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Gallbladder rupture: गॉलब्लैडर फटने के हो सकते हैं ये कारण, सावधानी कर सकती है बड़ी मुसीबत से बचाव!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/08/2021

    Gallbladder rupture: गॉलब्लैडर फटने के हो सकते हैं ये कारण, सावधानी कर सकती है बड़ी मुसीबत से बचाव!

    गॉलब्लैडर हमारे शरीर का छोटा ऑर्गन है, तो लिवर के पास स्थित होता है। गॉलब्लैडर में बाइल यानी पित्त स्टोर होता है। बाइल यानी पित्त तरल पदार्थ होता है, जो लिवर से प्रोड्यूस होता है। गॉलब्लैडर बाइल को रिलीज करने का काम करता है, जो फैट को तोड़ने का काम करता है। अगर शरीर में पित्त का निर्माण न हो, तो फैट यानी वसा को तोड़ने में दिक्कत होती है। गॉलब्लैडर रप्चर (Gallbladder rupture) एक मेडिकल कंडीशन है, जिसमें गॉलब्लैडर वॉल रप्चर हो जाती है। पित्ताशय की थैली की सूजन के कारण गॉलब्लैडर रप्चर (Gallbladder rupture) की समस्या हो सकती है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको गॉलब्लैडर रप्चर (Gallbladder rupture) के कारण, लक्षण, निदान और ट्रीटमेंट के बारे में अहम जानकारी देंगे। जानिए सबसे पहले कि आखिर क्यों गॉलब्लैडर रप्चर (Gallbladder rupture) की समस्या होती है।

    गॉलब्लैडर रप्चर के कारण (Causes of a gallbladder rupture)

    गॉलब्लैडर में स्टोन के कारण भी गॉलब्लैडर की दीवार में सूजन आ जाती है। पथरी के कारण सूजन की समस्या हो जाती है और फिर ये गॉलब्लैडर रप्चर (Gallbladder rupture) का कारण बनता है। गॉलब्लैडर की सूजन को कोलेसिस्टाइटिस (Cholecystitis) कहा जाता है। रेयर केस में इंज्युरी भी रप्चर का कारण बन जाती है। गॉलब्लैडर रप्चर (Gallbladder rupture) के कारण एब्डॉमिनल पेन (Abdominal pain) भी हो सकता है, जो कुछ समय के लिए होता है फिर रुक जाता है। ये दर्द अचानक से बढ़ भी जाता है। रप्चर साइट लीक होने पर दर्द बढ़ जाता है। अगर गॉलब्लैडर रप्चर (Gallbladder rupture) का ट्रीटमेंट नहीं किया जाता है, तो शरीर में सिस्टमेटिक रिस्पॉन्स सिंड्रोम (SIRS) की समस्या शुरू हो जाती है। अगरएसआईआरएस के साथ संक्रमण होता है, तो ये अधिक खतरनाक भी साबित हो सकता है। जानिए पित्ताशय की थैली का फटना (Gallbladder rupture) किन कारणों से हो सकता है।

    गॉलब्लैडर रप्चर (Gallbladder rupture) या पित्ताशय की थैली के टूटने के कारणों में के बारे में जानिए।

    1. गॉलब्लैडर में सूजन का मुख्य कारण गॉलस्टोन हो सकता है।
    2. एस्कारियासिस पैरासाइट (Ascariasis) भी गॉलब्लैडर रप्चर (Gallbladder rupture) का कारण बन सकता है।
    3. बैक्टीरियल इंफेक्शन एस्चेरिचिया कोलाई (Escherichia coli), स्ट्रेप्टोकोकस फेकलिस (Streptococcus faecalis) के कारण भी पित्ताशय की थैली टूटने की समस्या हो सकती है।
    4. पित्त या फिर बाइल में कुछ ऐसे पदार्थ आ जाते हैं, जो गॉलब्लैडर क्वॉग का कारण बन सकते हैं।
    5. पित्ताशय की थैली फटने के कारणों में एक्सिडेंट, पेट के बल गिरना या फिर खेल के दौरान पेट में वार भी शामिल है।

    और पढ़ें: Gallbladder Sludge: गॉलब्लैडर स्लज किसे कहते हैं, क्या होते हैं इसके लक्षण?

    पित्ताशय की थैली फटने के लक्षण (Symptoms of gallbladder rupture)

    फटे हुए पित्ताशय की थैली के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यदि आप पित्ताशय की थैली फटने के बाद किसी भी तरह के लक्षणों का एहसास करते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और जांच कराना चाहिए। समय पर ट्रीटमेंट कराने से बीमारी को ठीक किया जा सकता है। जानिए गॉलब्लैडर रप्चर (Gallbladder rupture) होने पर क्या लक्षण दिखाई पड़ते हैं।

    • बुखार (fever)
    • उल्टी और मतली (nausea and vomiting)
    • पेट के दाहिने हिस्से में दर्द
    • पीलिया या आंखों का रंग बदलना

    गॉलब्लैडर रप्चर का डायग्नोसिस (Gallbladder rupture Diagnosis )

    पित्ताशय की थैली में सूजन के कारण पेट दर्द की समस्या होती है जबकि गॉलब्लैडर रप्चर (Gallbladder rupture) के कारण भी इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर को गॉलब्लैडर रप्चर का डायग्नोसिस (Gallbladder rupture Diagnosis) करते समय कुछ कठिनाई हो सकती है क्योंकि बीमारी के लक्षण कंफ्यूज कर सकते हैं। डॉक्टर गॉलब्लैडर रप्चर को इंफ्लामेंशन मानकर भी ट्रीटमेंट कर सकते हैं। वैसे बीमारी की जांच के लिए डॉक्टर एब्डॉमन अल्ट्रासाउंड (Ultrasound of the abdomen), कलर फ्लो डॉप्लर अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन (CT scan), बायलिरी स्किंटिग्राफी (Biliary scintigraphy) आदि की जा सकती है। कुछ मामलों में डॉक्टर सूजन की जांच के लिए ब्लड टेस्ट ( Blood tests) की सलाह भी दे सकते हैं। पित्ताशय की थैली में सूजन का कारण इंफेक्शन भी हो सकती हैं। ब्लड टेस्ट की

    हेल्प से वाइट ब्लड सेल काउंट (white blood cell count), सी-रिएक्टिव प्रोटीन लेवल (c-reactive protein level), एरिथ्रोसाइट सेडिमेंटेशन रेट टेस्ट आदि से सूजन के बारे में पता लगाया जा सकता है। आपको कौन-से टेस्ट करवाने हैं या फिर कौन-से नहीं करवाने हैं, आप इस बारे में डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं।

    और पढ़ें: गॉलब्लैडर स्टोन्स (Gallbladder stones) डायट क्या है?

    पित्ताशय की थैली फटने (Gallbladder rupture) पर कैसे किया जाता है ट्रीटमेंट?

    पित्ताशय की थैली फटने पर अगर आपको किसी प्रकार की समस्या नजर आती है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और बीमारी का इलाज कराना चाहिए। डॉक्टर जांच के माध्यम से बीमारी का पता लगाने की कोशिश करते हैं और बीमारी का इलाज करते हैं। अगर आप सही समय पर ट्रीटमेंट नहीं कराते हैं, आपके लिए ये खतरनाक साबित भी हो सकता है।

    डॉक्टर जांच के माध्यम से पित्ताशय की थैली फटने के बारे में पता लगा लेते हैं और फिर गॉलब्लैडर को निकालने की सलाह देते हैं। अगर गॉलब्लैडर रप्चर होने की आशंका होती है, तो भी डॉक्टर इसे हटवाने की ही सलाह देंगे क्योंकि रप्चर हो जाने के बाद कॉम्प्लीकेशन अधिक बढ़ जाते हैं। डॉक्टर लैप्रोस्कोपिक सर्जरी ( laparoscopic surgery) की हेल्प से पित्ताशय की थैली को हटा देते हैं। पेशेंट को इस सर्जरी को कराने के लिए हॉस्पिटल में ज्यादा रुकने की जरूरत नहीं होती है। इस सर्जरी में कॉम्प्लीकेशन की संभावन कम होती है।

    सर्जरी के बाद रखें देखभाल (Take care after surgery)

    सर्जरी की हेल्प से गॉलब्लैडर को निकाल दिया जाता है लेकिन पेशेंट को सर्जरी के बाद भी खुद का ध्यान रखने की जरूरत होती है। सर्जरी के बाद भी ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। डॉक्टर आपको कुछ एंटीबायोटिक मेडिसिंस (Antibiotic Medicines) लेने की सलाह देंगे और बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection) को खत्म करने की कोशिश करेंगे। ऐसे में डॉक्टर फैट रहित या फिर लो फैट फूड्स लेने की सलाह भी दे सकते हैं। गॉलब्लैडर के हटने के बाद फैट युक्त खाना पचाना मुश्किल हो जाता है, इसलिए आपको अपने खानपान पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। सर्जरी के बाद डॉक्टर आपको स्पेशल डायट के साथ ही कुछ निर्देश भी देंगे। आपको सर्जरी के बाद कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जो आपके पेट में जोर डाले। आप कुछ समय तक दवाओं का सेवन नियमित समय पर करना होगा। आपको कुछ समय के लिए ऐसी एक्टिविटी पर भी रोक लगानी होगी, जो हार्ड हो।

    पित्ताशय की थैली का फटना आम समस्या नहीं है। एब्डॉमिनल कैविटी में बाइल या पित्त नहीं होना चाहिए। रप्चर गॉलब्लैडर के कारण इंफेक्शन या संक्रमण की गंभीर स्थिति सेप्सिस (Sepsis) पैदा हो सकती है। सही समय पर ट्रीटमेंट न मिलने पर कुछ अंग काम करना भी बंद कर सकते हैं।आपको समय रहते ही बीमारी का इलाज करा लेना चाहिए। सीरियस रप्चर जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। आपको फुल रिकवर हो जाने के बाद भी एक बार डॉक्टर से मिलना चाहिए और परामर्श करना चाहिए।

    और पढ़ें: GALLBLADDER DISEASES: जानिए गॉलब्लैडर से जुड़ी बीमारियों के बारे में

    हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से आपको पित्ताशय की थैली फटने (Gallbladder rupture) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

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