लोगों में हर्निया की दिक्कत तब आती है जब शरीर का अंदरूनी अंग या कोई हिस्सा या टिशू किसी और जगह पर चले जाएं या बढ़ जाता है। ज्यादातर मामलों में हर्निया पेट या पेट के निचले हिस्सों/ में होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान भी हर्निया होना संभव है। हालांकि, ये तबतक चिंता का विषय नहीं है जबतक इसमें किसी प्रकार का दर्द न हो। लेकिन अगर आपको लगता है कि बात बिगड़ रही है तो बिना देर किए डॉक्टर की मदद ली जानी चाहिए क्योंकि कई मामलों में हर्निया खतरनाक साबित हो सकता है। प्रेग्नेंसी के पहले और बाद में हर्निया की जांच जरूरी है जिससे डॉक्टर्स संभावित खतरे और उनसे निपटने के तरीके बता सकते हैं।