आपने अक्सर लोगों को गैस्ट्राइटिस की शिकायत करते हुए सुना होगा। गैस्ट्राइटिस को समान्य भाषा में गैस कहा जाता है। गैस्ट्राइटिस पेट की प्रोटेक्टिव लाइनिंग में होने वाली सूजन है। एक्यूट गैस्ट्राइटिस की समस्या होने पर अचानक गंभीर सूजन होती है। वहीं, क्रोनिक गैस्ट्राइटिस में दीर्घकालिक सूजन शामिल है, अगर इसका उपचार न किया जाए तो वर्षों तक यह समस्या रह सकती है। ऐसे ही इसका एक प्रकार है जिसे एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) के नाम से जाना जाता है। यह गैस्ट्राइटिस की समस्या का दुर्लभ प्रकार है। इसके होने पर अधिक सूजन नहीं होती, लेकिन इसके कारण पेट की लाइनिंग में ब्लीडिंग और अल्सर हो सकता है। अधिकतर लोगों को गैस्ट्राइटिस के इस प्रकार की जानकारी नहीं होती। तो जानिए क्या है एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) और पाएं जानकारी विस्तार से:
एरोसिव गैस्ट्राइटिस क्या है? (What is Erosive Gastritis)
एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) गैस्ट्रिक म्यूकोसल एरोशन(Gastric Mucosal Erosion) है, जो म्यूकोसल डिफेंस को नुकसान पहुंचाता है। यह समस्या आमतौर पर एक्यूट होती है और इसके साथ ब्लीडिंग भी हो सकती है। यही नहीं, इस समस्या के कई बार लक्षण नजर आ सकते हैं या कई बार इसका कोई लक्षण सामने नहीं आता। एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) का निदान एंडोस्कोपी से हो सकता है। इसके लक्षणों में हल्का जी मचलना, उल्टी आना, कमजोरी होना आदि शामिल है। आइए जानें एरोसिव गैस्ट्राइटिस के क्या हैं लक्षण (Erosive Gastritis Symptoms):
यह भी पढ़ें: एक्यूट गैस्ट्राइटिस : पेट से जुड़ी इस समस्या को इग्नोर करना हो सकता है खतरनाक!
एरोसिव गैस्ट्राइटिस के लक्षण (Symptoms of Erosive Gastritis)
एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) की समस्या कुछ मरीजों में कुछ समय तक देखी गयी है लेकिन कुछ मरीज कई सालों तक इस समस्या से पीड़ित रह सकते हैं। जिन रोगियों को यह समस्या हलकी यानी सामान्य है, उन्हें अधिकतर कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। कुछ लोग एरोसिव गैस्ट्राइटिस में इन लक्षणों को अनुभव कर सकते हैं
- अपच (Dyspepsia)
- जी मचलना (Nausea)
- उलटी आना (Vomiting)
कई बार मरीज इसके पहले लक्षणों में हेमाटेमेसिस (Hematemesis) मेलेना (Melena), नासोगैस्ट्रिक एस्पिरेट में रक्त (Blood in the Nasogastric Aspirate) आदि का अनुभव करते हैं। यह ब्लीडिंग कम से लेकर मध्यम तक हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति अलसर से पीड़ित है तो, उसे अधिक ब्लीडिंग भी हो सकती है।
एरोसिव गैस्ट्राइटिस के कारण (Causes of Erosive Gastritis)
हमारे पेट की लाइनिंग में कमजोरी, पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाती है और इससे सूजन हो सकती है। , जिससे गैस्ट्राइटिस हो सकता है। पेट की लायनिंग का पतला या डैमेज होने से गैस्ट्राइटिस के लिए रोगी का जोखिम बढ़ जाता है। एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) के सामान्य कारण इस प्रकार हैं:
- नोस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (Nonsteroidal Anti-Inflammatory Drugs)
- एल्कोहॉल (Alcohol)
- तनाव (Stress)
यह भी पढ़ें: गैस्ट्राइटिस की समस्या से छुड़ाना चाहते हैं पीछा, तो ये 3 आयुर्वेदिक जड़ी बूटी हैं अत्यधिक लाभकारी
एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) के दुर्लभ कारणों में यह सब शामिल हैं:
- रेडिएशन (Radiation)
- वायरल इन्फेक्शन (Viral Infection)
- वैस्कुलर इंजरी (Vascular Injury)
- डायरेक्ट ट्रामा (Direct Trauma)
- क्रोहन डिजीज (Crohn Disease)
एक्यूट स्ट्रेस गैस्ट्रेटिस (Acute stress gastritis), इरोसिव गैस्ट्रेटिस का एक रूप है। यह गंभीर रूप से बीमार रोगियों में लगभग 5% होता है।
Quiz : गैस दर्द का क्या है कारण? क्विज से जानें गैस को दूर करने के टिप्स
एरोसिव गैस्ट्राइटिस का निदान और उपचार (Diagnosis and Treatment of Erosive Gastritis)
एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) का निदान एंडोस्कोपी के साथ किया जाता है। डॉक्टर एरोसिव गैस्ट्राइटिस के निदान के लिए मरीज की शारीरिक जांच करेंगे और लक्षणों व फैमिली हिस्ट्री के बारे में पूछेंगे। सूजन के निदान के लिए एंडोस्कोपी कराई जा सकती है। एंडोस्कोपी में एक लंबी ट्यूब का प्रयोग किया जाता है, जिसकी टिप पर कैमरा लगा होता है। इस प्रक्रिया में डॉक्टर पेट की जांच के लिए ट्यूब को अंदर डालेंगे। एरोसिव गैस्ट्राइटिस के उपचार (Treatment of Erosive Gastritis) के लिए इन तरीकों को अपनाया जा सकता है।
- ब्लीडिंग के लिए एंडोस्कोपी हेमोस्टेसिस (Endoscopic hemostasis)
- एसिड सप्रेशन (Acid Suppression के लिए प्रोटोन पंप इन्हीबिटर या H2 ब्लॉकर का प्रयोग करते हैं।
- गंभीर एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis)में ब्लीडिंग को जरूरत पड़ने पर मैनेज करने के लिए IV फ्लूइडस और ब्लड ट्रांसफ्यूजन का प्रयोग किया जाता। एंडोस्कोपिक हेमोस्टेसिस का उपचार सर्जरी से किया जाता है।
- हलकी गैस्ट्राइटिस होने पर आक्रामक एजेंट को हटाने और एसिडिटी को कम करने के लिए दवाओं का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। ताकि यह समस्या आगे न बढे।
- एसिड-सप्रेसिव ड्रग्स (Acid-Suppressive Drugs) के साथ प्रोफलैक्सिस (Prophylaxis) एक्यूट स्ट्रेस गैस्ट्राइटिस को कम कर सकते हैं। यह कुछ हाय रिस्क इंटेंसिव केयर यूनिट पेशेंट्स के लिए भी लाभदायक है। प्रोफिलैक्सिस (Prophylaxis) में IV H2 ब्लॉकर्स (IV H2 Blockers), प्रोटोन पंप इनहिबिटर्स (Proton Pump Inhibitors) ओरल एंटासिडस (Oral Antacids) शामिल है। जो लोग केवल नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स ले रहे हैं। उन्हें एसिड सप्रेशन की सलाह नहीं दी जाती, जब तक कि उन्हें पहले अल्सर की समस्या न हो।
गैस्ट्राइटिस के जोखिम को कम कैसे किया जा सकता है?
अगर एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) का सही तरीके से उपचार न कराया जाए तो इसका परिणाम घातक हो सकता है। हालांकि, इसका जोखिम कम करने के लिए भी आप कुछ तरीकों को अपना सकते हैं। यह तरीका इस प्रकार हैं:
- शराब या अन्य एल्कोहॉलिक चीजों के सेवन से बचें। खाली पेट इन चीजों का सेवन एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) को बढ़ावा दे सकता है।
- स्मोकिंग या तम्बाकू का प्रयोग न करें।
- किसी भी समस्या से राहत पाने के लिए डॉक्टर की सलाह के बिना NSAIDs और एस्पिरिन का सेवन न करें
- ऑटोइम्यून बीमारियों को प्रभावित इलाज से कंट्रोल करें।
अगर आपको एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) होने का जोखिम हो तो डॉक्टर से अपने पेट के स्वास्थ्य को लेकर बात करें। डॉक्टर आपको इस रिस्क फैक्टर्स बचने के लिए सही सलाह दे सकते हैं।
यह भी पढ़ें: गैस्ट्राइटिस डायट: इस स्थिति में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
क्या सही आहार से एरोसिव गैस्ट्राइटिस पर कोई प्रभाव पड़ता है? (Effect of right Diet on Erosive Gastritis)
हमारे खानपान का एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। अगर आपका आहार सही होगा तो आप इस समस्या से बचे रहेंगे या आपको इसके लक्ष्यों को कम करने में मदद मिलेगी। इस समस्या पर आहार का प्रभाव इस तरह से पड़ता है:
एरोसिव गैस्ट्राइटिस की समस्या को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ (Foods that Increase the Problem of Erosive Gastritis)
कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि कुछ खाद्य पदार्थ एरोसिव गैस्ट्राइटिस के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में अगर आप भी इस समस्या से पीड़ित हैं तो आपको अपने खाने-पीने की आदतों पर नजर रखनी चाहिए। जो आहार इस समस्या को बढ़ा सकते हैं उनमें मसालेदार, अधिक तला-भुना, बसा युक्त, कैफीन या एसिडिक आहार शामिल है। जैसे जंक फ़ूड, खट्टे जूस, कॉफ़ी, कोला आदि।
एरोसिव गैस्ट्राइटिस में क्या खाएं (What to Eat in Erosive Gastritis)
जो आहार एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) की समस्या को कम करने में मददगार हों, उनका सेवन करें जैसे सेब, दही आदि। सेब में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं और दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो अच्छे बैक्टीरिया है और हमारे पेट की सेहत को सपोर्ट करते हैं। इस स्थिति में अपने लिए सही आहार के बारे में जानने के लिए आप अपने डॉक्टर या किसी एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं।
अन्य टिप्स भी आ सकते हैं आपके काम
एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) की समस्या के लक्षणों को कम करने के लिए आपको अपने जीवन में कुछ बदलाव लाने चाहिए। इन चीजों का ध्यान रख कर आप अपनी इस समस्या से काफी हद तक राहत पा सकते हैं। एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) की समस्या से छुटकारा पाने के लिए:
- अपने आहार में फायबर की मात्रा अधिक रखें। इसके लिए फल-सब्जियां, साबुत अनाज आदि का सेवन करें।
- जितना अधिक हो सके पानी और हेल्दी पेय पदार्थों का सेवन करें। अधिक पानी भी गैस्ट्राइटिस की समस्या से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है।
- थोड़े-थोड़े समय के बाद थोड़ी मात्रा में आहार लें। अगर आपको बार-बार अपच की समस्या हो रही है तो स्टमक एसिड के प्रभावों से बचने के लिए यह तरीका प्रभावी है।
- अगर आप दर्द दूर करने वाली दवाईयों का सेवन करते हैं, तो इन्हें लेने से पहले डॉक्टर से पूछ लें। इनसे भी गैस्ट्राइटिस की समस्या बढ़ सकती है। डॉक्टर की सलाह के बाद ही इन्हें लें।
- अगर आप व्यायाम नहीं करते हैं तो रोजाना दिन में कुछ समय व्यायाम के लिए अवश्य निकालें। इससे भी आपको एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) की परेशानी से राहत मिल सकती है और शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी यह बेहतरीन है।
- तनाव भी कई मानसिक और शारीरिक परेशानियों का कारण है जिनमें से एक गैस्ट्राइटिस भी है। इस समस्या से बचने के लिए आप डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं।
यह भी पढ़ें: Gastritis: गैस्ट्राइटिस क्या है?
एरोसिव गैस्ट्राइटिस (Erosive Gastritis) से पीड़ित अधिकतर लोग बहुत कम समय के लिए लक्षणों को अनुभव करते हैं और जल्दी ही ठीक हो जाते हैं। ऐसे में आपको पेट से जुड़ी किसी भी समस्या को नजरअंदाज न करते हुए तुरंत मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए। ताकि जल्दी से जल्दी रोग का निदान और उपचार हो सके। यह केवल पेट ही नहीं बल्कि हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
[embed-health-tool-bmr]