनाव कैसे करें?

बच्चों के लिए अच्छा प्ले-स्कूल का चयन करना पेरेंट्स के लिए एक बहुत मुश्किल काम है। खास कर बड़े शहरों में जहां आए दिन नए स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थान खुलते रहते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों के लिए स्कूल का चुनाव करते समय बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है। हैलो स्वास्थ्य ने मुंबई के टीचिंग एक्सपर्ट और पेरेंटिंग एक्सपर्ट स्वाति पोपट वत्स से बात किया, तो उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से फैक्टर्स हैं, जो बच्चे के लिए अच्छे प्ले-स्कूल को चुनने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने पेरेंट्स को कुछ प्ले स्कूल का चुनाव (Play school selection) करने के लिए सुझाव दिए जो आपके काम भी आ सकते हैं।

यह भी पढ़ें : बच्चों के अंदर किताबें पढ़ने की आदत कैसे विकसित करें ?

प्री-स्कूल (Pre school) की सुविधाओं के बारे में जानें

बच्चों एक लिए प्ले स्कूल का चुनाव (Play school selection) करते समय उस स्कूल में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में पेरेंट्स को पता होना जरूरी है। इसमें स्कूल का समय, घर से स्कूल की दूरी, यातायात के साधन, स्कूल के बाद ऐक्टिविटीज की उपलब्धता, फीस, क्लासरूम का आकार एवं विद्यार्थी एवं अध्यापकों के अनुपात का समावेश होता है। दूर के बजाय घर के पास वाले प्री-स्कूल को तरजीह दें। प्री-स्कूल में एडमिशन कराते समय संचालक से शेड्यूल जरूर पता करें और ज्यादा देर तक बच्चे को प्ले- वे में छोड़ने की बजाय उसे एक दो घंटे के लिए ही छोड़ें।

यह भी पढ़ें : बच्चों के ए​डमिशन की सही उम्र क्या है?

पढ़ाई कराने वाला प्ले स्कूल (Play school) का चुनाव ना करें

ऐसे प्ले स्कूल का चुनाव (Play school selection) करें जहां आपके नन्हें बच्चे को खुलकर खेलना एवं सहभागी होना सिखाया जाए। बच्चे पर पढ़ाई का प्रेशर बिल्डअप करने की बजाय उसे खेल- खेल में सिखाने का प्रयास करें। इस उम्र में बच्चे को किताब, पेंसिल, फ्रूट्स, एनिमल्स, टॉयज से रूबरू कराएं ना कि उसे किताबी कीड़ा बनाने का प्रयास करें।

यह भी पढ़ें : बनने वाले हैं पिता तो गर्भ में पल रहे बच्चे से बॉन्डिंग ऐसे बनाएं

प्ले स्कूल का चुनाव (Play school selection)

प्ले स्कूल का चुनाव (Play school selection) : टीचर ट्रेनिंग या उनका अनुभव

किसी भी शैक्षणिक संस्थान के चुनाव में वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों का अनुभव और शैक्षणिक अनुभव बहुत मायने रखती है। इस लिए टीचर्स का रिकॉर्ड के बारे में जानना बहुत महत्वपूर्ण होता है। टीचर्स ही हैं, जिनके ऊपर बच्चों की भविष्य का दारोमदार होता है। टीचर्स ही बच्चों के जीवन में अलग-अलग स्टेज में ढाल बनते हैं। घर के बाद स्कूल ही वह दूसरी जगह है जहां बच्चा पहले जाता है। टीचर्स उसे घर से दूर कंफर्टेबल रहने में मदद करता हैं।

टीचर को इसकी समझ होनी चाहिए कि बच्चों को पेरेंट्स से दूर उसके अन्दर अलग होने की एंग्जायटी को कैसे हैंडल करना है। टीचर को बच्चों को शांत रखने में, ज्यादा स्ट्रेस न लेने में एक्सपर्ट होना चाहिए क्योंकि बच्चे इमोशनली बहुत ही नाज़ुक होते हैं।

यह भी पढ़ें : बच्चों का पढ़ाई में इंटरेस्ट कैसे बढ़ाएं 

प्ले स्कूल का चुनाव (Play school selection) सिलेबस या करिकुलम के हिसाब से

बच्चों के लिए प्ले-स्कूल का चयन में स्कूल का सिलेबस और करिकुलम भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वाति पोपट कहती हैं “पेरेंट्स को भी सिलेबस के असली मतलब को समझना बहुत जरुरी होता है। स्वाति आगे कहती हैं “ज्यादातर लोग सिलेबस को गलत समझते हैं। अधिकतर पेरेंट्स इसे केवल पढ़ाई- लिखाई से जोड़कर देखते हैं। जबकि उनका फोकस इस बात पर होना चाहिए कि स्कूल में बच्चे को क्या चीजें पढ़ाई जा रही हैं और किस तरीके से पढ़ाई जा रही है? पेरेंट्स का फोकस इस ओर ज्यादा होना चाहिए कि बच्चे कैसे और किस माहौल में पढ़ रहे हैं?” सिलेबस में स्कूल की फिलॉसफी दिखनी चाहिए। इसमें ये पता चलना चाहिए की स्कूल प्रोजेक्ट पर आधारित पाठ्यक्रम पर भरोसा करता है या खेले-खेल में बच्चों को पढ़ाया जाता है।”

यह भी पढ़ें : जिद्दी बच्चों को संभालने के 3 कुशल तरीके

सुरक्षा है महत्वपूर्ण प्ले-स्कूल के चयन (Play school selection) में

स्वाति कहती हैं कि प्ले-स्कूल का चयन में बच्चों की सुरक्षा बहुत ही जरूरी सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर है। यह सवाल करने पर कि फिर इन्होने इसे पहले पायदान पर क्यों नहीं रखा? कहती हैं “क्योंकि जहां ट्रेनिंग पाए और अच्छे पोलाइट टीचर्स होंगे वहां बच्चों की सुरक्षा का ख्याल जरूर रखा जाता है। ट्रेंड टीचर को बच्चों की सुरक्षा के बारे में प्रशिक्षित की जाती है। उनका ये भी मानना है की सुरक्षा केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी होनी चाहिए।

बच्चे का मानसिक विकास हो सही (Play school selection tips)

आज के परिवेश में जहां माता- पिता दोनों ही नौकरी पेशेवर हैं। बच्चे को अच्छी स्टडी मिल सके, इसके लिए वे प्री- स्कूल में दाखिला दिला देते हैं। लेकिन, बच्चे को प्री- स्कूल में पढ़ाई का बोझ डालने के बजाय खेल- खेल में ही उसे एक दूसरे से इंटरेक्शन करना सिखाया जाए, ताकि बच्चे के मानसिक विकास में कोई बाधा न उत्पन्न हो।

यह भी पढ़ें : बच्चे को डिसिप्लिन सिखाने के 7 टिप्स

स्कूल का वातावरण (Play school selection tips)

बच्चे के इमोशनल हेल्थ पर आसपास के वातावरण का बहुत असर पड़ता है। जिस स्कूल में साफ-सुथरे क्लास-रूम होते हैं, वहां आप देखेंगे कि बच्चों की बातें सुनी जाती हैं और वो भी बातें सुनते और समझते हैं। ड्राइंग बनाने, पेंटिंग जैसी कार्यों से पहले स्कूल को अच्छे से देख लेना चाहिए, उसके माहौल को उसके वातावरण को अच्छे से समझ लेना चाहिए।

पेरेंट्स का हो हमेशा वेलकम (Play school selection tips)

प्ले स्कूल का चुनाव (Play school selection) करते समय ध्यान दें कि प्री-स्कूल के दरवाजे अभिभावकों के लिए हमेशा खुले रहने चाहिए। समय- समय पर अभिभावकों को उनके बच्चों के बारे में लिखित जानकारी देनी चाहिए। अभिभावकों को भागीदार बनाने में प्री- स्कूल कितना प्रयत्नशील है, इसकी भी जानकारी हासिल करना चाहिए।

स्कूल के मैनेंजमेंट के बारे में जान लें (Know about school management)

प्ले स्कूल का चुनाव (Play school selection) के समय यह भी जानना जरूरी है कि स्कूल का मैनेजमेंट किन लोगों के हाथों में है? इसका मकसद यह समझना है कि अगर कोई शिक्षा के क्षेत्र में अनुभव रखने वाला और दूसरा फोटोग्राफर स्कूल का मैनेजमेंट संभाल रहा है तो आपको पहले विकल्प पर जाना चाहिए। हो सकता है कि बिजनेसमैन के द्वारा चलाया जा रहा स्कूल पैसे कमाने के लिए क्वालिटी से समझौता करे। वहीं अगर स्कूल किसी शिक्षक द्वारा चलाया जा रहा हो तो वह क्वालिटी को सबसे अधिक तवज्जो देगा। वहां सिलेबस सही बना रहता है और टीचर्स को ट्रेनिंग भी दी जाती है।

उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। इससे आपके बच्चे के लिए प्ले स्कूल का चुनाव (Play school selection) करना आसान होगा। इस प्रकार अपने छोटे बच्चे के लिए प्री- स्कूल के चयन में सावधानी रखकर आप उसे विकास की नई दिशा दे सकते हैं और उसके भविष्य की मजबूत नींव रखने में उसकी सहायता करते हैं। इस विषय से जुड़ा हुआ कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमसे साझा कर सकते हैं। प्ले स्कूल का चुनाव (Play school selection) कैसे रखें इससे संबंधित विषय पर कोई और प्रश्न है तो आप अपने डॉक्टर से भी परामर्श ले सकते हैं। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें

 

[embed-health-tool-vaccination-tool]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Co-development of preschoolers’ temperament traits and social play networks over an entire school year/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/28150979/Accessed on 12/12/2019

How to choose the right preschool for your child/https://www.mother.ly/child/how-to-choose-the-right-preschool/Accessed on 12/12/2019

How to Pick a Preschool/https://www.gse.harvard.edu/news/uk/17/11/how-pick-preschool/Accessed on 12/12/2019

How to choose the right Preschool/http://www.ubuntumontessori.in/choose-preschool//Accessed on 12/12/2019

Choosing a Preschool: Simple Tips for Parents/http://www.getreadytoread.org/early-learning-childhood-basics/early-childhood/choosing-a-preschool-simple-tips-for-parents/ Accessed on 4th July 2021

Picking the Right Preschool for Your Child/https://www.understood.org/articles/en/picking-the-right-preschool-for-your-child/Accessed on 4th July 2021

 

 

Current Version

04/07/2021

Nikhil Kumar द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar

Updated by: Manjari Khare


संबंधित पोस्ट

Group B strep disease: बच्चों में होने वाला ये संक्रामक रोग क्या हो सकता है खतरनाक?

बच्चों के लिए मल्टीविटामिन्स ढूंढ रहे हैं, तो यहां मिल सकती है आपको हेल्प!


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Dr Sharayu Maknikar


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 04/07/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement