लो FODMAP डायट (Low FODMAP diet)
लो FODMAP डायट से मतलब उन कार्बोहाइड्रेट से है, जो इंटेस्टाइन में ठीक तरह से डायजेस्ट नहीं हो पाते हैं। ये कार्ब्स अधिक मात्रा में बाउल से पानी का अवशोषण करते हैं, इसलिए इनका सेवन करने से आईबीएस के लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं। ऐसे में अधिक गैस, सूजन और दस्त की समस्या हो सकती है। फरमंटेबल ऑलिगोसैकेराइड्स, मोनोसैकेराइड्स और पॉलियोल्स FODMAP डायट को प्रतिबंधित करते हैं और साथ ही आईबीएस के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करते हैं। सभी कार्बोहाइड्रेट FODMAP नहीं होते हैं। आपको खाने में निम्नलिखित फूड्स को अवॉयड करना चाहिए।
- लैक्टोज (दूध, आइसक्रीम, पनीर, दही)
- फूट्स जैसे कि आड़ू, तरबूज, नाशपाती, आम, सेब, प्लम आदि
- फलियां
- हाय फ्रक्टोज कॉर्न सिरप
- स्वीटनर्स
- गेहूं से बनी रोटी, अनाज, और पास्ता
- काजू और पिस्ता
- कुछ सब्जियां जैसे कि ब्रोकोली, प्याज, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, फूलगोभी, मशरूम आदि
फैटी फूड्स बढ़ा सकते हैं कब्ज का खतरा
हाय फैट फूड्स का सेवन कई बीमारियों को अपने साथ लेकर आता है। हमारे शरीर के लिए फैट जरूरी होता है लेकिन अधिक मात्रा में फैट फूड्स का सेवन हेल्थ से संबंधित समस्याओं का कारण भी बन सकता है। हाय फैट फूट्स में कम मात्रा में फाइबर होती है, जो आईबीएस से संबंधित कब्ज को बढ़ाने का काम करती है। अगर आप इस बीमारी से जूझ रहे हैं, तो उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन बिल्कुल बंद कर दें। साथ ही खाने में फ्राइड फूड्स और एनिमल फैट की जगह आप वेजीटेबल्स, ग्रेंस और लो फैट डेयरी प्रोडक्ट शामिल कर सकते हैं। आप अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
आईबीएस के लक्षणों से राहत पाने के लिए आपको खानपान में सुधार के साथ ही अधिक मात्रा में पानी भी पीना चाहिए। कई बार पानी की कम मात्रा भी कब्ज का कारण बन जाती है। साथ ही आपको रोजाना एक्सरसाइज भी करना चाहिए। खानपान की गलत आदतें कई बीमारियों का कारण बन सकती हैं। अगर आप इन पर ध्यान नहीं देंगे, तो आपको सेहत पर बुरा असर पड़ना शुरू हो जाएगा। कुछ फूड्स से परहेज कर आप आईबीएस के लक्षणों में सुधार कर सकते हैं। अगर आपको दवाओं के सेवन के साथ ही डायट में सुधार करने के बाद भी बीमारी के लक्षणों से राहत नहीं मिल रही है, तो इस बारे में डॉक्टर को तुरंत बताएं। हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आईबीएस डायट गाइड के बारे में जानकारी मिल गई होगी। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।