प्रेग्नेंसी के दौरान कई बार ऐसा होता है कि मां बच्चे की मूवमेंट को पूरी तरह से महसूस नहीं कर पाती है, इसकी एक वजह एंटीरियर प्लेसेंटा (Anterior placenta) भी हो सकता है। ऐसा होने पर खास सावाधानियों की जरूरत होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान प्लेसेंटा (Placenta) मां से शिशु तक पोषक तत्वों और आक्सिजन पहुचाने का काम करता है। यह अदंरूरी संक्रमणों से लड़ने और स्वस्थ एवं सुरक्षित प्रेगनेंसी के लिए जरूरी हॉर्मोंस के निमार्ण में मददगार है। प्रेगनेंसी में प्लेसेंटा की स्थिति और पोजिशन बहुत महत्वपूर्ण होती है और इसमें एंटीरियर प्लेसेंटा क्या रोल होता है। आइए जानते हैं कि किस तरह एंटीरियर प्लेसेंटा (Anterior placenta) की स्थिति गर्भावस्था को प्रभावित कर सकती है।
एंटीरियर प्लेसेंटा (Anterior placenta) से पहले जानें प्लेसेंटा क्या है?
एंटीरियर प्लेसेंटा (Anterior placenta) से पहले जानें बता दें कि प्लेसेंट क्या होता है। दरअसल, प्रेग्नेंसी दौरान प्लेसेंटा का बहुत महत्वपूर्ण रोल होता है। प्लेसेंटा एक अस्थाई अंग है जो कि प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे को बढ़ने और विकसित होने में मददगार है। अगर आसान भाषा में समझना चाहें, तो हमारा पेट गोल आकार का होता है, जो गर्भाशय की दीवार से जुड़ा हुआ होता है और गर्भनाल के जरिये शिशु इससे जुड़ा होता है। तो ऐसे में प्लेसेंटा आपके रक्त की आपूर्ति से आपके बच्चे को ऑक्सिजन, पोषक तत्व और एंटीबॉडी पहुंचाने का काम करता है।
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एंटीरियर प्लेसेंटा (Anterior placenta) क्या है ?
अगर एंटीरियर प्लेसेंटा (Anterior placenta) की बात करें, तो जब प्लेसेंटा (Placenta) पेट की दीवार से जुड़ा हुआ गर्भाशय के सामने वाले हिस्से से अपने आप जुड़ जाता है, तो इस स्थिति को एंटीरियर प्लेसेंटा (Anterior placenta) कहते हैं। क्योंकि प्लेसेंटा खुद को गर्भाशय में कहीं भी जुड़ सकता है। वैसे यह यह बैक की तरफ रीढ की हड्डी के नजदीक और पोस्टीरियर की ओर विकसित होती है। एंटीरियर प्लेसेंटा (Anterior placenta) के पोजिशन होने पर मां शिशु की अधिकतर मूवमेंट को महसूस नहीं कर पाती हैं। लेकिन यह स्थिति बहुत कम ही देखी जाती है। यानि कि दुर्लभ ही किसी गर्भवती महिला को एंटीरियर प्लेसेंटा होता है और यदि किसी महिला की पहले सिजेरियन डिलीवरी हो चुकी है, तो इसके होने का खतरा अधिक रहता है।
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एंटीरियर प्लेसेंटा का प्रेग्नेंसी पर प्रभाव
प्रेग्नेंसी के दौरान प्लेसेंटा की पोजिशन का भ्रूण (Embryo) पर कोई असर नहीं पड़ता है, पर प्लेसेंटा गर्भाशय ग्रीवा को ब्लॉक कर सकता है, तो इस स्थिति में मां के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। इस स्थिति को प्लेसेंटा प्रीविया कहते हैं, जो कि मां के हेल्थ के लिए सही नहीं है। प्लेसेंटा प्रीविया को मॉनिटर करने के लिए प्रेग्नेंट मां को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी पड़ सकती है। इतना ही नहीं इस कंडिशन में सिजेरियन डिलीवरी की भी आवश्यकता पड़ सकती है। हालांकि, एंटीरियर प्लेसेंटा (Anterior placenta) में ऐसा नहीं होता है, इसमें ऐसी गंभीर स्थिति नहीं है। प्लेसेंटा की पोजिशन शिशु के सामने होने के कारण प्रेग्नेंट मां को बच्चे की मूवमेंट पोस्टीरियर पोजिशन की तरह महसूस नहीं होती है।
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एंटीरियर प्लेसेंटा के कारण जटिलताएं (Complications due to anterior placenta)
एंटीरियर प्लेसेंटा (Anterior placenta) के कारण प्रेग्नेंसी के दौरान मां को कुछ जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। एंटीरियर प्लेसेंटा की पोजिशन प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकती है। लेकिन आपमें क्या जटिलताएं हो सकती हैं, यह डॉक्टर के जांच द्वारा पता चलेगा। एंटीरियर प्लेसेंटा वाली गर्भवती महिला में प्रीक्लैंप्सिया, इंट्रायूट्राइन ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन, जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes), प्लेसेंटा एब्रप्शन और इंट्रायूट्राइन फीटल डैथ की समस्या होने का खतरा देखा गया है। इतना ही नहीं, एंटीरियर प्लेसेंटा वाली महिलाओं में डिलिवरी बाद कोई समस्या पैदा होने का अधिक खतरा रहता है। इसके अलावा एंटीरियर प्लेसेंटा में डॉक्टर को जांच के दौरान भ्रूण की धडक्कन सुनने में कठनाई हो सकती है।
एंटीरियर प्लेसेंटा आपकी गर्भावस्था को कैसे प्रभावित कर सकता है (How Anterior Placenta Can Affect Your Pregnancy)?
वैसे तो, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का लगातार चेकअप होता है रहता है। मां और बच्चे दोनों की स्थिति डाॅक्टर की निगरानी में रहती है। वैसे प्रेग्नेंसी के दौरान (During pregnancy) एंटीरियर प्लेसेंटा के कारण कोई गंभीर परेशानी नहीं होती है और अन्य लक्षणों के कारण प्लेसेंटा में दिक्कत जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। इसके लक्षणों में वैजायना से ब्लीडिंग होना, कमर में तेज दर्द, पेट में दर्द, शिशु की मूवमेंट कम महसूस होना और पेट में दर्द जैसे लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। प्लेसेंटा में दिक्कत के लक्षण आचानक से सामने आ सकते हैं और इसके लक्षण अधिक गंभीर नहीं होते हैं। एंटीरियर प्लेसेंटा शिशु के विकास या स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं कर सकता है। अधिकतर मामलों में इसमें शिशु की जान का खतरा नहीं होता है।
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ध्यान दें
एंटीरियर प्लेसेंटा का प्रेग्नेंसी के दौरान क्या रोल होता है, यह जाना आपने। हालांकि यह गंभीर जोखिम भरा नहीं होता है, लेकिन फिर भी डाॅक्टर द्वारा बताई गई सावधानियों का ध्यान रखना जरूरी होता है, ताकि डिलिवरी के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत न आए। इसके लक्षण यानि कि बच्चे की मूवमेंट कम महसूस होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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