साल 2020 की शुरुआत ने ही दुनिया भर के लोगों के जीवन में खलबली मचा दी। सब लोग केवल चार दीवारी के अंदर बंद हो कर रह गए थे। न काम पर जाना, न किसी से मिलना, यहां तक की घर के बाहर जाने पर पूरी तरह से पाबन्दी। कुछ दिन पहले तक जिम तो छोड़िए, लोग खुली हवा में भी वर्कआउट या सैर नहीं कर पा रहे थे। जो लोग पहले जिम और एक्सरसाइज के शौकीन थे, अब घरों में पैक होने के बाद कुकिंग उनका पसंदीदा काम बन गया। यानी, पूरा दिन बस खाना, टीवी देखना और लैपटॉप पर काम करना। ऐसे में कब्ज की समस्या दस्तक दे सकती है ऐसे में कब्ज के लिए योगासन करना बेहतर विकल्प माना गया है। वहीं एक्सपर्टस के मुताबिक इतने लंबे समय तक घरों में कैद रहने का बुरा असर हमारे दिमाग और पेट पर पड़ा है। जिसकी वजह से लोगों में इस दौरान कब्ज की तकलीफ अधिक देखी गई है। हो भी कैसे न? जब इंसान सिर्फ एक ही जगह कैद होकर बैठ जाए, तो पेट की हालत खराब होते देर नहीं लगती।
जब हमने कॉन्स्टिपेशन की इस तकलीफ के बारे में एक्सपर्ट से जानना चाहा, तो मुंबई के जानेमाने हॉस्पिटल वॉकहार्ट में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट कंसल्टेंट के रूप में कार्यरत डॉ रुचित पटेल ने बताया, “कॉन्स्टिपेशन से और भी कई तकलीफें जुड़ी हुई हैं, जो सभी डिस्पेप्सिया (अपच) के कारण होती हैं। इन तकलीफों में ब्लोटिंग, हार्टबर्न, एसिडिटी, जैसी दिक्कतें आम हैं। ये सभी तकलीफें कॉन्स्टिपेशन से जुड़ी हुई हैं। आम तौर पर माना जाता है कि जब व्यक्ति रोजाना टॉयलेट का सफर ना कर पाए, तो उसे कॉन्स्टिपेशन है। लेकिन ये मोशन के दौरान होनेवाली परेशानी पर ज्यादा निर्भर करता है।”
हम सब कब्ज को हल्के में लेते हैं। लेकिन कब्ज (Constipation) को एक आम परेशानी समझने की भूल कभी न करें।
क्योंकि ये आपके दिन का चैन और रातों की सुकून भरी नींद को उड़ाने में कोई कसर नहीं रखेगा। लेकिन अगर आप भी कब्ज से परेशान हैं और अब तक सिर्फ कब्ज के लिए घरेलू उपचार पर ही टिके हुए हैं, तो अब समय आ गया है इनमें सॉलिड बदलाव लाने का। कब्ज से आपको घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कब्ज आज नहीं तो कल, ठीक हो ही जाएगा। लेकिन ऐसा तब होगा, जब आप इस आफत से बाहर निकलने के लिए अपनाएंगे योग का रास्ता।
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भाई अब आपको लगेगा कि ये कैसे मुमकिन है! लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे करने के बाद आपको ऐसे राहत मिलेगी, जैसे किसी ने जादू की छड़ी घुमाई हो। चलिए जानते हैं कॉन्स्टिपेशन यानी कि कब्ज के लिए योगासन (Yoga asanas for constipation) के बारे में, जिसे आप कह सकते हैं कॉन्स्टिपेशन योगा (Constipation Yoga)। आज इस आर्टिकल में कब्ज के लिए योगासन से जुड़ी जानकारी आपके साथ शेयर करेंगे।
चलिए.. तो क्या कब्ज (Constipation) के रॉकेट पर लगाई जाए योग (Yoga) की चिनगारी?
कब्ज और योग के बारे में जानने से पहले यह जानना भी जरूरी है कि कब्ज की वजह से आपके शरीर में क्या असर पड़ता है। जब आपको कब्ज होता है, तो स्टूल (stool) सख्त हो जाता है और आंतों में चिपक जाता है। यही वजह है कि ये बड़ी आंत तक नहीं पहुंच पाता। यानी शरीर अपने वेस्ट मटेरियल को बाहर का रास्ता नहीं दिखा पाता और आप घंटों मोशन की राह देखते बाथरूम की दीवारें देखते रहते हैं।
अब सवाल यह उठता है कि क्या योग से कब्ज में फायदा हो सकता है? कब्ज के लिए योगासन (Yoga asanas for constipation) एक नहीं बल्कि बहुत से फायदे पहुंचाने का काम करता है। जब आप योग करते हैं तो इससे डायजेस्टिव सिस्टम (Digestive System) से जुड़े अंगों की अच्छे से मसाज होती है और उनकी स्ट्रेचिंग भी होती है। जिससे स्टूल (stool) को बाहर निकालने में मदद मिलती है और कॉन्स्टिपेशन की तकलीफ से काफी हद तक राहत मिल सकती है। वहीं कब्ज की तकलीफ जब आपके सुकून को औने-पौने दामों में बेचने पर उतारू हो जाए, तो इससे आपको बचा सकता है लैक्सेटिव। जिसमें खास तौर पर आप स्टिम्युलेंट लैक्सेटिव (Stimulant Laxatives) बिसाकोडिल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये रात भर में आपके पेट की ऐसी मरम्मत करेगा कि सुबह आप खुद भूल जाएंगे कि आपको कभी कब्ज की तकलीफ थी भी। यानी कहने का मतलब ये है कि आपके लिए ये एक गैरेंटीड रिलीफ का सौदा है।
साथ ही साथ आपको एक बात और भी याद रखनी चाहिए कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ योग करने से आपकी ये तकलीफ चुटकियों में दूर हो जाएगी। लेकिन इसमें भी कोई शक नहीं कि रोजाना योग करने से इस तकलीफ में आप आराम पा सकते हैं। तो चलिए वक्त ना गंवाते हुए जानते हैं उन आसनों के बारे में, जो कब्ज की टीम में नहीं, बल्कि आपकी टीम में हैं।
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अगली बार जब कब्ज शोर मचाए, तो योग की लाठी तैयार रखियेगा!
योग के जादू के बारे में तो आप सब जानते ही हैं। योग में ऐसे कई आसन हैं, जिन्हें करने से डायजेस्टिव सिस्टम की अच्छे से मालिश होती है। यानी, स्टूल (stool) को शरीर से बाहर निकलने में आसानी होती है। पुराने से पुराने कब्ज (Constipation) में योगासन आपको आराम दिला सकता है। तो आइए जानते हैं इन आसनों के बारे में..
कब्ज के लिए योगासन: शंख प्रक्षालन (वारिसर धौति) – पेट की पूरी-पूरी सफाई (Master Cleansing)
कब्ज के लिए योगासन (Yoga asanas for constipation) या कॉन्स्टिपेशन योगा को करने से यह मुसीबत आपकी जिंदगी से इस तरह से निकल जाएगी, जैसे कभी थी ही नहीं। सबसे पहले जानिए क्या है शंख प्रक्षालन। शंख प्रक्षालन (Master Cleansing) योग की ऐसी विधि है, जिसे करने से शरीर से सारे टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं। ये आसनों का ऐसा ग्रुप है, जिसमें आसनों को एक के बाद एक करना होता है। लेकिन ध्यान रहे कि किसी योग गुरु की निगरानी में ही आप इसे करें। अरे हां, इस योग के हर एक आसन को करने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी में नमक या नींबू मिला कर पीने की सलाह दी जाती है। क्यों? आइये आपको बताते हैं..
कब्ज के लिए योगासन में प्रमुख है ताड़ासन (Mountain Pose)
इस आसन में शरीर पूरी तरह से स्ट्रेच होता है और इससे डायजेस्टिव सिस्टम का मसाज होता है। जब आप ये आसन करते हैं, तो पानी गले से होता हुआ हमारे पेट तक पहुंच जाता है। साथ ही साथ वहां की सफाई की प्रोसीजर शुरू हो जाती है। इसे कॉन्स्टिपेशन योगा भी कह सकते हैं।
कब्ज के लिए योगासन (Yoga asanas for constipation): कैसे करें ताड़ासन?
- कब्ज के लिए योगासन की लिस्ट में शामिल ताड़ासन को करने के लिए सबसे पहले किसी शांत जगह पर एक मैट या आसन बिछा लें।
- अब मैट पर पैर के बीच थोड़ा फासला रख कर खड़े हो जाएं।
- अपने हाथों ऊपर उठाकर उंगलियों को एक-दूसरे में पिरो लें।
- अब अपने पूरे शरीर को ऊपर उठाते हुए अपने शरीर के भार को पैरों पर डालें और शरीर को स्ट्रेच करें।
- अब धीरे-धीरे अपनी पहले वाली स्थिति में आ जाएं।
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कब्ज के लिए योगासन करना चाहते हैं तो अपनाएं कटि चक्रासन (Standing Spinal Twist)
इस आसन में कटी का अर्थ है कमर और चक्रासन का अर्थ है चक्र के समान घूमना, इसलिए इस आसन को कटी चक्रासन कहा जाता है। इस आसन को करने से छोटी आंत में मौजूद नमकीन पानी वेस्ट मटेरियल यानी स्टूल (stool) के साथ मिल कर बड़ी आंत में पहुंचता है।
कब्ज के लिए योगासन: कटि चक्रासन (Standing Spinal Twist) करने का तरीका
- कब्ज के लिए योगासन की लिस्ट में शामिल कटि चक्रासन के लिए जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं और अपने पैरों को एक दूसरे से दूर रखें।
- अब अपनी हथेलियों को शरीर के सामने की तरफ सीधा करें।
- अब अपने हाथों से दाएं कंधे को टच करें। अब धीरे से सांस छोड़ें और अपने सिर, गर्दन, छाती और कमर को भी दायीं तरफ मोड़ें।
- इस दौरान आपको दायीं तरफ ही देखना है।
- कुछ पल इसी स्थिति में रहने के बाद पहले की स्थिति में वापस आएं।
- अब फिर से बाईं ओर इस आसन को दोहराएं।
कब्ज के लिए योगासन में शामिल करें उदराकर्षणासन (Abdominal Twist Pose)
उदराकर्षणासन में उदर का मतलब है पेट, यानी इस आसन को करने से पेट पर प्रेशर पड़ता है। इसीलिए इसका नाम उदराकर्षणासन (Abdominal Twist Pose) है। इस आसन को करने से नमकीन पानी के साथ स्टूल शरीर से बाहर आसानी से आ जाता है। इसे भी कॉन्स्टिपेशन योगा कहा जा सकता है। यह पूरी क्रिया का आखिरी स्टेप है। अगर आपने यह सारे आसन अच्छे से कर लिए, तो आपकी लाइफ हो जाएगी सॉर्ट।
कब्ज के लिए योगासन: ऐसे करें उदराकर्षणासन
- कब्ज के लिए योगासन की लिस्ट में शामिल उदराकर्षणासन को करने के लिए जमीन पर इस तरह से पैरों के बल बैठे, जैसे कोई स्टूल पास करने के लिए बैठा हो। अपने घुटनों पर अपने हाथ रखें और पैरों को एक दूसरे से दूर रखें।
- अब अपने दाएं पैर को बायीं ओर झुकाते हुए मोड़ें और बायीं जांघ से पेट पर प्रेशर बनाएं।
- सांस छोड़ते हुए अपने सिर, छाती, कमर और गर्दन सबको बाईं तरफ घुमा लें।
- अब सांस लेते हुए अपनी पहली वाली स्थिति में आ जाएं।
- दूसरी दिशा में इस आसन को दोहराएं।
इस आसन से जल्दी और अच्छा रिजल्ट मिलता है और कॉन्स्टिपेशन की तकलीफ दूर होती है। लेकिन अगर आपको ये सभी आसन एक साथ करना मुश्किल लग रहा है, तो कोई बात नहीं, योग में हर मर्ज का इलाज है। कुछ और भी योगासन हैं, जिन्हें आप कर सकते हैं ताकि कब्ज (Constipation) दो मिनटों में हो जाए छूमंतर।
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कब्ज के लिए योगासन (Yoga asanas for constipation) में हलासन है (Plough Pose) – ईजी आसन
इसे कॉन्स्टिपेशन योगा कह सकते हैं। जब कब्ज आपका पेशेंस लेवल टेस्ट करने लगे, तो ये आसन आपकी मुश्किल आसान कर सकता है। इस आसन का नाम है हलासन। क्योंकि, ये डायजेस्टिव सिस्टम की पूरी मरम्मत कर देता है। इसे करने से मोशन होने में आसानी होती है, यानी पेट हो जाता है बिलकुल साफ। तो क्यों न इसे ट्राय किया जाए?
कैसे करें हलासन (Plow Pose)?
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले किसी शांत जगह पर योगा मैट या दरी बिछा लें।
- मैट या दरी पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को भी आराम से शरीर के साइड में रख दें।
- धीरे-धीरे सांस लें और अपने पैरों को ऊपर की तरफ नब्बे डिग्री के एंगल तक उठाएं।
- अब सांस छोड़ें और पैरों को अपने सिर की तरफ लाएं और पैरों की उंगलियों को सिर के पीछे से जमीन को टच करने की कोशिश करें।
- कुछ समय ऐसे ही रहें और उसके बाद अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएं। इस प्रक्रिया को दोहराएं।
कब्ज के लिए योगासन: नौकासन (Boat Pose) – कॉन्स्टिपेशन की नदी को यही कराएगा पार!
जैसा की नाम से पता चल रहा है कि इस आसन को करने के दौरान शरीर एक नांव की तरह दिखाई देता है। इसे करने से पेट से गैस तो रिलीज होती ही है, साथ ही डायजेस्टिव सिस्टम भी स्ट्रेच होता है। यही वजह है कि पेट की कई मुसीबतो से छुटकारा दिलाने में ये योगासन बेमिसाल है और इसे कॉन्स्टिपेशन योगा में शामिल किया जाता है।
कब्ज के लिए योगासन: नौकासन (Boat Pose) करने का तरीका
- इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और अपने पैरों को एक साथ रखें।
- आपके हाथ बिल्कुल आराम की स्थिति में हों।
- अब गहरी सांस लें और इसे छोड़ते हुए हाथों को उठायें और पैरों की तरफ ले जाने की कोशिश करें।
- इसके साथ ही अपने पैरों और छाती को भी ऊपर उठाएं।
- ऐसा करने से आपके पेट की मांसपेशियां सिकुड़ेगी।
- इसी तरह से गहरी सांस लें और इसी स्थिति में कुछ देर रहें।
- इसके बाद सांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में आ जाएं।
वैसे तो कब्ज के लिए योगासन (Yoga asanas for constipation) का कोई तोड़ नहीं है। यहां तक कि रिसर्च से भी यह बात सबित हो चुकी है। लेकिन योग से अगर आपको ज्यादा फर्क नहीं पड़ रहा हो, तो घबराने की कोई बात नहीं। क्योंकि आपके पास और भी तो इलाज हैं! और अब हम उनके बारे में भी आपको बताने ही वाले हैं।
रात काली ना करें, क्योंकि इसबगोल (Psyllium Husk) दिन में तो उजाला कर ही देगा!
पेट की तकलीफ हो और घर में इसबगोल का नाम ना आए, ऐसा हो ही नहीं सकता! हमें पक्का यकीन है कि आपने भी इसके बारे में जरूर सुना होगा। इसबगोल फाइबर से भरपूर होता है, जो एक तरह का लैक्सेटिव ही माना जाता है। वहीं जब आप इसे खाते हैं, तो सख्त स्टूल नरम होकर शरीर से बाहर निकल जाता है। फोर्टिस हॉस्पिटल के मेटाबॉलिक सर्जरी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर, डॉ. प्रदीप जैन के मुताबिक, “ईसबगोल बिना पचा हुआ फाइबर होता है, जो स्टूल को इकट्ठा करने और मुलायम बनाने के काम आता है। जिससे स्टूल को निकलने में कोई कठिनाई नहीं होती।” इसलिए कब्ज (constipation) है, तो इसबगोल भी होगा ही। साथ ही साथ आपको जानकर हैरानी होगी कि ये पेट की और भी कई तकलीफों को दूर करने के काम आता है। यानी, एक तीर से कई निशाने।
ये तो थी इसबगोल की बात, लेकिन एक कॉन्स्टिपेशन पर निशाना साधने के लिए हमारे पास एक तीर ऐसा है, जिसका निशाना आज तक नहीं चूका। यानी कि कब्ज का अचूक इलाज। क्या है वो? अभी बताते हैं..
जब कॉन्स्टिपेशन (Constipation) पर लगाना हो निशाना, तो लैक्सेटिव (Laxatives) का तीर ही आएगा काम!
एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि “जान है तो जहान है”। यह बात सेहत पर भी लागू होती है। क्योंकि, अगर हमारी तबीयत ठीक न हो, तो दुनिया की कोई चीज खुशी नहीं देती। ऐसे में कब्ज हो जाए, तो खुशी तो छोड़िये हम कम्फर्टेबल भी महसूस नहीं कर पाते। ऐसे में घरेलू नुस्खों की चाबी से ये ताला खुलना, नामुमकिन लगता है। अगर आपके साथ भी ऐसा ही है, तो डरिये नहीं, क्योंकि वक्त आ गया है खुल कर जीने का।अपनी खुशियों को पेट के अंदर तक ही सीमित न रहने दें, बल्कि पेट साफ करें और आने वाले समय का मजा लें।
ये मजा आपको तब मिलेगा, जब आप एक रात में ही इंस्टेंट इलाज पा जाएंगे। ऐसे में लैक्सेटिव की चाबी अपनी जेब में जरूर रखिए, क्योंकि ये कॉन्स्टिपेशन का ताला मिनटों में खोलना जानती है। और जब बात हो स्टिम्युलेंट लैक्सेटिव बिसाकोडिल (Bisacodyl) की, तो कहना ही क्या! ये आपके डायजेस्टिव सिस्टम के लिए एक ठंडी हवा का झोंका साबित होगा, क्योंकि कब्ज (constipation) की गर्मी से राहत दिलाने के लिए यही इलाज कारगर माना गया है। और फिर जब एक आसान तरीके से आपके पेट में मचा घमासान शांत हो सकता है, तो उसे अपनाने से पीछे क्यों हटना? देर मत करिये, क्योंकि देर का फल कभी मीठा नहीं होता।
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