ज्यादा न लें हाय फाइबर फूड्स (High Fiber Foods)
IBS डायट गाइड (IBS Diet Guide) में एक बात का ध्यान हमेशा रखना चाहिए। जिस तरह से आईबीएस की समस्या होने पर फाइबर युक्त फूड आपको लाभ पहुंचाते हैं, वहीं हाय फाइबर डायट आपको नुकसान भी पहुंचा सकती है। ऐसा नहीं है कि आपको अपनी डायट से फाइबर युक्त आहार को हटा देना चाहिए बल्कि आपको खाने में लो फाइबर वाले फूड्स जैसे कि सेब, जामुन, गाजर, और दलिया जैसे सॉल्युबल फाइबर युक्त खाने को आपको आहार में जरूर शामिल करना चाहिए। घुलनशील फाइबर आसानी से पानी में घुल जाता है। अघुलनशील फाइबर में व्होल ग्रेन्स, नट्स, ब्रोकली, किशमिश, गोभी आदि शामिल हैं। आपको खाने के करीब आधे घंटे पहले एंटी डायरियल मेडिसिन (Anti-diarrheal medicines) का सेवन करना चाहिए।
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ग्लूटेन (Gluten) को कहें ‘ना’
अगर आपको आईबीएस की समस्या है, तो आपको ग्लूटेन फ्री डायट (Gluten-free diet) लेनी चाहिए। ग्लूटेन मुख्य रूप से ब्रेड और पास्ता में पाया जाता है। ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो ग्लूटेन इंटोलरेंस की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए हानिकारक होता है। ये इंटेस्टान को नुकसान पहुंचाने का काम करता है। जिन लोगों को ग्लूटेन इंटोलरेंस की समस्या होती है, वो लोग आईबीएस के लक्षणों को महसूस कर सकते हैं। बेहतर होगा कि आप ऐसे फूड्स बिल्कुल भी न खाएं, जिनमें ग्लूटेन पाया जाता हो। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
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इन चीजों से थोड़ा बना लें दूरी (Elimination diet)
एलिमेशन डायट के तहत आपको खाने में उन फूड्स को अवायड करना चाहिए, जो आईबीएस के लक्षणों को बिगाड़ने का काम कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको कुछ ही दिनों बाद आईबीएस के लक्षणों में सुधार दिखेगा। आपको कॉफी, चॉकलेट (Chocolate), अघुलनशील फाइबर, नट्स आदि से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। आप किसी भी एक फूड को अपनी डायट से करीब 12 हफ्तों के लिए हटा सकते हैं। फिर अगली बार आप किसी दूसरे फूड को हटाकर आईबीएस के लक्षणों में सुधार कर सकते हैं। अगर आपको इस बारे में अधिक जानकारी चाहिए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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