प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में एक साथ ही कई इमोशंस देखने को मिलते हैं। महिलाओं के मन में प्रेग्नेंसी के दौरान जहां एक ओर खुशी देखने को मिलती है, वहीं दूसरी ओर चिंता और एक्साइटमेंट भी रहता है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को फिजिकल चैलेंज के साथ ही इमोशनल चैलेंज का भी सामना करना पड़ता है। अगर समय पर रोजाना हेल्दी डायट का सेवन करने के साथ ही लाइट फिजिकल एक्टिविटी की जाए, तो प्रेग्नेंसी के पड़ाव आसानी से पार किए जा सकते हैं। प्रेग्नेंसी की खबर मिलते ही महिलाओं के मन में खानपान को लेकर एक नहीं बल्कि बहुत से प्रश्न होते हैं। खाने में विटामिंस, प्रोटीन के साथ जरूरी मिनिरल्स शामिल करना बहुत जरूरी होता है। प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में मितली का एहसास अधिक होता है, इसलिए महिलाओं के मन में जरूरी पोषण को लेकर चिंता बनी रहती है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको फ़र्स्ट ट्राइमेस्टर डायट ( First trimester diet) के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
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फ़र्स्ट ट्राइमेस्टर डायट ( First trimester diet)
फ़र्स्ट ट्राइमेस्टर डायट ( First trimester diet) में क्या शामिल करना है या फिर क्या नहीं, आपको इस बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। कुछ महिलाओं के मन में ये बात भी होती है कि अब उन्हें एक नहीं बल्कि दो लोगों के लिए खाना होगा, जो कि गलत धारणा है। आपको दिन में कई बार खाने की जरूरत लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि आप अधिक मात्रा में खाना खाएं।फ़र्स्ट ट्राइमेस्टर डायट ( First trimester diet) में करीब 300 कैलोरी की ज्यादा जरूरत होती है। आपको खाने में फल, सब्जियों के साथ ही प्रोटीन युक्त भोजन की जरूरत होती है। आपको खाने में कुछ मात्रा में फैट भी शामिल करना चाहिए। जानिए फ़र्स्ट ट्राइमेस्टर डायट ( First trimester diet) में क्या शामिल करना चाहिए।
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फ़र्स्ट ट्राइमेस्टर डायट ( First trimester diet) में शामिल करें फ्रूट्स और वेजीटेबल्स
आपको रोजाना तीन से पांच वेजीटेबल्स का सेवन करना चाहिए। आप चाहे तो खाने में कलरफुल सब्जियां भी शामिल कर सकते हैं। खाने में पालक को जरूर शामिल करें क्योंकि इसमें फोलिक एसिड होता है, जो रेड ब्लड सेल्स के फॉर्मेशन के लिए बहुत जरूरी होता है। अगर महिला को हायपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism) की समस्या है, उन्हें खाने में ब्रोकली (Broccoli) को अवॉयड करना चाहिए। आपको खाने में हरी मटर, टमाटर, कलरफुल शिमला मिर्च, आलू आदि को फ़र्स्ट ट्राइमेस्टर डायट में शामिल करना चाहिए।
आपको खाने में फलों में सिट्रस फ्रूट्स (Citrus fruits) जरूर शामिल करने चाहिए। सिट्रस फ्रूट्स में फोलिक एसिड (Folic acid) होता है, जो रेड ब्लड सेल्स के फॉर्मेशन के लिए बहुत जरूरी होता है। आप ऑरेंज, ग्रेप्स, स्वीट लाइम आदि शामिल कर सकते हैं। साथ ही फलों में केला, पीयर, चेरीज, अमरूद, एप्पल, अनार, आम और वॉटरमेलन जैसे फल भी शामिल कर सकते हैं। अगर आपको किसी फल से समस्या है, तो बेहतर होगा कि उसका सेवन न करें।
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फ़र्स्ट ट्राइमेस्टर डायट में डेयरी प्रोडक्ट (Dairy products in your diet)
फ़र्स्ट ट्राइमेस्टर डायट ( First trimester diet) में डेयरी प्रोडक्ट को भी जरूर शामिल करें। डेयरी प्रोडक्ट में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम होता है, जो होने वाले बच्चे के विकास के लिए बहुत जरूरी है। आप डायट में दही, दूध और पनीर के साथ ही योगर्ट भी शामिल कर सकते हैं। ये आपके बच्चे की हड्डियों के लिए आवश्यक कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन डी का अच्छा सोर्स हैं। जो कैल्शियम आप लेंगी, उसी से बच्चे की हड्डियों का विकास होगा। अगर आपको दूध पीना पसंद नहीं है, तो आप दूध के विकल्प के रूप में सोया मिल्क भी पी सकती हैं। बेहतर होगा कि इस बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्त करें।
साबुत अनाज (Whole grain)
आपको फ़र्स्ट ट्राइमेस्टर डायट ( First trimester diet) में डेयरी प्रोडक्ट, फल, फ्रूट्स के साथ ही व्होल ग्रेंस को भी शामिल करें। साबुत अनाज में आप मल्टीग्रेन चपाती, गेहूं का पास्ता, दलिया, गेहूं की रोटी और भूरे चावल आदि जरूर खाएं। अनाज में जरूरी कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) के साथ ही पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, आयरन (Iron), जिंक, कॉपर, मैग्नीशियम, फाइबर, विटामिन बी, एंटीऑक्सीडेंट्स भी मिलता है। आप रोजाना अलग अनाज का इम्तेमाल भी कर सकते हैं। जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज की समस्या होती है या फिर मोटापे की समस्या होती है, उनके लिए साबुत अनाज का सेवन लाभदायक होता है।
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फ़र्स्ट ट्राइमेस्टर डायट में जरूरी न्यूट्रिएंट्स
आपको फस्ट ट्राइमेस्टर डायट में जरूरी न्यूट्रिएंट्स को जरूर शामिल करना चाहिए। आपको खाने में एक ही तरह के या फिर एक ही जैसी न्यूट्रीशन वैल्यू वाले फूड्स से बचना चाहिए और विभिन्न प्रकार के फूड्स का सेवन कर जरूरी न्यूट्रीशन लेना चाहिए। बेहतर होगा कि आप खाने में सीजनल फूड्स यानी सीजनल फल और सब्जियों का ही सेवन करें। साथ ही खाने में डॉक्टर से फोर्टिफाइड फूड्स के बारे में भी जानकारी लें। बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें।
फोलिक एसिड: बीन्स, खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां।
कैल्शियम: डेयरी (दूध, दही और पनीर) और गहरे रंग के पत्तेदार सब्जियां।
आयरन: मांस, मुर्गी, सी फूड्स, बीन्स।
कोलाइन: रेड मीट और अंडे में पाया जाता है।
विटामिन बी 12: मांस, मुर्गी, सी फूड, ब्रेड और अनाज।
ओमेगा-3 फैटी एसिड: फैटी फिश, चिया सीड्स, फ्लैक्स सीड्स और फोर्टिफाइड फूड्स।
अगर आपको किसी भी फूड से या फिर डेयरी प्रोडक्ट से किसी प्रकार की समस्या है, तो आपको प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसे फूड्स का सेवन करने से बचना चाहिए वरना आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपको गर्भावस्था के दौरान किसी प्रकार की हेल्थ कंडीशन है, तो प्रेग्नेंसी डायट प्लान करते समय इस बात पर विशेष ध्यान दें। प्रेग्नेंसी के दौरान खाने के साथ ही भरपूर मात्रा में पेय पदार्थों का सेवन भी करें। एक्सपर्ट के अनुसार एक दिन में 8 आउंट ग्लासेज यानी लगभग देढ़ से दो लीटर पानी का सेवन करना चाहिए लेकिन अधिक पनी पीने से भी बचें। आप ऑरेंज जूस के साथ ही ग्रीन टी या फिर जिंजर टी (Ginger tea) को ऑप्शन के तौर पर शामिल कर सकते हैं। आप चाहे तो वेजीटेबल या फिर फ्रूट्स स्मूथी भी शामिल कर सकती हैं।
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प्रेग्नेंसी डायट में आपके ऐसे फूड बिल्कुल नहीं खाने चाहिए जिनसे आपको एलर्जी हो। आपको खाने में कच्चे मांस, कच्चे अंडे के साथ ही मछली के अधिक सेवन बचना चाहिए। मछली में मर्क्यरी पाया जाता है, जो बच्चे की हेल्थ के लिए अच्छी नहीं होती है। आपको पैक्ड फूड या फिर प्रोसेस्ड फूड्स को पूरी तरह से न कह देना चाहिए।
गर्भावस्था में डायट बहुत महत्वपूर्ण होती है। आपको खाने में ऐसी किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए, जिससे आपको परेशानी हो। आप पहली तिमाही में डायट के बारे में डॉक्टर से भी राय ले सकती हैं। हम उम्मीद करते हैं कि आपको फ़र्स्ट ट्राइमेस्टर डायट ( First trimester diet) से संबंधित ये आर्टिकल पसंद आया होगा। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
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