पेट से जुड़ी कई समस्याओं के बारे में हमसभी पढ़ते आ रहें हैं। वहीं हर बीमारी के इलाज का तरीका भी अलग होता है। आज इस आर्टिकल में हम आपके साथ गैस्ट्रिक सक्शन (Gastric Suction) से जुड़ी जानकारी शेयर करने जा रहें हैं।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
पेट से जुड़ी कई समस्याओं के बारे में हमसभी पढ़ते आ रहें हैं। वहीं हर बीमारी के इलाज का तरीका भी अलग होता है। आज इस आर्टिकल में हम आपके साथ गैस्ट्रिक सक्शन (Gastric Suction) से जुड़ी जानकारी शेयर करने जा रहें हैं।
चलिए अब गैस्ट्रिक सक्शन (Gastric Suction) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
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गैस्ट्रिक सक्शन को स्टमक पंपिंग (Stomach Pumping), गैस्ट्रिक लैवेज (Gastric lavage) और नसोगेस्ट्रिक ट्यूब सक्शन (Nasogastric tube suction) भी कहते हैं। इसका उपयोग पेट को खाली करने में किया जाता है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार गैस्ट्रिक सक्शन या स्टमक पंपिंग की मदद इमरजेंसी की स्थिति में ली जाती है। वैसे इमरजेंसी की स्थिति में आवश्यक स्टमक पंपिंग की जरूरत किस हेल्थ कंडिशन (Health Condition) के दौरान पड़ती है, इसे आगे समझते हैं।
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यू.एस. डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेस (U.S. Department of Health and Human Services) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार जहर (Poison) खाने की स्थिति में या दवाओं (Pills) के ओवरडोज होने पर गैस्ट्रिक लैवेज (Gastric lavage) की मदद ली जाती है। रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार गैस्ट्रिक लैवेज यानी गैस्ट्रिक सक्शन प्वॉइजन खाने के बाद से चार घंटे के अंदर अगर की जाए तो ज्यादा सक्सेसफुल होती है। इसलिए प्वॉइजन या दवाओं के ओवरडोज होने पर जल्द से जल्द पेशेंट को हॉस्पिटल पहुंचाना चाहिए। पेशेंट को जल्द से जल्द हॉस्पिटल पहुंचने की जरूरत इसलिए होती है, क्योंकि अगर प्वॉइजन डायजेस्टिव ट्रैक्ट (Digestive tract) में पहुंच जाए, तो गैस्ट्रिक सक्शन (Gastric Suction) का विशेष लाभ नहीं मिल सकता है।
प्वॉइजन या दवाओं के ओवरडोज के अलावा गैस्ट्रेक्टमी (Gastrectomy) की भी स्थिति में गैस्ट्रिक सक्शन की जा सकती है। गैस्ट्रिक सक्शन पेट को ठीक होने तक खाली रखने में मददगार है। सॉलिड फूड की जगह सिर्फ लिक्विड फूड ही पेट में जाता है।
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नोट : गैस्ट्रेक्टमी (Gastrectomy) एक सर्जरी है जिसके जरिए, पेट के कुछ हिस्से या पूरे हिस्से को हटाया जा सकता है। इस सर्जरी की मदद से मोटापा और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता है। कैंसर या ट्यूमर, ब्लीडिंग, सूजन, पेट की दीवार में छेद होना, एक विषेश झिल्ली या पेट के भाग पर एक से अधिक पॉलिप का बढ़ना या पाचन संबंधी अल्सर की समस्या होने पर गैस्ट्रेक्टमी की जाती है। गैस्ट्रेक्टमी की सर्जरी के बाद पूरी तरह से रिकवर होने में एक लंबा समय लग सकता है। ठीक होने के बाद, आपके पेट और छोटी आंत बढ़ जाती है, जिसके बाद आप अधिक फाइबर और अन्य तरह के भोजन भी खाना शुरू कर सकेंगे।
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गैस्ट्रेक्टॉमी के अलावा गैस्ट्रिक सक्शन (Gastric Suction) की आवश्यकता निम्नलिखित स्थितियों में पड़ सकती है या डॉक्टर रिकमेंड कर सकते हैं। जैसे:
इन स्थितियों में गैस्ट्रिक सक्शन (Gastric Suction) की आवश्यकता पड़ सकती है।
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गैस्ट्रिक सक्शन की जरूरत अगर स्टमक एसिड (Stomach acid) की जानकारी के लिए की जा रही है, तो डॉक्टर मरीज को गैस्ट्रिक सक्शन होने तक भूखे रहने की सलाह देते हैं और किसी भी तरह की दवाओं के सेवन की भी सलाह नहीं दी जाती है। वहीं अगर इमरजेंसी की स्थिति में गैस्ट्रिक सक्शन (Gastric Suction) की जा रही है, तो पहले से किसी भी तैयारी की जरूरत नहीं पड़ती है।
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गैस्ट्रिक सक्शन यानी गैस्ट्रिक लैवेज (Gastric lavage) के पहले डॉक्टर पेशेंट को एक मेडिसिन खिलाते हैं, जिससे गले को सुन्न किया जाता है। ऐसा करने से पेशेंट को परेशानी महसूस नहीं होगी। अब एक लुब्रिकेंट ट्यूब को मुंह या नाक से गले के रास्ते भोजन की नली से होते हुए पेट तक पहुंचाई जाती है। अब पानी (Water) या सेलाइन (Saline) से पेट में स्प्रे करते हैं और यह प्रक्रिया गैस्ट्रिक सक्शन (Gastric Suction) के पहले की जाती है। सेलाइन स्प्रे करने से इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस (Electrolyte Imbalance) होने से रोकने में मदद मिलती है। अब पेट में मौजूद तत्वों को हटाया जाता है। सक्शन के बाद ट्यूब को वैसे ही रहने दिया जाता है, क्योंकि इससे सेलाइन स्प्रे की जाती है।
गैस्ट्रिक सक्शन (Gastric Suction) के दौरान तकलीफ महसूस होती है और गले में भी परेशानी मसहूस होती है, क्योंकि ट्यूब लगा होता है। वैसे यह प्रक्रिया अधिक गंभीर भी हो सकती है। वहीं एस्पिरेशन निमोनिया (Aspiration pneumonia) की स्थिति भी बन सकती है, जब आपके पेट की कुछ सामग्री फेफड़ों या वायुमार्ग में प्रवेश कर जाती है। इसके अलावा निम्नलिखित परेशानी भी महसूस हो सकती है। जैसे:
अगर ऐसी कोई परेशानी गैस्ट्रिक सक्शन (Gastric Suction) के बाद महसूस हो रही है और ज्यादा परेशानी महसूस हो रही है, तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर दें। इसके अलावा अगर मरीज को कोई और तकलीफ हो रही है तो डॉक्टर से जरूर बताना चाहिए।
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दवाओं का ओवरडोज या पेट से जुड़ी परेशानियों के लिए यहां दी गई गैस्ट्रिक सक्शन (Gastric Suction) की जानकारी आपके लिए लाभकारी होंगी अगर आपको पाचन क्रिया (Digestion process) से जुड़ी हुई कोई परेशानी रहती है, तो इसे इग्नोर ना करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें। डॉक्टर आपके डायजेशन से जुड़ी परेशानियों को समझकर और मेडिकल हिस्ट्री (Medical history) को जानकार ठीक तरह से इलाज करेंगें। समय पर शुरू की गई ट्रीटमेंट किसी भी गंभीर बीमारियों से दूर रहने में मददगार हो सकती हैं। इसलिए शारीरिक परेशानियों (Physical problem) को नजरअंदाज ना करें और समय पर डॉक्टर से सलाह लें। वहीं अगर प्वॉइजन जैसी स्थितियों में देर ना करें और जल्द से जल्द पेशेंट को अस्पताल ले जायें, क्योंकि गैस्ट्रिक सक्शन (Gastric Suction) इमरजेंसी की स्थिति में जितनी जल्दी की जाए उतना ही सक्सेसफुल माना जाता है।
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