1 से दो महीने का होने पर बच्चा धीरे-धीरे अपने आसपास की चीजों को ध्यान से देखता है उन्हें समझने की कोशिश करता है। उन्हें छू कर पहचानता है। यानी खेल सिर्फ वह नहीं है, जो खिलौनों से खेला जाए। बच्चों के इस खेल का अर्थ अपने आसपास की चीजों को निहारना, उन्हें समझना और फिर उन्हें छू कर खेलना भी है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये कौन-सा खेल है? इस खेल को अनऑक्यूपाइड प्ले (Unoccupied Play) के नाम से जाना जाता है। अगर सच में कहा जाए तो यहीं से खेल की शुरुआत होती है। भले ही हो सकता है कि आपको इस बारे में जानकारी ना हो लेकिन खेल की यह विधा जाननी बहुत जरूरी है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको अनऑक्यूपाइड प्ले (Unoccupied Play) के बारे में बताएंगे और साथ ही यह भी जानकारी देंगे कि कैसे अनऑक्यूपाइड प्ले(Unoccupied Play) के माध्यम से बच्चा खेलने की शुरुआत करता है।